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पीएम मोदी के शहर में शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती हैं सड़कें-गलियां, बनारस में 2800 स्ट्रीट लाइटें खराब - varanasi street light fault

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में शाम ढलते ही सड़कों-गलियों में अंधेरा छा जाता है. एक ऐसे शहर में जहां हर रोज लाखों पर्यटक आते हैं. एक तरफ बनारस को क्योटो बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ आलम यह है कि बनारस शहर में 2800 स्ट्रीट लाइटें खराब हैं.

पीएम मोदी के शहर में छाया है अंधेरा.
पीएम मोदी के शहर में छाया है अंधेरा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 8:04 PM IST

वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में शाम ढलते ही सड़कों-गलियों में अंधेरा छा जाता है. एक ऐसे शहर में जहां हर रोज लाखों पर्यटक आते हैं. एक तरफ बनारस को क्योटो बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ आलम यह है कि बनारस शहर में 2800 स्ट्रीट लाइटें खराब हैं. लोग परेशान हैं लेकिन उनके सामने दुविधा यह है कि शिकायत करें तो किसके पास और किसकी. उन्हें नहीं पता कि शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटें किसकी हैं. वैसे तो शहर में लगभग 63000 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, लेकिन इनकी देखरेख का जिम्मा किसके पास है, इसे लेकर लोग कंफ्यूज हैं. कंप्लेंट करने पर पता चलता है कि खराब लाइटें नगर निगम की नहीं बल्कि किसी एजेंसी की है. एजेंसी से बात की जाती है तो बताया जाता है कि ये लाइटें हमारी नहीं, दूसरे विभाग की हैं. हर बार मिनी सदन में स्ट्रीट लाइटों को लेकर हंगामा भी होता है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा.

बनारस में करीब 2800 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं. (Video Credit; ETV Bharat)

शहर में लगी हैं 5240 हेरिटेज लाइट्स : काशी को सुंदर दिखाने में स्ट्रीट लाइट्स की भूमिका महत्वपूर्ण है. बनारस में डिवाइडरों से लेकर गलियों तक में हेरिटेज लाइट्स लगाने का काम 2014 के बाद तेजी से शुरू हुआ. हेरिटेज लाइटस की संख्या शहर में 5240 है, जबकि पूरे शहर में 62377 स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं. इन 62000 स्ट्रीट लाइट्स में से कौन किस विभाग के अधीन है, यह पब्लिक को नहीं पता. पब्लिक तो बस इतना जानती है लाइटें बंद हैं तो शिकायत की जाए, लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है.

लंबे समय से खराब पड़ी हैं लाइटें : पूर्व पार्षद लकी वर्मा का कहना है कि बनारस में विश्वनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते पर स्ट्रीट लाइटें लंबे वक्त से खराब पड़ी हैं. सावन से पहले स्ट्रीट लाइटें खराब थीं, लेकिन आज तक इसका कोई निस्तारण नहीं हुआ. कुछ दिन पहले बनवाई थी लेकिन फिर खराब हो गईं. कुछ ऐसा ही हाल बनारस के पुराने मोहल्ले में लगी स्ट्रीट लाइटों का भी है. ककरमत्ता क्षेत्र में लखराव बजरडीहा रोड पर लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें हैं, लेकिन जलती एक भी नहीं है. यही हालत बनारस रेलवे स्टेशन के बाहर की भी है. यहां सड़क चौड़ीकरण के दौरान आधी लाइट्स हटा दी गईं. जो लगी हैं वह काम ही नहीं करती. जिसकी वजह से वीआईपी एरिया होने के बाद भी पूरा इलाका अंधेरे में रहता है.

आपराधिक घटनाएं बढ़ीं : सड़कों-गलियों में अंधेरा कायम होने की वजह से एक तरफ जहां लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं अपराधियों की भी पौ बारह होती है. बनारस की कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइटें बंद रहने से चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. सारनाथ, सुंदरपुर, भेलूपुर समेत कई इलाकों में हाल ही में अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाशों ने महिलाओं के गले से चेन उड़ा दी.

