शिमला: 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ हिमाचल प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा. 6 सीटों पर हो रहे इस उपचुनाव में सीएम सुक्खू के साथ कांग्रेस की साख दांव पर है. वहीं, बीजेपी 6 सीटों को जितकर विपक्ष में संख्या दल को बढ़ाने का प्रयास करेगी.
सुजानपुर विधानसभा सीट का समीकरण
सुजानपुर सीट पर कांग्रेस से बागी होकर बीजेपी में शामिल हुए राजेंद्र राणा और बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए रंजीत राणा के बीच मुकाबला है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर दोनों के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के रंजीत सिंह राणा को कड़े मुकाबले में 399 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं, इस बार भी इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है. खास बात ये है कि दोनों ही प्रत्याशी पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के शिष्य हैं. वहीं, राजेंद्र राणा ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने गुरु व बीजेपी के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल को हराया था.
बड़सर विधानसभा सीट का समीकरण
बड़सर विधानसभा सीट पर मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल और कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद ढटवालिया के बीच है. बीजेपी प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने साल 2012, 2017 और 2022 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर बड़सर से विधायक का चुनाव जीता था. इस बार लखनपाल ने हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद जिला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद पहली बार विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद के लिए यह चुनाव आसान नहीं है.
कुटलैहड़ विधानसभा सीट का समीकरण
ऊना जिले के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौतियों से भरा रहने वाला है. स्थानीय नेताओं के असंतोष के बीच कांग्रेस के बागी देवेंद्र भुट्टो बीजेपी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू के करीबी विवेक शर्मा को टिकट थमाया है. अब ये सीट सीएम सुक्खू की प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. कुटलैहड़ सीट डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के गृह जिला ऊना में आती है. ऐसे में डिप्टी सीएम और सीएम सुक्खू दोनों इस सीट पर जीत का परचम लहराने का प्रयास करेंगे. कांग्रेस के बागी देवेंद्र भुट्टो ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कुटलैहड़ विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को हराकर उलटफेर किया था. वीरेंद्र कंवर 2003 से लेकर 2017 तक यहां जीत का चौका लगा चुके थे, लेकिन 2022 में जीत का पंजा लगाने से चूक गए.
गगरेट विधानसभा सीट का चुनावी समीकरण:
ऊना जिले के तहत आने वाली गगरेट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राकेश कालिया और बीजेपी प्रत्याशी चैतन्य शर्मा के बीच है. चैतन्य शर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी राकेश कालिया 2 बार चिंतपूर्णी और एक बार गगरेट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2022 में चैतन्य शर्मा को टिकट देने के बाद राकेश कालिया बीजेपी में शामिल हो गए. चैतन्य शर्मा के बीजेपी में शामिल होते ही राकेश कालिया ने फिर घर वापसी करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. इस बार गगरेट में उनकी लड़ाई युवा चेहरे से है.
धर्मशाला में त्रिकोणीय मुकाबला:
धर्मशाला विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुधीर शर्मा, कांग्रेस प्रत्याशी देवेंदिर जग्गी और आजाद प्रत्याशी राकेश चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. राकेश चौधरी 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन सुधीर शर्मा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उपचुनाव में टिकट ना मिलने से नाराज राकेश चौधरी एक बार फिर उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं. राकेश चौधरी चुनावी अखाड़े में ऐसे खिलाड़ी हैं जो सुधीर शर्मा और देवेंद्र जग्गी दोनों के समीकरणों को बिगाड़ हैं. इस सीट पर राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए लगता है कि ये मुकाबला सीएम सुक्खू और सुधीर शर्मा के बीच है. सुधीर शर्मा केवल सीएम सुक्खू को ललकार रहे हैं, वहीं, दूसरे बागी विधायकों के मुकाबले सुधीर शर्मा ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के सबसे अधिक निशाने पर रहे हैं.
लाहौल-स्पिती में भी है त्रिकोणीय मुकाबला:
जनजातीय क्षेत्र लाहौल स्पीति में भी उपचुनाव दिलचस्प है. यहां जयराम सरकार में मंत्री रहे डॉ. रामलाल मारकंडा के चुनावी मैदान में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. रामलाल मारकंडा तीन बार लाहौल स्पीति से विधायक रहे हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है. बीजेपी ने कांग्रेस से बगावत करने वाले रवि ठाकुर को टिकट दिया है.
बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, बीजेपी ने 25 और तीन प्रत्याशी निर्दलीय जीत थे. निर्दलीय प्रत्याशियों ने बहुमत को देखते हुए कांग्रेस को समर्थन दिया था. ऐसे में इस साल 27 फरवरी को राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही थी. कांग्रेस ने राज्यसभा प्रत्याशी के तौर पर अभिषेक मनु सिंघवी को उतारा था. वहीं, बीजेपी ने हर्ष महाजन को अपना प्रत्याशी बनाया था. ऐसे में जब वोटिंग हुई तो कांग्रेस के 6 विधायकों व 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया. दोनों प्रत्याशियों को 34-34 वोट पड़े और फिर पर्ची के तहत नतीजा बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में गया. इस राजनीतिक हल-चल के बाद कांग्रेस ने अपने 6 विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी.
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