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एमडीएस यूनिवर्सिटी का 11 दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने सौंपे मेडल, कहा-रोजगार परक हो शिक्षा - MDS University convocation - MDS UNIVERSITY CONVOCATION

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा रोजगार परक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कौशल विकास आवश्यक है. युवा खुद रोजगार उत्पन्न करें और लगन के साथ आगे बढ़ें.

11th Convocation of MDS University
एमडीएस यूनिवर्सिटी का 11 दीक्षांत समारोह (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 15, 2024, 7:47 PM IST

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह शनिवार को सत्यार्थ सभागार में संपन्न हुआ. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. उन्होंने समारोह में विभिन्न संकाय के उत्कृष्ट 45 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल, 1 कुलाधिपति मेडल, 165 विद्यार्थियों ने विद्या वचस्पति (पीएचडी) और 98 हजार 979 विद्यार्थियों को डिग्रियां सौंपी. इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा रोजगार परक होनी चाहिए.

समारोह में कुलाधिपति पदक ललित कला संकाय की विद्यार्थी वृतिका राठी को दिया गया. जबकि सामाजिक विज्ञान संकाय से 50, विज्ञान संकाय से 40, वाणिज्य संख्या से 12, प्रबंधन अध्ययन संकाय से 6, विधि संकाय से 5, शिक्षा संकाय से 16 विद्यार्थियों को पीएचडी प्रमाण पत्र राज्यपाल ने दिए. इनके अलावा 2022-23 के विभिन्न संख्याओं के उत्कृष्ट 45 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में मूर्तियां बनाई नहीं जाती हैं, बल्कि उन्हें तराशा जाता है. इसके बाद उनमें प्राण प्रतिष्ठा होती है और उन्हें भोग लगता है. शिक्षक भी विद्यार्थियों को उसी प्रकार तराशते हैं और उन्हें योग्य बनाते हैं.

पढ़ें: एमडीएस यूनिवर्सिटी का 11वां दीक्षांत समारोह कल, राज्यपाल कलराज मिश्र करेंगे शिरकत - MDS University convocation

विद्यार्थी समाज और देश के लिए करे अपनी दक्षता का उपयोग-राज्यपाल: राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि सफल विद्यार्थियों में से छात्रों की तुलना में छात्राएं अधिक हैं. 46 स्वर्ण पदक में से 25 पदक छात्राओं को मिले. इसी तरह 165 में से 89 छात्राओं को विद्या वाचस्पति रहीं. राज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानंद ने हमारे सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद की और लौटने का आह्वान किया था. महर्षि ने कई पुस्तकें लिखीं. उनमें सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक पुष्कर में रहकर लिखी थी. महर्षि दयानंद सरस्वती जीवन आदर्श और उनकी लिखी हुई पुस्तक आज भी प्रासंगिक और प्रेरक हैं.

पढ़ें: भारत का संविधान गीता, कुरान, बाइबल जैसा पवित्र ग्रंथ, इसे कोई बदल ही नहीं सकता: कलराज मिश्र - Kalraj Mishra on constitution

राज्यपाल मिश्र कहा कि विद्यार्थी अपने विवेक से समाज और देश के लिए अपनी दक्षता का उपयोग करें. उन्होंने 2020 में बनी शिक्षा नीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि अनुसंधान और शोध पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. रोजगार पैदा करने की क्षमता रखने वाली शिक्षा होनी चाहिए. ताकि बेहतर मानव संसाधन तैयार हों. यू आर मेक इन इंडिया की तरफ आगे बढ़े. ज्ञान के साथ अर्थ का भी योग होना चाहिए. इसके लिए कौशल विकास आवश्यक है. युवा खुद रोजगार उत्पन्न करें और लगन के साथ आगे बढ़ें.

पढ़ें: राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के हल्दीना स्थित परिसर में संविधान पार्क का राज्यपाल मिश्र ने किया लोकार्पण - Matsya University Convocation

शिक्षित बन रहे है दिक्षित कम: समारोह में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने दीक्षांत भाषण में कहा कि शिक्षा से जीवन को सार्थक किया जा सकता है. इसके लिए चिंतन आवश्यक है. उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि महर्षि ने सुदृढ़ राष्ट्र के लिए राष्ट्र प्रथम, स्वराज, स्वदेशी के विचार दिए. उनका अजमेर की धरती से गहरा लग रहा है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में हर भवन का नाम महापुरुष के नाम से है, जो प्रेरणादायक है. देवनानी ने कहा कि शिक्षित सब बन रहे हैं, लेकिन दीक्षित कम हैं. जबकि विद्यार्थियों को दिक्षित बनने का प्रयास करना चाहिए.

जितना संघर्ष उतनी ही शानदार सफलता-बैरवा: समारोह में उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने अपने संबोधन में प्राचीन गुरुकुल शिक्षा की चर्चा की. उन्होंने गुरु शिष्य परंपरा के बारे में बताया और कहा कि एक विद्यार्थी को गुरु शिक्षा और अनुभव से तैयार कर उसे योग्य बनाता है. उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्ष जितना होगा, सफलता भी उतनी ही शानदार होगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हमारे अंदर का विद्यार्थी सदैव जिंदा रहना चाहिए.