मिनी सदन में हंगामे के बाद भी सुधार नहीं : हाल ही में हुए सर्वे में यह सामने आया था कि बनारस की करीब 2800 स्ट्रीट लाइटें काम नहीं कर रही हैं. इसे लेकर मिनी सदन की बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ. जब इसके पीछे की वजह तलाशी गई तो पता चला कि इन स्ट्रीट लाइट्स का मेंटेनेंस करने वाली एजेंसी के बकाए का भुगतान नहीं हुआ है, जिसके बाद उसने काम करना ही बंद कर दिया. लगभग 1 साल तक एजेंसी ने किसी भी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत नहीं की. एक करोड़ से ज्यादा का बजट बनाकर कंपनी ने स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए दिया था, लेकिन 80 लाख के बजट का प्रावधान हुआ. उसमें भी कुछ मिला नहीं. पुरानी स्ट्रीट लाइटें जो खराब थीं, उनकी मरम्मत तो नहीं हुई बल्कि जो जल रही थीं, अब वे भी खराब पड़ी हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी: इस बारे में वाराणसी नगर निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि हमारे पास जो भी शिकायतें आती हैं, उसके निस्तारण के लिए पूरा प्रयास करते हैं. वर्तमान में स्ट्रीट लाइट को लेकर लगभग 137 शिकायतें हैं, जिनका निस्तारण अभी नहीं हुआ है. इनके निस्तारण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्ट्रीट लाइट जिस विभाग या एजेंसी की होती है, शिकायत आने पर उन्हें सूचित कर दिया जाता है. यह भी क्रॉस चेक किया जाता है कि शिकायत के 24 से 48 घंटे के अंदर में उसका समाधान हो जाए.

वहीं इस काम को करने वाली एजेंसी के अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हुए. मेंटेनेंस देखने वाले अवधेश मौर्य का कहना है कि शिकायतों के निस्तारण के लिए टीम बनाई गई है. लगभग 6 टीमें अलग-अलग इलाकों में काम करती हैं, हमारी जो भी स्ट्रीट लाइटें हैं, उसे ठीक करने के लिए पूरा प्रयास रहता है. नगर निगम की तरफ से समय से भुगतान होता रहे तो काम आसानी से होता रहता है, क्योंकि हमारे भी बहुत से खर्च हैं.

किस एजेंसी की कितनी लाइट्स

ईईएसएल-36094

डूडा-401

हेरिटेज लाइट्स- 5240

ठेकेदार-10072

स्मार्ट सिटी -9611

अन्य कंपनियों के द्वारा लगाई गई लाइटें, जिसकी गारंटी खत्म हो चुकी है-959

कुल लाइट्स-62377

खराब होने पर करें शिकायत : स्ट्रीट लाइट अगर काम नहीं कर रही है तो आप नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर 1533 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : बनारस के घाटों पर शांति सुकून के साथ मिलेगा भक्ति का संगीतमय माहौल, जानिए क्या है प्लान - Special Plan For Ghats of Varanasi


वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में शाम ढलते ही सड़कों-गलियों में अंधेरा छा जाता है. एक ऐसे शहर में जहां हर रोज लाखों पर्यटक आते हैं. एक तरफ बनारस को क्योटो बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ आलम यह है कि बनारस शहर में 2800 स्ट्रीट लाइटें खराब हैं. लोग परेशान हैं लेकिन उनके सामने दुविधा यह है कि शिकायत करें तो किसके पास और किसकी. उन्हें नहीं पता कि शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटें किसकी हैं. वैसे तो शहर में लगभग 63000 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, लेकिन इनकी देखरेख का जिम्मा किसके पास है, इसे लेकर लोग कंफ्यूज हैं. कंप्लेंट करने पर पता चलता है कि खराब लाइटें नगर निगम की नहीं बल्कि किसी एजेंसी की है. एजेंसी से बात की जाती है तो बताया जाता है कि ये लाइटें हमारी नहीं, दूसरे विभाग की हैं. हर बार मिनी सदन में स्ट्रीट लाइटों को लेकर हंगामा भी होता है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा.

बनारस में करीब 2800 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं. (Video Credit; ETV Bharat)

शहर में लगी हैं 5240 हेरिटेज लाइट्स : काशी को सुंदर दिखाने में स्ट्रीट लाइट्स की भूमिका महत्वपूर्ण है. बनारस में डिवाइडरों से लेकर गलियों तक में हेरिटेज लाइट्स लगाने का काम 2014 के बाद तेजी से शुरू हुआ. हेरिटेज लाइटस की संख्या शहर में 5240 है, जबकि पूरे शहर में 62377 स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं. इन 62000 स्ट्रीट लाइट्स में से कौन किस विभाग के अधीन है, यह पब्लिक को नहीं पता. पब्लिक तो बस इतना जानती है लाइटें बंद हैं तो शिकायत की जाए, लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है.

