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शूलिनी मेले के लिए नगर निगम सोलन तैयार, 200 कर्मचारियों के साथ 11 गाड़ियां दिन रात संभालेंगी सफाई व्यवस्था - Shoolini fair

राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. मेले के दौरान बेहतर सफाई व्यवस्था रहे इसे लेकर काम किया जा रहा है. शहर में सबसे पहले तो निगम की ओर से ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किया जा रहा है. मेला ड्यूटी में 200 सफाई कर्मचारी और 11 गाड़ियां निगम की ओर से दिन-रात उपस्थित रहेंगी. भंडारों में थर्मोकोल और प्लास्टिक से बने गिलास और पत्तल में खाना नहीं परोसा जा सकेगा.

SHOOLINI FAIR
शूलिनी मेले के लिए नगर निगम सोलन तैयार (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 18, 2024, 2:43 PM IST

Updated : Jun 18, 2024, 5:44 PM IST

शूलिनी मेले के लिए नगर निगम सोलन तैयार (ईटीवी भारत)

सोलन: राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. नगर निगम ने भी मेले के दौरान सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कमर कस ली है. मेले के दौरान निगम में करीब 200 सफाई कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे. वहीं, जगह-जगह पर कूड़े के ढेर न रहें और समय से उसे उठाया जा सके इसके लिए 11 निगम की गाड़ियां भी मेला स्थल पर तैनात रहेंगी.

मंगलवार को नगर निगम सोलन की कमिश्नर एकता काप्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल की तरह इस साल भी नगर निगम शूलिनी मेले के लिए पूरी तरह से तैयार है और मेले के दौरान बेहतर सफाई व्यवस्था रहे इसे लेकर काम किया जा रहा है. शहर में सबसे पहले तो निगम की ओर से ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किया जा रहा है, क्योंकि बारिश होने पर शहर की नालियां जाम होने का अंदेशा रहता है. ऐसे में ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जा रहा है. वहीं, इसी के साथ सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है.

मेले में लगी 200 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी

मेला ड्यूटी में 200 सफाई कर्मचारी और 11 गाड़ियां निगम की ओर से दिन-रात उपस्थित रहेंगी. उन्होंने भंडारा लगाने वाले लोगों से मेले के दौरान डस्टबिन लगाने की हिदायत दी है, ताकि लोग गिलास और पत्तल इधर-उधर न फेंके. उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वो लोग मेले के दौरान सफाई व्यवस्था को बनाए रखने में निगम का साथ जरूर दें.

थर्मोकोल-प्लास्टिक बने गिलास पर होगा प्रतिबंध

वहीं, मेले के दौरान उंचित संख्या में पुलिस बल को तैनात किया जाएगा. वहीं, मेले के दौरान लगने वाले भंडारों के लिए इस बार विशेष प्रावधान किए गए हैं. सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाएगा. वही, भंडारों में थर्मोकोल और प्लास्टिक से बने गिलास और पत्तल में खाना नहीं परोसा जा सकेगा.

बघाट रियासत की कुलदेवी हैं मां शूलिनी

शूलिनी माता का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा है. माता शूलिनी को बघाट रियासत के राजाओं की कुलदेवी देवी माना जाता है. माता शूलिनी का मंदिर सोलन शहर के शीली मार्ग पर स्थित है. शहर की अधिष्ठात्री देवी शूलिनी माता के नाम से ही शहर का नाम सोलन पड़ा, जो देश की स्वतंत्रता से पूर्व बघाट रियासत की राजधानी के रूप में जाना जाता था. माना जाता है कि बघाट रियासत के शासकों ने यहां आने के साथ ही अपनी कुलदेवी शूलिनी माता की स्थापना सोलन गांव में की और इसे रियासत की राजधानी बनाया. मान्यता के अनुसार बघाट के राजा अपनी कुल देवी यानी की माता शूलिनी को प्रसन्न करने के लिए हर मेले का आयोजन करते थे. यहां के लोगों का मानना है कि मां शूलिनी के खुश होने पर यहां किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा व महामारी का प्रकोप नहीं होता, बल्कि शहर में सिर्फ खुशहाली आती है. इसलिए आज भी मेले की यह परंपरा कायम है.

