लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित सभी जनपदों के सरकारी विद्यालयों में अब हर दिन अपने स्कूलों में 75 प्रतिशत से अधिक बच्चों की उपस्थिति का लक्ष्य पूरा करना होगा. इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक ने बीएसए को आदेश जारी किया है. बच्चों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सुझाव भी जारी किए गए हैं. राज्य परियोजना कार्यालय से जानकारी मिली है, कि बच्चों की हर दिन उपस्थिति घटती बढ़ती रहती है. जो कि उनके विकास में बड़ी बाधा है. बार-बार अनुपस्थित रहने से बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता भी नहीं बढ़ सकती है. इसलिए, प्रत्येक विद्यालय में 75 प्रतिशत से अधिक बच्चों की उपस्थित अनिवार्य है. इसको लेकर शिक्षा महानिदेशक की ओर से अहम सुझाव भी जारी किए गये हैं.
बच्चे यदि छोटे भाई बहन को संभाल रहें हैं तो शिक्षक ध्यान दें: राज्य परियोजना कार्यालय ने पाया, कि बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो अपने यहां छोटे भाई बहनों को संभालने के लिए स्कूल नहीं आते हैं. इस स्थिति में 6 वर्ष से छोटे बच्चों की देखभाल एवं स्कूल पूर्व शिक्षा ग्रहण करने के लिये आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रवेश कराया जाये. इसमें 6 वर्ष से छोटे बच्चों की स्कूल पूर्व शिक्षा के साथ-साथ उनके बड़े भाई-बहनों की नियमित पढ़ाई से ही संभव हो सकेगी. पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की दर में निश्चित रूप से कमी आयेगी.पूरे प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 5 लाख से अधिक विद्यालय संचालित है. यहां पर करीब 2 करोड़ 30 लाख से अधिक बच्चे कक्षा एक से लेकर आठवीं तक पढ़ाई करते हैं.
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स्कूलों में बच्चों को मिलेंगी ये सुविधायें: टीएलएम, पुस्तकालय, प्रिंटरिच सामग्री, बिगबुक्स, गणित एवं विज्ञान किट, आकलन के तरीके, रिपोर्ट कार्ड, स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब तथा खेलकूद सामग्री, एक्सपोज़र विजिट्स (राष्ट्रीय आविष्कार अभियान), आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा में आवेदन भी कराया जायेगा.
शिक्षकों को इन सुझाव पर करना होगा अमल: अभिभावकों को शिक्षा महत्व बताते हुए, बच्चो को नियमित भेजने की अपील. गुणवत्तापूर्ण जीवन में शिक्षा की भूमिका के बतायी जाये.महापुरूषों की जीवनी से अवगत कराते हुये प्रेरित किया जाये. मिड-डे-मील, के साथ मिलने वाली निशुल्क सुविधायें बताई जायें.
लापरवाह शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई के आदेश: विद्यालयों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं. जो शिक्षक अनुपस्थित मिलते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए गये हैं. निरीक्षणों में विलम्ब से आने वाले शिक्षकों और अनधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षकों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करनी होगी. ड्रॉप आउट बच्चों को विद्यालय में नियमित लाने के लिये कार्ययोजना बनानी होगी. विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति न्यूनतम 75 प्रतिशत जरूरी है. साथ ही इससे अधिक भी लक्ष्य रखना होगा. विद्यालय में अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के माता-पिता से शिक्षक व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क स्थापित करते रहें है, ताकि बच्चे रोज स्कूल आयें.