नई दिल्ली: इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा. 19 साल पहले 2005 को भी धनतेरस पर यही तारीख थी जब दिल्ली के सरोजिनी नगर मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ था. 29 अक्टूबर 2005 को दिवाली से पहले दिल्ली में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, जिसमें सरोजनी नगर मार्केट (Sarojini Nagar Market) भी था. धमाके में 50 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 127 लोग घायल हो गए थे. कई लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया. आज भी यहां मौजूद कई दुकानदारों के ज़हन में न भूलने वाला डरावना मंज़र घूमता है. आज भी दुकानदारों के मन में खौफ मौजूद है. यहां लंबे समय से काम कर रहे दुकानदार उस दिन जो हुआ वो भूल नहीं पाते.
कांप जाती है रूह
30 वर्षों से सरोजनी नगर मार्केट में दिवाली का सामान बेचने वाले शीतला प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उस दिन कभी नहीं भूल पाते. आज भी आंखों के सामने वो डरावना मंज़र घूमता है. धनतरेस का दिन था, बाजार दुकानदारों और खरीदारों से खचाखच भरा था. जब ब्लास्ट हुआ, उस वक्त वह घटना स्थल के बिलकुल पास अपनी मोमबत्तियों की दुकान पर थे. अचानक धमाके की आवाज आई और हर तरफ अंधेरा छा गया. उनको लगा कि दुकान पर लगा बल्ब फ्यूज हो गया है. उस धमाके में उनके सिर पर गंभीर चोट भी आई थी. जब होश में आए, तो देखा लाशों के ढेर पड़े हुए थे. जिस दुकान पर बम फटा था, उस दुकान के मालिक श्याम की बॉडी दो हिस्सों में अलग-अलग मिली थी. कई लोगों का शरीर पूरा झुलस गया था. दुकानदार बताते हैं कि हर साल दिवाली फेस्टिव सीज़न में बाजार में कड़े सुरक्षा के इंतजाम किये जाते हैं ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो. मार्किट एसोसिएशन और दिल्ली पुलिस भी पूरी तरह से सतर्क रहती हैं. बाजार में भीड़ को नियंत्रित किया जाता हैं. लेकिन यहां मौजूद पटरी वाले आधी सड़क घेर लेते हैं. जिसके कारण ग्राहकों को चलने में परेशानी होती हैं.
29 अक्टूबर पर पड़ रहा धनतेरस, दुकानदारों के मन में डर !
बाबू मार्किट सरोजिनी नगर एसोसिएशन के प्रेजिडेंट कार्तिक लाल ने बताया कि जब हादसा हुआ था, तब वह 10 वर्ष के थे और आपने दादा के साथ दुकान पर मौजूद थे. उनको कुछ समझ नहीं आया. धमाका होते ही बाजार में भगदड़ मच गई. करीब 20 फुट ऊंचा आग का गोला उठा था. आंखों में धूल चली गई थी. दुकान को जस का तस छोड़ कर तुरंत घर के लिए रवाना हो गए थे. इस बार भी 29 अक्टूबर को ही धनतेरस पड़ रहा है. भगवान से बस यही प्राथना हैं कि कुछ भी अनहोनी न हो. सभी त्यौहार अच्छे से मने.
