नई दिल्ली: नॉर्थ जिले के नारकोटिक्स स्क्वाड में तैनात दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. आरोप है दोनों ने सीबीआई के छापे से बचने के लिए एक मामले में शिकायतकर्ता का ही अपहरण कर लिया. इसके बाद उसको सड़क के बीचों-बीच धक्का देकर फरार हो गए. 7 जुलाई को रूपनगर थाने में दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया जो फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक नारकोटिक्स सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार की टीम ने गत 27 मई को कश्मीरी गेट इलाके में रेड डाली गई थी. इस दौरान छापेमारी दस्ते ने प्रतिबंधित दवाओं/सामान के साथ कोशिंदर नाम के एक शख्स को एनडीपीएस एक्ट के तहत अरेस्ट किया था. जो फिलहाल जेल में है. इसके बाद कोशिंदर के भाई अरुण ने इस मामले को लेकर सीबीआई से कांटेक्ट किया.
गिरफ्तार कोशिंदर के भाई अरूण ने की सीबीआई से शिकायत
अरुण ने इस मामले को लेकर सीबीआई को एक कंप्लेंट भी की और कई गंभीर आरोप भी पुलिसकर्मियों पर लगाए. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि हेड कांस्टेबल प्रवीण सैनी और हेड कांस्टेबल रवींद्र ढाका ने उससे कहा कि हम तुम्हें जब्त की गई दवाओं का विवरण दे देंगे. तुम उनका फर्जी बिल बनवा लेना. उस बिल को हम सत्यापित करके अदालत में असली बता देंगे. इस आधार पर कोशिंदर को जमानत मिल जाएगी. इसके लिए उन दोनों पुलिसकर्मियों की तरफ से शिकायतकर्ता अरूण से 10 लाख रुपए रिश्वत की डिमांड की गई. इसके बाद सीबीआई ने दोनों पुलिसकर्मियों को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार करने की योजना बनाई. लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पायी. सीबीआई की तरफ से इस पूरे मामले में इंस्पेक्टर सुरेन्द्र की भूमिका की भी जांच कर रही है जिसके खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के आदेश जारी किए गए हैं.
दोनों पुलिसकर्मियों की तलाश कर रही सीबीआई
बताया जाता है कि शिकायतकर्ता ने सीबीआई को गई अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि दोनों पुलिसकर्मियों ने 3 लाख की कथित तौर पर एडवांस देने की डिमांड भी की थी. इसके बाद सीबीआई की टीम ने पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ने की भी पूरी प्लानिंग की थी लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सके. दोनों पुलिसकर्मियों की अभी भी तलाश की जा रही है.
CBI के डर से 3 लाख रुपयों से भरा बैग भी फेंक दिया
जानकारी के मुताबिक अरुण को बीते 3 जुलाई को नारकोटिक्स स्क्वाड के दफ्तर में पुलिसकर्मियों ने बुलाया था जहां पर पहले से ही सीबीआई की टीम मौजूद थी. पुलिस कर्मियों ने शिकायतकर्ता को अपनी एसयूवी गाड़ी में बैठा लिया था और अरुण ने उन्हें तीन लाख रुपये दे दिए. लेकिन उनकी नजर सीबीआई की टीम पर पड़ गई. इसके बाद दोनों ने अरुण के सिर पर पिस्टल तान दी और कार की रफ्तार तेज कर दी. वह न्यू पुलिस लाइन कॉलोनी पहुंचे और उन्होंने कहीं पर रुपयों से भरा बैग फेंक दिया. इसके बाद वह अरुण को दिल्ली की सड़कों पर घूमाते रहे. इस बीच हेड कांस्टेबल रविंद्र ने शिकायतकर्ता की तलाशी भी ली जिसके पास से फोन और रिकॉर्डर बरामद किया गया. इसको छीनकर तोड़कर नाले में फेंक दिया गया. बताया जाता है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता अरुण की पिटाई भी की और ब्रिटानिया चौक से आगे रिंग रोड पर गाड़ी से धक्का देकर फरार हो गए.
दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद ही दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि, पहले इनके खिलाफ शिकायत मिलने पर तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया गया था और नॉर्थ जिले के एंटी बम स्क्वायड में भेजा गया था लेकिन दोनों ने छापे के डर के चलते वहां से छुट्टी ले ली थी. इंसपेक्टर सुरेंद्र जिनकी अगुवाई में इस पूरी छापेमारी को अंजाम दिया गया उनके खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है. इंस्पेक्टर सुरेंद्र नारकोटिक्स सेल के इंचार्ज हैं.
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