चमोली: बदरीनाथ धाम में भविष्य की जरूरतों के हिसाब से मास्टर प्लान के तहत नई पेयजल योजना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके लिए जल संस्थान को विस्तृत सर्वे करते हुए शीघ्र इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है.
अगले 30 वर्ष का मास्टर प्लान: बदरीनाथ धाम में नई पेयजल योजना का प्रस्ताव तैयार करने को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जल संस्थान के साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने निर्देशित किया कि बदरीनाथ धाम में भविष्य की जरूरतों का विस्तृत आकलन करते हुए नई पेयजल योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए. इसमें स्थानीय लोगों, मंदिर समिति, आर्मी, आईटीबीपी समेत विभागों सहित सभी स्टेकहोल्डर के सुझाव लिए जाएं. आईएनआई डिजाइन कंपनी से समन्वय करते हुए बदरीनाथ मास्टर प्लान के साथ इसको इंटीग्रेट करें.
बदरीनाथ धाम में भविष्य में बनने वाले नए होटल, भवन और तीर्थयात्रियों की क्षमता का सही आकलन करते हुए प्रस्ताव बनाया जाए. वर्तमान पेयजल स्रोत के अलावा नए स्रोत चिन्हित करें. जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सबके सुझाव लेकर 20 जून तक बदरीनाथ में आईओटी आधारित नई पेयजल योजना का प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
बदरीनाथ में चल रहा मास्टर प्लान पर काम: दरअसल बदरीनाथ धाम में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत मास्टर प्लान पर काम चल रहा है. मास्टर प्लान के अनुसार बदरीनाथ मंदिर के आसपास 75 मीटर के दायरे में सारे पुराने निर्माण हटाने हैं. ऐसा करने से बदरीनाथ मंदिर के दूर से ही भव्य दर्शन होने लगेंगे. इसके साथ ही अहमदाबाद में नर्मदा और लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर अलकनंदा रिवर फ्रंट बनना है. बदरीनाथ में प्लाजा भी प्रस्तावित है. मास्टर प्लान में तीर्थयात्रियों का सामान रखने के लिए क्लॉक रूम भी बनेगा. यात्री पंक्तिबद्ध होकर दर्शन के लिए बढ़ें इसकी भी व्यवस्था होनी है.
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