फिर वहीं तारीख और वही त्यौहार
सरोजिनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि उस दिन जो हुआ, भगवान करे, किसी को न देखना पड़े. वो मंजर देख कर रूह कांप गई थी. घटना के दिन बाजार में करीब 1 लाख के आसपास लोग मौजूद थे. उस वक्त भी सरोजनी नगर बाजार में मैं अध्यक्ष था. हादसा श्याम जूस कॉर्नर के पास हुआ था. घटना से 15 मिनट पहले उसके मालिक लाल चंद सलूजा का मेरे पास फ़ोन आए. उसने बोला, अशोक जी दुकान के पास बहुत भीड़ हैं, ऐसा न हो कि कोई हादसा हो जाए. मैं दुकान पर पहुंचा और भीड़ को नियंत्रित करने लिए मौजूद चौकी से पुलिसवालों को बुलाने के लिए चला ही था. तभी ज़ोरदार धमाका हुआ, आग का गोला उठा और चारों तरफ धुआं धुआं हो गया. दिवाली का समय था. बाजार में पटाखे भी बिक रहे थे. उनमें भी आग लग गई थी. लेकिन किसी की भी हिम्मत नहीं हुई कि आगे बढ़ कर लोगों को बचाएं. तुरंत राहत बचाओ टीम को फोन किया गया. करीब आधे घंटे बाद जब धुआं छंटा तो दिल दहल गया. चारों ओर लाशें ही लाशें थीं. घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाया गया और मृतकों को पहचान के लिए पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया.
बाजार में आज भी मौजूद हैं धमाके के निशान
बाजार में आज भी धमाके के निशान मौजूद हैं. एक जला हुआ पेड़ और जहां बम ब्लास्ट हुआ था, उस जगह पर गड्ढा है. फिलहाल उसको सीमेंट से भरा हुआ है। इसके अलावा घटना स्थल के सामने हादसे में मारे गए लोगों की याद में श्रद्धांजलि पटल बनाया गया हैं. धमाके में 50 लोगों की मौत हुई थी. हर वर्ष 29 अक्टूबर को इस जगह पर श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाता हैं. मृतकों के परिजन, मार्किट एसोसिएशन के सदस्य और दुकानदार इसमें शामिल होते हैं.
मार्केट में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
बाजार में दिल्ली फेस्टिव सीजन के पहले कई तरह के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. अशोक ने बताया कि इस बार भी वही डरावनी तारीख को धनतेरस मनाया जाएगा. बाजार में अच्छी रौनक हैं. इसके अलावा दिल्ली पुलिस और मार्किट एसोसिएशन ने मिल कर कई कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किये हैं.
मार्केट में क्या है सुरक्षा के इंतजाम
दिल्ली पुलिस के सुरक्षा कर्मियों की संख्या को दोगुना किया गया हैं
बाजार में मौजूद 6 प्रवेश द्वारों पर भारी संख्या में पुलिसवाले तैनात हैं
तीनों मार्किट एसोसिएशन ने 8 निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया हैं
यह भीड़ पर नियंत्रण और दुकानों को चेकिंग करेंगे.
बाजार में 100 से ज्यादा CCTV लगे हुए हैं.
संदिग्ध आरोपियों की पहचान करने वाले CCTV लगाए गए हैं
29 अक्टूबर 2005 को क्या हुआ था
बता दें कि 29 अक्टूबर 2005 वह काल दिन था, जब दिल्ली में तीन जगह ब्लास्ट हुए थे. दिवाली से दो दिन पहले यानी धनतेरस के दिन सबसे पहला बम धमाका नई दिल्ली स्टेशन के करीब छोटे होटलों वाले इलाके पहाड़गंज में हुआ था. शाम 5 बजकर 38 मिनट पर हुआ था. MS मेडिकोज नाम की शॉप के बाहर पार्क किसी दो पहिया वाहन में प्लांट किया गया था. दूसरा धमाका गोविंदपुरी में शाम को ठीक 6 बजे हुआ, चलती बस में हुए धमाके ने सबको खौफ में ला दिया, कंडक्टर ने संदेहास्पद बैग देखा तो शोर मचाया, बैग खिड़की से बाहर फेंकने की कोशिश में फट गया, लेकिन कई जानें बच गईं और 4-5 लोग ही घायल हुए. बाकी यात्रियों को उतारा जा चुका था.
वहीं तीसरा धमाका सरोजनी नगर मार्किट में हुआ था. जहां 6 बजकर 5 मिनट पर हुआ था. इस हादसे में धमाके में 50 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 127 लोग घायल हो गए थे. सबसे भयावह था सरोजिनी मार्केट का ही था.
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