द्रोपदी कोली को मिला पीएचडी प्रमाण पत्र: विधानसभा चुनाव में अजमेर दक्षिण क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं द्रौपदी कोली को भी शिक्षा संकाय में पीएचडी का प्रमाण पत्र मिला है. कोली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और पार्षद भी हैं.

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह शनिवार को सत्यार्थ सभागार में संपन्न हुआ. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. उन्होंने समारोह में विभिन्न संकाय के उत्कृष्ट 45 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल, 1 कुलाधिपति मेडल, 165 विद्यार्थियों ने विद्या वचस्पति (पीएचडी) और 98 हजार 979 विद्यार्थियों को डिग्रियां सौंपी. इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा रोजगार परक होनी चाहिए.

समारोह में कुलाधिपति पदक ललित कला संकाय की विद्यार्थी वृतिका राठी को दिया गया. जबकि सामाजिक विज्ञान संकाय से 50, विज्ञान संकाय से 40, वाणिज्य संख्या से 12, प्रबंधन अध्ययन संकाय से 6, विधि संकाय से 5, शिक्षा संकाय से 16 विद्यार्थियों को पीएचडी प्रमाण पत्र राज्यपाल ने दिए. इनके अलावा 2022-23 के विभिन्न संख्याओं के उत्कृष्ट 45 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में मूर्तियां बनाई नहीं जाती हैं, बल्कि उन्हें तराशा जाता है. इसके बाद उनमें प्राण प्रतिष्ठा होती है और उन्हें भोग लगता है. शिक्षक भी विद्यार्थियों को उसी प्रकार तराशते हैं और उन्हें योग्य बनाते हैं.

पढ़ें: एमडीएस यूनिवर्सिटी का 11वां दीक्षांत समारोह कल, राज्यपाल कलराज मिश्र करेंगे शिरकत - MDS University convocation

विद्यार्थी समाज और देश के लिए करे अपनी दक्षता का उपयोग-राज्यपाल: राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि सफल विद्यार्थियों में से छात्रों की तुलना में छात्राएं अधिक हैं. 46 स्वर्ण पदक में से 25 पदक छात्राओं को मिले. इसी तरह 165 में से 89 छात्राओं को विद्या वाचस्पति रहीं. राज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानंद ने हमारे सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद की और लौटने का आह्वान किया था. महर्षि ने कई पुस्तकें लिखीं. उनमें सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक पुष्कर में रहकर लिखी थी. महर्षि दयानंद सरस्वती जीवन आदर्श और उनकी लिखी हुई पुस्तक आज भी प्रासंगिक और प्रेरक हैं.

पढ़ें: भारत का संविधान गीता, कुरान, बाइबल जैसा पवित्र ग्रंथ, इसे कोई बदल ही नहीं सकता: कलराज मिश्र - Kalraj Mishra on constitution

राज्यपाल मिश्र कहा कि विद्यार्थी अपने विवेक से समाज और देश के लिए अपनी दक्षता का उपयोग करें. उन्होंने 2020 में बनी शिक्षा नीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि अनुसंधान और शोध पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. रोजगार पैदा करने की क्षमता रखने वाली शिक्षा होनी चाहिए. ताकि बेहतर मानव संसाधन तैयार हों. यू आर मेक इन इंडिया की तरफ आगे बढ़े. ज्ञान के साथ अर्थ का भी योग होना चाहिए. इसके लिए कौशल विकास आवश्यक है. युवा खुद रोजगार उत्पन्न करें और लगन के साथ आगे बढ़ें.

पढ़ें: राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के हल्दीना स्थित परिसर में संविधान पार्क का राज्यपाल मिश्र ने किया लोकार्पण - Matsya University Convocation

शिक्षित बन रहे है दिक्षित कम: समारोह में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने दीक्षांत भाषण में कहा कि शिक्षा से जीवन को सार्थक किया जा सकता है. इसके लिए चिंतन आवश्यक है. उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि महर्षि ने सुदृढ़ राष्ट्र के लिए राष्ट्र प्रथम, स्वराज, स्वदेशी के विचार दिए. उनका अजमेर की धरती से गहरा लग रहा है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में हर भवन का नाम महापुरुष के नाम से है, जो प्रेरणादायक है. देवनानी ने कहा कि शिक्षित सब बन रहे हैं, लेकिन दीक्षित कम हैं. जबकि विद्यार्थियों को दिक्षित बनने का प्रयास करना चाहिए.

जितना संघर्ष उतनी ही शानदार सफलता-बैरवा: समारोह में उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने अपने संबोधन में प्राचीन गुरुकुल शिक्षा की चर्चा की. उन्होंने गुरु शिष्य परंपरा के बारे में बताया और कहा कि एक विद्यार्थी को गुरु शिक्षा और अनुभव से तैयार कर उसे योग्य बनाता है. उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्ष जितना होगा, सफलता भी उतनी ही शानदार होगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हमारे अंदर का विद्यार्थी सदैव जिंदा रहना चाहिए.

द्रोपदी कोली को मिला पीएचडी प्रमाण पत्र: विधानसभा चुनाव में अजमेर दक्षिण क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं द्रौपदी कोली को भी शिक्षा संकाय में पीएचडी का प्रमाण पत्र मिला है. कोली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और पार्षद भी हैं.

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