चंबा: देशभर के साथ-साथ हिमाचल में भी लोकतंत्र का महापर्व मनाया गया. प्रदेश की चार सीटों पर लोकसभा चुनावों के लिए मतदान हुआ. वहीं, कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के तहत जिला चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र की दो ग्राम पंचायत चरडा और सनवाल के एक-एक गांव के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया. दरअसल ये गांव लंबे समय से सड़क सुविधा से वंचित हैं. सड़क सुविधा के लिए तरस रहे ग्रामीणों ने राजनीतिक दलों और विभाग के उदासीन रवैये से परेशान होकर यह कदम उठाया है.
इन गांवों ने किया मतदान से किनारा
इसके अलावा कांगडा-चंबा संसदीय क्षेत्र के तहत चंबा सदर विस क्षेत्र की ग्राम पंचायत रजिंडू के सरा और डलहौजी हलके की ग्राम पंचायत भजौत्रा के सगोटी गांव के मतदाताओं ने भी पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार किया है. ऐसे में जिला चंबा के तीन विधानसभा क्षेत्रों के चार गांवों ने लोकसभा चुनाव के लिए हुई मतदान प्रक्रिया से पूरी तरह से किनारा कर लिया है.
फोन काॅल के लिए जाना पड़ता है 2 KM दूर, स्कूल की हालत खस्ता
चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले मक्कन गांव की 1000 के करीब आबादी है. ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के साढ़े सात दशकों के बाद भी यह गांव अभी तक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है. मौजूदा समय में भी मरीजों को पालकी के जरिए मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है. वहीं, कई मर्तबा समय पर इलाज न मिलने के चलते कई लोग यहां मौत का ग्रास बन चुके हैं. गांव में फोन-इंटरनेट की सुविधा भी अभी तक नहीं है. हालात ये हैं कि एक फोन काॅल करने के लिए ग्रामीणों को दो किलोमीटर दूर जाना पडता है. इसके अलावा रोजमर्रा की वस्तुओं को भी पीठ पर उठाकर गांव तक पहुंचाना पड़ता है. गांव में स्कूल भवन खस्ता हालत में है और बारिश के दिनों में स्कूल की छत भी टपकती है. वहीं, मक्कन गांव के लोग अलग से पंचायत बनाने की भी मांग कर रहे हैं.
2006 से बन रही सड़क, अब तक न हुई पूरी
इसी तरह चुराह हलके की ही ग्राम पंचायत चरडा के जूरी गांव के लोगों ने भी शनिवार को लोकसभा चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार किया है. ग्रामीणों का कहना है कि चरडा से जूरी सड़क निर्माण के लिए कवायद तो साल 2006 से शुरू हो गई थी, लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ. सड़क निर्माण के लिए राजनीतिक दलों के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग के समक्ष भी लोग कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक सड़क निर्माण की दिशा में विभाग ने कोई कदम नहीं बढ़ाया है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव दोनों तरफ नालों से गिरा है. ऐसे में हमेशा यहां पर अनहोनी का खतरा बना रहता है.
4 सालों से नहीं बन पाई 7 KM सड़क
वहीं, चंबा सदर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत रजिंडू के सरा गांव के ग्रामीणों ने भी सड़क सुविधा ना मिल पाने के कारण मतदान का बहिष्कार किया है. ग्रामीणों का कहना है कि साल 2020 से परोथा से सरा गांव तक सात किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है, लेकिन अभी तक महज दो किलोमीटर सड़क तक का ही निर्माण हो पाया है. इसके चलते ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को यहां परेशानी उठानी पडती है. नतीजतन सड़क सुविधा ना मिलने को लेकर ग्रामीणों मतदान से किनारा किया है.
सड़क से लेकर PHC की सुविधा से वंचित ये गांव
इसके अलावा डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली भजौत्रा पंचायत के सगोटी गांव के लोगों ने भी बार-बार सड़क सुविधा की मांग उठाई, लेकिन जब उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो सगोटी गांव ने भी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को मजबूरन सात किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है. वहीं, गांव में पीएचसी तक की सुविधा नहीं है. जिसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस बार लोगों ने परेशान हो कर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए मतदान से किनारा कर लिया.