लंबे समय से खराब पड़ी हैं लाइटें : पूर्व पार्षद लकी वर्मा का कहना है कि बनारस में विश्वनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते पर स्ट्रीट लाइटें लंबे वक्त से खराब पड़ी हैं. सावन से पहले स्ट्रीट लाइटें खराब थीं, लेकिन आज तक इसका कोई निस्तारण नहीं हुआ. कुछ दिन पहले बनवाई थी लेकिन फिर खराब हो गईं. कुछ ऐसा ही हाल बनारस के पुराने मोहल्ले में लगी स्ट्रीट लाइटों का भी है. ककरमत्ता क्षेत्र में लखराव बजरडीहा रोड पर लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें हैं, लेकिन जलती एक भी नहीं है. यही हालत बनारस रेलवे स्टेशन के बाहर की भी है. यहां सड़क चौड़ीकरण के दौरान आधी लाइट्स हटा दी गईं. जो लगी हैं वह काम ही नहीं करती. जिसकी वजह से वीआईपी एरिया होने के बाद भी पूरा इलाका अंधेरे में रहता है.

आपराधिक घटनाएं बढ़ीं : सड़कों-गलियों में अंधेरा कायम होने की वजह से एक तरफ जहां लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं अपराधियों की भी पौ बारह होती है. बनारस की कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइटें बंद रहने से चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. सारनाथ, सुंदरपुर, भेलूपुर समेत कई इलाकों में हाल ही में अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाशों ने महिलाओं के गले से चेन उड़ा दी.

मिनी सदन में हंगामे के बाद भी सुधार नहीं : हाल ही में हुए सर्वे में यह सामने आया था कि बनारस की करीब 2800 स्ट्रीट लाइटें काम नहीं कर रही हैं. इसे लेकर मिनी सदन की बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ. जब इसके पीछे की वजह तलाशी गई तो पता चला कि इन स्ट्रीट लाइट्स का मेंटेनेंस करने वाली एजेंसी के बकाए का भुगतान नहीं हुआ है, जिसके बाद उसने काम करना ही बंद कर दिया. लगभग 1 साल तक एजेंसी ने किसी भी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत नहीं की. एक करोड़ से ज्यादा का बजट बनाकर कंपनी ने स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए दिया था, लेकिन 80 लाख के बजट का प्रावधान हुआ. उसमें भी कुछ मिला नहीं. पुरानी स्ट्रीट लाइटें जो खराब थीं, उनकी मरम्मत तो नहीं हुई बल्कि जो जल रही थीं, अब वे भी खराब पड़ी हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी: इस बारे में वाराणसी नगर निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि हमारे पास जो भी शिकायतें आती हैं, उसके निस्तारण के लिए पूरा प्रयास करते हैं. वर्तमान में स्ट्रीट लाइट को लेकर लगभग 137 शिकायतें हैं, जिनका निस्तारण अभी नहीं हुआ है. इनके निस्तारण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्ट्रीट लाइट जिस विभाग या एजेंसी की होती है, शिकायत आने पर उन्हें सूचित कर दिया जाता है. यह भी क्रॉस चेक किया जाता है कि शिकायत के 24 से 48 घंटे के अंदर में उसका समाधान हो जाए.

वहीं इस काम को करने वाली एजेंसी के अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हुए. मेंटेनेंस देखने वाले अवधेश मौर्य का कहना है कि शिकायतों के निस्तारण के लिए टीम बनाई गई है. लगभग 6 टीमें अलग-अलग इलाकों में काम करती हैं, हमारी जो भी स्ट्रीट लाइटें हैं, उसे ठीक करने के लिए पूरा प्रयास रहता है. नगर निगम की तरफ से समय से भुगतान होता रहे तो काम आसानी से होता रहता है, क्योंकि हमारे भी बहुत से खर्च हैं.

किस एजेंसी की कितनी लाइट्स

ईईएसएल-36094

डूडा-401

हेरिटेज लाइट्स- 5240

ठेकेदार-10072

स्मार्ट सिटी -9611

अन्य कंपनियों के द्वारा लगाई गई लाइटें, जिसकी गारंटी खत्म हो चुकी है-959

कुल लाइट्स-62377

खराब होने पर करें शिकायत : स्ट्रीट लाइट अगर काम नहीं कर रही है तो आप नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर 1533 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : बनारस के घाटों पर शांति सुकून के साथ मिलेगा भक्ति का संगीतमय माहौल, जानिए क्या है प्लान - Special Plan For Ghats of Varanasi


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