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अब ब्यास नदी बरसात में करेगी कम नुकसान, तटीकरण के लिए जारी हुए इतने करोड़ - Beas river Channelization

Beas river Channelization: बरसात थमने के बाद ब्यास नदी के किनारों पर तटीकरण का काम शुरू होगा. इसको लेकर जल शक्ति विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं. डिटेल में पढ़ें खबर...

ब्यास नदी का होगा तटीकरण
ब्यास नदी का होगा तटीकरण (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 6:34 PM IST

कुल्लू: अब ब्यास नदी बाढ़ के दौरान किनारों पर कम नुकसान पहुंचा पाएगी. इसके लिए जल शक्ति विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है. बरसात के मौसम के बाद इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

जल शक्ति विभाग की ओर से इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जैसे ही बरसात थमेगी तो इस काम को शुरू कर दिया जाएगा. कुल्लू और मनाली उपमंडल में कई स्थानों पर ब्यास नदी के किनारे तटीकरण का कार्य किया जाना है जिसमें शाढ़ाबाई से बजौरा तक ब्यास के दोनों किनारों, राफ्टिंग सेंटर पिरड़ी, गोसदन से एसटीपी लंकाबेकर, शास्त्री नगर से एसटीपी बदाह, हाथी थान, 17 मील, पतलीकूहल, रायसेन, संगम स्थल भुंतर, छुरुडू में बाढ़ नियंत्रण का काम होना है.

प्रदेश सरकार ने जिला कुल्लू को राज्य आपदा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) फंड के तहत साल 2023-24 के लिए 24.8 करोड़ रुपये राशि दी है. वहीं, कुल्लू जिले के लिए कुल 82.76 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.

ब्यास नदी में बाढ़ आने की स्थिति में नदी के किनारे रहने वाले लोगों की जान पर बन आती है. साल 2023 की आपदा में भारी नुकसान हुआ था. अब तटीकरण होने से खासकर आबादी वाले क्षेत्रों में नुकसान होने की आशंका कम हो जाएगी.

जिला कुल्लू के मुख्यालय अखाड़ा बाजार को बचाने के लिए नदी किनारे पार्किंग बनाई गई है. पार्किंग के लिए लाखों रुपये खर्च कर नगर परिषद ने पक्की आरसीसी की दीवार लगाई है. नगर परिषद का यह मॉडल सबकी उम्मीदों पर खरा उत्तरा है. साल 2023 में ब्यास नदी की बाढ़ भी इस दीवार को नहीं हिला पाई थी.

जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद ठाकुर ने बताया "कुल्लू में बरसात रुकते ही ब्यास नदी के तटीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके लिए विभाग की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. यह कार्य तेज गति से किया जाएगा"

ये भी पढ़ें: इस बार कुल्लू दशहरा रहेगा खास, भगवान रघुनाथ का रथ खींच सकेंगे केवल ये लोग

कुल्लू: अब ब्यास नदी बाढ़ के दौरान किनारों पर कम नुकसान पहुंचा पाएगी. इसके लिए जल शक्ति विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है. बरसात के मौसम के बाद इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

जल शक्ति विभाग की ओर से इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जैसे ही बरसात थमेगी तो इस काम को शुरू कर दिया जाएगा. कुल्लू और मनाली उपमंडल में कई स्थानों पर ब्यास नदी के किनारे तटीकरण का कार्य किया जाना है जिसमें शाढ़ाबाई से बजौरा तक ब्यास के दोनों किनारों, राफ्टिंग सेंटर पिरड़ी, गोसदन से एसटीपी लंकाबेकर, शास्त्री नगर से एसटीपी बदाह, हाथी थान, 17 मील, पतलीकूहल, रायसेन, संगम स्थल भुंतर, छुरुडू में बाढ़ नियंत्रण का काम होना है.

प्रदेश सरकार ने जिला कुल्लू को राज्य आपदा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) फंड के तहत साल 2023-24 के लिए 24.8 करोड़ रुपये राशि दी है. वहीं, कुल्लू जिले के लिए कुल 82.76 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.

ब्यास नदी में बाढ़ आने की स्थिति में नदी के किनारे रहने वाले लोगों की जान पर बन आती है. साल 2023 की आपदा में भारी नुकसान हुआ था. अब तटीकरण होने से खासकर आबादी वाले क्षेत्रों में नुकसान होने की आशंका कम हो जाएगी.

जिला कुल्लू के मुख्यालय अखाड़ा बाजार को बचाने के लिए नदी किनारे पार्किंग बनाई गई है. पार्किंग के लिए लाखों रुपये खर्च कर नगर परिषद ने पक्की आरसीसी की दीवार लगाई है. नगर परिषद का यह मॉडल सबकी उम्मीदों पर खरा उत्तरा है. साल 2023 में ब्यास नदी की बाढ़ भी इस दीवार को नहीं हिला पाई थी.

जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद ठाकुर ने बताया "कुल्लू में बरसात रुकते ही ब्यास नदी के तटीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके लिए विभाग की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. यह कार्य तेज गति से किया जाएगा"

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