भरतपुर: जिले के अपना घर आश्रम ने मानवता की सेवा में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है. बेसहारा और असहाय महिलाओं के लिए यहां 1251 बेड क्षमता वाला नया होम तैयार किया गया है, जो न केवल उन्हें एक छत और सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उनके जीवन में गरिमा और आत्मनिर्भरता की नई रोशनी भी लाएगा. यह विशाल बिल्डिंग 1.34 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में बनाई गया है और इसकी लागत 14.42 करोड़ रुपए आई है.
18 वार्ड और विशेष सुविधाएं: आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि नए होम की डिजाइन महिलाओं की खास जरूरतों को ध्यान में रखकर की गई है. यहां अलग-अलग उम्र, बीमारियों और शारीरिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग 18 वार्ड बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ छत और बिस्तर देने की बात नहीं है. हम चाहते हैं कि यहां आने वाली हर महिला को प्यार, देखभाल और वह सम्मान मिले, जो वह अपने परिवार से कभी नहीं पा सकी.
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सेवा में महिलाएं ही साथी: डॉ भारद्वाज ने बताया कि इस नए होम में महिला प्रभुजनों की देखभाल के लिए केवल महिला सेवा साथी होंगी. यह व्यवस्था न केवल महिला प्रभुजनों को सुरक्षित माहौल देगी, बल्कि उनके दिल से जुड़ी तकलीफों को बेहतर तरीके से समझने और साझा करने का माध्यम भी बनेगी. डॉ भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम के इस नए होम में हर वह कोशिश की गई है, जो इसे महिला प्रभुजनों के लिए घर जैसा महसूस कराए. यहां रहने वाली महिलाओं के लिए मनोरंजन, चिकित्सा और भावनात्मक सहयोग की व्यवस्था की गई है.
पुनर्वास गृह, स्वावलंबी बनने की ओर कदम: डॉ भारद्वाज ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इस नए होम में एक पुनर्वास गृह भी तैयार किया गया है. यहां 200 प्रभुजनों को स्वावलंबी बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें. यह पहल न केवल उन्हें रोजगार दिलाने में मदद करेगी, बल्कि उनको सशक्त भी बनाएगी.
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अपना घर का महिला आश्रम एक नजर में
- 1251 बेड क्षमता
- 1.34 लाख वर्ग फुट में निर्माण
- 14.42 करोड़ की लागत
- 18 वार्ड होंगे भवन में
- 200 प्रभुजन की क्षमता का पुनर्वास गृह
मानवता का घर: भरतपुर का अपना घर आश्रम सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि मानवता का मंदिर बन गया है. यहां हर कोई, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, गरीब हो या अमीर, खुद को एक परिवार का हिस्सा महसूस करता है. यह नया होम एक और संदेश देता है कि कोई भी इंसान बेसहारा नहीं है, जब तक मानवता के हाथ उसका सहारा बनने को तैयार हैं. इसके साथ ही आश्रम की क्षमता 7500 प्रभुजन की हो जाएगी. 29 जनवरी से इसमें प्रभुजनों की शिफ्टिंग शुरू कर दी जाएगी और 23 फरवरी को इस भवन का लोकार्पण किया जाएगा.