चित्तौड़गढ़. शहर के बहुचर्चित कमलेश बेनीवाल हत्याकांड में कोर्ट ने शनिवार को पांच आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास से दंडित किया. जबकि तीन आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया.
विशिष्ट न्यायालय अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण मामलों के पीठासीन अधिकारी उदय सिंह आलोदिया ने आरोपी चेतन सिंह, देवेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, राजेश कुमार, रोशन और राजेश को सजा सुनाई और 23000-23000 रुपए के जुर्माना से भी दंडित किया. विशिष्ट लोक अभियोजक हंसराज राकावत ने बताया कि मामला 5 जून, 2012 का है. शहर के उपरलापाड़ा में रहने वाला कमलेश बेनीवाल अपने दोस्त गोविंद से मिलने उसके घर गया था. वहां से अपने दोस्तों के साथ चामटी खेड़ा चला गया. जहां शराब की दुकान पर किसी बात को लेकर कुछ युवकों से उसका विवाद हो गया.
इस दौरान चेतन सिंह पुत्र रमन सिंह, देवेंद्र सिंह उर्फ पिंटू पुत्र दौलत सिंह, राजेश कुमार पुत्र शिवनारायण, कुलदीप पुत्र रमन सिंह, राजेश पुत्र राधेश्याम, किशनलाल पुत्र कैलाश, पप्पू पुत्र किशनलाल और रोशन पुत्र रामचंद्र ने उसके साथ जबरदस्त मारपीट की. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने उसे पत्थरों से मारा और नीचे गिरा दिया.
बाद में उसे अपनी मोटरसाइकिल से कुचल दिया और उसे मौके पर छोड़कर फरार हो गए. इस घटना में घायल कमलेश की इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने दौड़-धूप कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया तथा भारतीय डंडा संहिता की धारा 302 सहित विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट में चालान पेश किया. दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने करीब 12 साल बाद अपना निर्णय सुनाया. पीठासीन अधिकारी ने सबूत के अभाव में कुलदीप, किशन लाल और पप्पू लाल को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.