लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिला जेल में 38 में कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए. इस जेल में पहले से ही 28 एचआईवी पॉजिटिव थे. अब लखनऊ जिला जेल में कल एचआईवी संक्रमितों की संख्या 66 हो गई है. इतनी बड़ी संख्या में एचआईवी संक्रमित पाए जाने के बाद जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
हालांकि जेल प्रशासन अभी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. संक्रमितों को दवाइयां दी जा रही हैं. डॉक्टर की टीम संक्रमित कैदियों की निगरानी कर रही है. साथ ही संक्रमण के कारणों का पता लग रही है. लखनऊ जिला कारागार में एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने ISHTH कंपैंन के तहत 3 दिसंबर 2023 से 3 जनवरी 2024 तक STI, HIV, हेपेटाइटिस बी और टीबी के मरीजों की जांच की गई.
यूपी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर रमेश के मुताबिक सभी संक्रमितों की देखभाल की जा रही है. सभी को केजीएमयू के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (ART) केंद्र से संक्रमितों को दवा उपलब्ध कराई जा रही है. लखनऊ के सीएमओ डॉक्टर मनोज अग्रवाल के मुताबिक लखनऊ जिला जेल में एचआईवी मरीज मिलने के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई की जा रही है. स्थिति पर लगातार नजर बनी हुई है. ऐहतियातन जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं आगे जो भी जरूरी कदम होंगे उठाए जा रहे हैं.
हाथ मिलाने से नहीं फैलता है एचआईवी संक्रमण: एक ही बिस्तर और कपड़ों का इस्तेमाल करने से एचआईवी नहीं फैलता है. साथ ही एक ही कमरे या घर में रहने एक ही शौचालय बाथरूम उसे करने से यह रोग नहीं फैलता है. एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ सामान्य संबंधों से जैसे हाथ मिलाने एक साथ भोजन करने एक ही खड़े का पानी पीने से संक्रमण नहीं फैलता है. मच्छरों और खटमलों के काटने से यह रोग फैलता है.
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