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69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने मंत्री संजय निषाद के आवास का किया घेराव, नियुक्ति दिए जाने की मांग - 69000 teacher recruitment case

69000 शिक्षक भर्ती नियुक्ति मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने आज मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया. इससे पहले अभ्यर्थियों ने कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के आवास का घेराव किया था.

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अभ्यर्थियों ने किया संजय निषाद के आवास का किया घेराव (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 6, 2024, 4:03 PM IST

लखनऊ: हाई कोर्ट डबल बेंच का आदेश आने के बाद से लगातार 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया गया. यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थीयों ने नारेबाजी करते हुए हाई कोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने, नियुक्ति दिए जाने की मांग की. भारी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. इससे पहले गुरुवार को अभ्यर्थियों ने कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के आवास का घेराव किया था.

ओपी राजभर ने अभ्यर्थियों को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवाने और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. अभ्यर्थी इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, अपना दल (एस) पार्टी कार्यालय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के आवासों का भी घेराव कर चुके हैं. अभ्यर्थियों का कहना है, कि इन सभी मंत्री नेताओं ने अब तक केवल आश्वासन दिया है, किसी के आश्वासन से कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही है.

इसे भी पढ़े-69000 शिक्षक भर्ती: घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों से ओमप्रकाश राजभर बोले-CM योगी से करवाएंगे मुलाकात, शिक्षा मंत्री से भी की बात - 69000 teacher recruitment

आंदोलन व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा, कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं, कि वह मुख्यमंत्री योगी जी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराये. हम सभी अभ्यर्थी पिछले 4 साल से सड़कों पर भटक रहे हैं. अब कोर्ट का फैसला आया है, तो इसका पालन किया जाना चाहिए.

वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है. नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्त किए जाने का आदेश दिया गया है. लेकिन, सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है. हम चाहते हैं, कि सरकार जल्द से जल्द इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.

कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. लेकिन, सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है. केवल एक मीटिंग की है. हमारी मांग है, कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे.

यह भी पढ़े-69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने घेरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का आवास, प्रदर्शन के दौरान दो अभ्यर्थी हुए बेहोश - 69000 teacher recruitment

लखनऊ: हाई कोर्ट डबल बेंच का आदेश आने के बाद से लगातार 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया गया. यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थीयों ने नारेबाजी करते हुए हाई कोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने, नियुक्ति दिए जाने की मांग की. भारी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. इससे पहले गुरुवार को अभ्यर्थियों ने कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के आवास का घेराव किया था.

ओपी राजभर ने अभ्यर्थियों को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवाने और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. अभ्यर्थी इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, अपना दल (एस) पार्टी कार्यालय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के आवासों का भी घेराव कर चुके हैं. अभ्यर्थियों का कहना है, कि इन सभी मंत्री नेताओं ने अब तक केवल आश्वासन दिया है, किसी के आश्वासन से कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही है.

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आंदोलन व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा, कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं, कि वह मुख्यमंत्री योगी जी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराये. हम सभी अभ्यर्थी पिछले 4 साल से सड़कों पर भटक रहे हैं. अब कोर्ट का फैसला आया है, तो इसका पालन किया जाना चाहिए.

वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है. नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्त किए जाने का आदेश दिया गया है. लेकिन, सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है. हम चाहते हैं, कि सरकार जल्द से जल्द इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.

कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. लेकिन, सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है. केवल एक मीटिंग की है. हमारी मांग है, कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे.

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