शिमला: हिमाचल के इतिहास में ये भी पहली बार होगा कि छह विधानसभा क्षेत्रों में चार लाख से अधिक मतदाता 16 महीने के अंदर ही वोटिंग कर फिर से अपना विधायक चुनेंगे. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 1 जून को मतदान होना है.
ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए बीती 27 फरवरी को कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. इस कारण सदन में 40 विधायकों का अच्छा खासा बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस की सरकार 25 विधायकों वाली भाजपा से राज्यसभा का चुनाव हार गई थी. वहीं, व्हिप जारी होने के बावजूद कांग्रेस के छह विधायक बजट पास करते वक्त सदन में उपस्थित नहीं हुए. इस कारण व्हिप की अवहेलना पर विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह विधायकों को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया. अब खाली हुई इन सभी सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है.
4.54 लाख मतदाता चुनेंगे 6 विधायक: हिमाचल में विधानसभा की छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कुल 4,54,926 मतदाता छह विधायकों को चुनेंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह विधायकों को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया था. इसके बाद अब धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 1 जून को मतदान होगा. उपचुनाव में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में 86,603 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसी तरह से लाहौल स्पीति में 25,967, सुजानपुर 77,742, बड़सर 89,357, गगरेट 85,950 और कुटलैहड़ विधानसभा सीट पर 89,307 मतदाता अपना विधायक चुनेंगे.
अयोग्य ठहराने के बाद पहली बार उपचुनाव: हिमाचल के इतिहास में पहली बार विधायकों को विधानसभा सदस्य से अयोग्य ठहराए जाने के बाद छह सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है. इसमें कांगड़ा जिले के तहत धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट विधानसभा क्षेत्र से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं. वर्ष 2022 में ये सभी कांग्रेस पार्टी के चिन्ह पर चुनाव जीत कर विधायक बने थे. अब कांग्रेस से बगावत करने के बाद ये सभी पूर्व विधायक वर्ष 2024 का विधानसभा उपचुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ रहे हैं.