शिमला: छोटा पहाड़ी राज्य भारतीय गणतंत्र की शान में बड़ी चमक बिखेर रहा है. देशभर में गणतंत्र दिवस की धूम मची है. पुरातन महादेश भारत की गौरव गाथा राजपथ पर प्रदर्शित हो रही है. इस अवसर पर संविधान की पहली प्रिंटेड कॉपी प्रकाशित करने और सहेजने वाले राज्य हिमाचल की बात करना भी जरूरी है. हिमाचल बेशक छोटा राज्य है, लेकिन देश की शान में इस राज्य ने बड़े योगदान दिए हैं.
हिमाचल के वीर जवान: देश के पहले परमवीर मेजर सोमनाथ शर्मा हिमाचल से थे. वहीं, करगिल विजय गाथा में देवभूमि के दो परमवीरों कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र बलिदान उपरांत) व सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम सुनहरे अक्षरों से लिखे गए हैं. मेजर धन सिंह थापा परमवीर चक्र विजेता भी हिमाचल से ही थे. आजादी के बाद से अब तक हिमाचल ने देश की शान में चार परमवीर चक्र, दस महावीर चक्र, 18 कीर्ति चक्र, 51 वीर चक्र और 89 शौर्य चक्र विजेता अर्पित किए हैं. भारत महान की सेना में 55 हजार से अधिक अफसर व सैनिक भारत मां की सेवा कर रहे हैं. आगे की पंक्तियों में हिमाचल के योगदान की चर्चा दर्ज है.
![75th Republic Day 2024 in Himachal Pradesh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-01-2024/20597103_2.jpg)
देश का एप्पल बाउल: हिमाचल प्रदेश की पहचान सेब उत्पादन से है. इसे देश का एप्पल बाउल कहा जाता है. यहां चार लाख परिवार बागवानी से जुड़े हैं. हिमाचल में सेब उत्पादन का सफर सौ साल से अधिक का है. हिमाचल के बागवान अब देश के सेब उत्पादक राज्यों के मेंटर बनकर उभरे हैं. यहां सालाना ढाई करोड़ से चार करोड़ पेटी सेब पैदा होता है. इसे सेब उत्पादन का चमत्कार ही कहा जाएगा कि हिमाचल के शिमला का गांव क्यारी लंबे समय तक एशिया का सबसे अमीर गांव रहा. हाल ही के समय में ये गौरव शिमला के मड़ावग गांव को भी मिला था.
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एशिया का फार्मा हब: हिमाचल एशिया का फार्मा हब है. बीबीएन यानी बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में सालाना 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक की दवाएं बनती हैं. वहीं, ऊना में बल्क ड्रग पार्क बन जाने के बाद हिमाचल पूरी दुनिया का फार्मा सेक्टर का सिरमौर हो जाएगा. बल्क ड्रग पार्क का निर्माण कार्य तय प्रक्रिया से गुजर रहा है.
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अटल टनल ने बदली तस्वीर: लाहौल में अटल टनल बन जाने के कारण घाटी अब शेष विश्व से साल भर संपर्क में रहती है. ये टनल सामरिक महत्व की है. इस टनल के बनने से टूरिज्म सेक्टर में बूम आया है. इंजीनियरिंग के इस नायाब नमूने को देखने के लिए रिकार्ड संख्या में सैलानी आते हैं. वहीं, धार्मिक पर्यटन की बात करें तो हिमाचल में शक्तिपीठों में शीश झुकाने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं. यहां मां चिंतपूर्णी, मां ज्वाला जी, मां चामुंडा, मां भीमाकाली, मां बज्रेश्वरी के मंदिर हैं. वहीं, सोलन जिला के जटोली में एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है. मंडी छोटी काशी कहलाती है तो कुल्लू में प्रभु श्रीराम की बड़ी बहन मां शांता जी का मंदिर है.
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उर्जा राज्य भी है हिमाचल: हिमाचल में पैदा होने वाली बिजली देश के अन्य राज्यों को भी रोशन करती है. पहाड़ी राज्य के पास 27 हजार मैगावाट उर्जा दोहन की क्षमता है. हिमाचल प्रदेश देश राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल सहित दिल्ली को भी बिजली प्रदान करता है.
ग्रीन हिमाचल क्लीन हिमाचल: हिमाचल का फॉरेस्ट कवर भारत के लिए मिसाल की तरह है. यहां ग्रीन फैलिंग यानी हरी टहनी और हरा पेड़ काटने पर पाबंदी है. हिमाचल अपना फॉरेस्ट कवर 33 फीसदी तक करने के लिए प्रयासरत है. यहां ई-व्हीकल चलाए जा रहे हैं. ग्रीन स्टेट बनाने की राह में सरकार प्रयास कर रही है. हिमाचल का परिवहन निदेशालय देश का पहला सरकारी महकमा है, जहां सभी अफसर ई-वाहन से चलते हैं. इससे अब तक 38 लाख का पेट्रोल व डीजल बचाया जा चुका है.
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हर घर नल से जल देने वाला पहला राज्य: इसके अलावा हर घर को नल से जल देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. यही नहीं, पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश देश का पहला एलपीजी युक्त और धुआं मुक्त प्रदेश है. यहां हर घर में गैस चूल्हा है. इसके अलावा प्रथम पंक्ति में शामिल हुए हिमाचल में देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भी है. बिलासपुर के बंदला में इस कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो चुकी है.
पहली ई-विधानसभा, पहला ई-बजट: हिमाचल को देश की पहली ई-विधानसभा स्थापित करने का गौरव हासिल है. देश के सबसे साक्षर राज्य केरल सहित करीब दस राज्य हिमाचल से ई विधान प्रणाली सीखने आ चुके हैं और अपने यहां इस प्रणाली को स्थापित करने की इच्छा जता चुके हैं. हिमाचल की पूर्व सरकार के समय में ई-बजट पेश करने की प्रक्रिया शुरू हुई. ऐसा करने वाला भी हिमाचल देश का पहला राज्य है. ये प्रक्रिया निरंतर जारी है. यही नहीं, ई-कैबिनेट करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. जल्द ही हिमाचल प्रदेश में सचिवालय भी ऑनलाइन हो जाएगा.
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