कवर्धा: सरोधा डैम के पास रहने वाले मछुआरे अक्सर डैम से निकल रहे पानी में जाल डालकर मछली पकड़ते हैं. मछुआरों की किस्मत अच्छी रहती है तो कभी दो किलो तो कभी पांच किलो तक की फिश जाल में फंस जाती है. मंगलवार को भी आम दिनों की तरह मछुआरों ने पानी में जाल डाला. लोगों को लगा कि कोई मछली फंसी है. जाल को खीचने की कोशिश की गई लेकिन मछली इतनी बड़ी थी कि जाल में समा नहीं पा रही थी. चार से पांच लोगों ने मिलकर कड़ी मशक्कत के बाद मछली को काबू में किया. पकड़े गए मछली का नाम गांव वाले बीटकार बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि डैम से अबतक 40 से 45 किलो तक की मछली पकड़ी गई है लेकिन ये पहला मौका है जब इतनी बड़ी बीटकार मछली हाथ लगी है.
डैम से निकली 80 किलो की विशालकाय मछली: गांव वालों ने किसी तरह से मछली को पानी से बाहर लाकर उसका वजन किया तो पता चला कि उसका वेट 80 किलो से ऊपर है. इतनी बड़ी मछली फंसने के बाद गांव के लोग काफी खुश हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी तक सरोधा डैम से इतनी बड़ी मछली नहीं पकड़ी गई थी. ये पहला मौका है जब 80 किलो से ऊपर की फिश मछुआरों ने पकड़ी है. पकड़ी गई मछली इतनी बड़ी थी कि गांव के चार लोग उसे उठाकर गांव में ले गए. इतनी बड़ी मछली को देखने के लिए गांव में लोगों की भारी भीड़ भी जमा हो गई.
200 एकड़ में फैला से सरोधा डैम: सरोधा डैम का इतिहास काफी पुराना है. स्थानीय लोगों का कहना है कि डैम इतना बड़ा है कि इसका एक चक्कर पूरे दिन में भी नहीं लगाया जा सकता. राज्य सरकार ने सरोधा डैम की खूबसूरती को देखते हुए इसे टूरिस्ट प्लेस भी घोषित किया है. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां तैरारी और नौकायान का मजा लेने के लिए आते हैं. डैम चूकि रिजर्व एरिया में है लिहाजा इसमें कई किस्म के जलीय जीव भी रहते हैं. डैम से जब पानी को बाहर निकाला जाता है तब बड़ी संख्या में यहां स्थानीय मछुआरे मछली पकड़ने आते हैं.