ये भी पढ़ें: शूलिनी मेले में 500 पुलिस जवान संभालेंगे सुरक्षा जिम्मा, शहर के चप्पे-चप्पे पर होगा CCTV का पहरा - Shoolini Fair

शूलिनी मेले के लिए नगर निगम सोलन तैयार (ईटीवी भारत)

सोलन: राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. नगर निगम ने भी मेले के दौरान सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कमर कस ली है. मेले के दौरान निगम में करीब 200 सफाई कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे. वहीं, जगह-जगह पर कूड़े के ढेर न रहें और समय से उसे उठाया जा सके इसके लिए 11 निगम की गाड़ियां भी मेला स्थल पर तैनात रहेंगी.

मंगलवार को नगर निगम सोलन की कमिश्नर एकता काप्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल की तरह इस साल भी नगर निगम शूलिनी मेले के लिए पूरी तरह से तैयार है और मेले के दौरान बेहतर सफाई व्यवस्था रहे इसे लेकर काम किया जा रहा है. शहर में सबसे पहले तो निगम की ओर से ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किया जा रहा है, क्योंकि बारिश होने पर शहर की नालियां जाम होने का अंदेशा रहता है. ऐसे में ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जा रहा है. वहीं, इसी के साथ सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है.

मेले में लगी 200 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी

मेला ड्यूटी में 200 सफाई कर्मचारी और 11 गाड़ियां निगम की ओर से दिन-रात उपस्थित रहेंगी. उन्होंने भंडारा लगाने वाले लोगों से मेले के दौरान डस्टबिन लगाने की हिदायत दी है, ताकि लोग गिलास और पत्तल इधर-उधर न फेंके. उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वो लोग मेले के दौरान सफाई व्यवस्था को बनाए रखने में निगम का साथ जरूर दें.

थर्मोकोल-प्लास्टिक बने गिलास पर होगा प्रतिबंध

वहीं, मेले के दौरान उंचित संख्या में पुलिस बल को तैनात किया जाएगा. वहीं, मेले के दौरान लगने वाले भंडारों के लिए इस बार विशेष प्रावधान किए गए हैं. सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाएगा. वही, भंडारों में थर्मोकोल और प्लास्टिक से बने गिलास और पत्तल में खाना नहीं परोसा जा सकेगा.

बघाट रियासत की कुलदेवी हैं मां शूलिनी

शूलिनी माता का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा है. माता शूलिनी को बघाट रियासत के राजाओं की कुलदेवी देवी माना जाता है. माता शूलिनी का मंदिर सोलन शहर के शीली मार्ग पर स्थित है. शहर की अधिष्ठात्री देवी शूलिनी माता के नाम से ही शहर का नाम सोलन पड़ा, जो देश की स्वतंत्रता से पूर्व बघाट रियासत की राजधानी के रूप में जाना जाता था. माना जाता है कि बघाट रियासत के शासकों ने यहां आने के साथ ही अपनी कुलदेवी शूलिनी माता की स्थापना सोलन गांव में की और इसे रियासत की राजधानी बनाया. मान्यता के अनुसार बघाट के राजा अपनी कुल देवी यानी की माता शूलिनी को प्रसन्न करने के लिए हर मेले का आयोजन करते थे. यहां के लोगों का मानना है कि मां शूलिनी के खुश होने पर यहां किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा व महामारी का प्रकोप नहीं होता, बल्कि शहर में सिर्फ खुशहाली आती है. इसलिए आज भी मेले की यह परंपरा कायम है.

ये भी पढ़ें: शूलिनी मेले में 500 पुलिस जवान संभालेंगे सुरक्षा जिम्मा, शहर के चप्पे-चप्पे पर होगा CCTV का पहरा - Shoolini Fair

Last Updated : Jun 18, 2024, 5:44 PM IST
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