ETV Bharat / state

टीबी मुक्त हुई उत्तराखंड की 1424 ग्राम पंचायतें, यहां देखें जिलेवार लिस्ट - Uttarakhand TB free village

Uttarakhand TB free, Uttarakhand TB free village उत्तराखंड की 1424 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो गई हैं. प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतें तय किए गए 6 मानकों पर खरी उतरी हैं. भारत सरकार ने करीब 3200 गांवों को टीबी मुक्त घोषित किया है.

Etv Bharat
टीबी मुक्त हुई उत्तराखंड की 1424 ग्राम पंचायतें (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 31, 2024, 8:04 PM IST

देहरादून: भारत सरकार ने देश को टीबी मुक्त किए जाने को लेकर साल 2025 तक का लक्ष्य रखा है. उत्तराखंड सरकार ने राज्य को साल 2024 तक टीबी मुक्त किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके तहत उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है. मौजूदा स्थिति यह है कि उत्तराखंड की 1424 ग्राम पंचायत क्षयरोग यानी टीबी मुक्त हो गई हैं. भारत सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत गतिविधि के तहत प्रमाणित करते हुये इन सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर दिया है.

उत्तराखंड को टीबी मुख्य किए जाने को लेकर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश में टीबी मुक्त पंचायत अभियान चलाया जा रहा है. जिसके चलते भारत सरकार ने प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतों के तहत करीब 3200 गांवों को टीबी मुक्त घोषित किया है. दरअसल, साल 2023 में राज्य सरकार ने 1448 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत गतिविधि के तहत सूचीबद्ध कर सत्यापन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था. जिसके चलते केन्द्र सरकार ने प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायतों के लिये तय किए गए 6 मानकों पर खरा उतरा है.

राज्य के टीबी मुक्त हुए 1424 ग्राम पंचायतों में अल्मोड़ा जिले की 115, बागेश्वर जिले की 76, चमोली जिले की 115, चम्पावत जिले की 40, देहरादून जिले की 187, हरिद्वार जिले की 18, नैनीताल जिले की 124, पौड़ी गढ़वाल जिले की 297, पिथौरागढ़ जिले की 124, रुद्रप्रयाग जिले की 44, टिहरी गढ़वाल जिले की 144, ऊधमसिंह नगर जिले की 117 और उत्तरकशी जिले की 23 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. ऐसे में जल्द ही जिला स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर इन सभी टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र दिए जाने के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है. टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये जनता की भागीदारी भी काफी महत्वपूर्ण है, इसके लिये जनता को जागरूक भी किया जा रहा है. धन सिंह रावत ने बताया कि 24 मार्च 2023 को ’विश्व टीबी रोग दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से ’टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान का शुभारम्भ किया. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि रोगियों की सहायता करने के साथ ही पंचायत को टीबी मुक्त करना है.

पढ़ें- उत्तराखंड में कोचिंग सेंटर्स की तैयार होगी रिपोर्ट, चेकिंग के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित - coaching center checking committee

देहरादून: भारत सरकार ने देश को टीबी मुक्त किए जाने को लेकर साल 2025 तक का लक्ष्य रखा है. उत्तराखंड सरकार ने राज्य को साल 2024 तक टीबी मुक्त किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके तहत उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है. मौजूदा स्थिति यह है कि उत्तराखंड की 1424 ग्राम पंचायत क्षयरोग यानी टीबी मुक्त हो गई हैं. भारत सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत गतिविधि के तहत प्रमाणित करते हुये इन सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर दिया है.

उत्तराखंड को टीबी मुख्य किए जाने को लेकर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश में टीबी मुक्त पंचायत अभियान चलाया जा रहा है. जिसके चलते भारत सरकार ने प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतों के तहत करीब 3200 गांवों को टीबी मुक्त घोषित किया है. दरअसल, साल 2023 में राज्य सरकार ने 1448 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत गतिविधि के तहत सूचीबद्ध कर सत्यापन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था. जिसके चलते केन्द्र सरकार ने प्रदेश की 1424 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायतों के लिये तय किए गए 6 मानकों पर खरा उतरा है.

राज्य के टीबी मुक्त हुए 1424 ग्राम पंचायतों में अल्मोड़ा जिले की 115, बागेश्वर जिले की 76, चमोली जिले की 115, चम्पावत जिले की 40, देहरादून जिले की 187, हरिद्वार जिले की 18, नैनीताल जिले की 124, पौड़ी गढ़वाल जिले की 297, पिथौरागढ़ जिले की 124, रुद्रप्रयाग जिले की 44, टिहरी गढ़वाल जिले की 144, ऊधमसिंह नगर जिले की 117 और उत्तरकशी जिले की 23 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. ऐसे में जल्द ही जिला स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर इन सभी टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र दिए जाने के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है. टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये जनता की भागीदारी भी काफी महत्वपूर्ण है, इसके लिये जनता को जागरूक भी किया जा रहा है. धन सिंह रावत ने बताया कि 24 मार्च 2023 को ’विश्व टीबी रोग दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से ’टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान का शुभारम्भ किया. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि रोगियों की सहायता करने के साथ ही पंचायत को टीबी मुक्त करना है.

पढ़ें- उत्तराखंड में कोचिंग सेंटर्स की तैयार होगी रिपोर्ट, चेकिंग के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित - coaching center checking committee

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.