पेरिस (फ्रांस) : जम्मू और कश्मीर में हुए लैंडमाइन ब्लास्ट के सर्वाइवर होकाटो सेमा ने पुरुषों की F57 श्रेणी के शॉटपुट फाइनल में भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर चल रहे पेरिस पैरालंपिक 2024 में इतिहास रच दिया. नागालैंड के दीमापुर के रहने वाले सेमा सेना से हैं और उन्होंने पिछले साल हांग्जो पैरालंपिक में भी कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया था.
𝐁𝐫𝐨𝐧𝐳𝐞 for Sema! 🥉
— JioCinema (@JioCinema) September 7, 2024
With a personal best of 1⃣4⃣.6⃣5⃣m in the Men's Shot Put F57 finals, Hokato Hotozhe Sema secures another medal for Team India 🇮🇳 at the #ParalympicGamesParis2024! 🌟#ParalympicsOnJioCinema#JioCinemaSports #Paris2024 #Paralympics #ShotPut pic.twitter.com/s1IhrbzdFX
होकाटो सेमा ने रचा इतिहास
शुक्रवार को पैरा शॉटपुट एथलीट सेमा ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया. उन्होंने अपने दूसरे थ्रो में 14 मीटर का आंकड़ा छुआ और फिर 14.40 मीटर थ्रो करके भारत के लिए 27वां मेडल सुनिश्चित किया.
A proud moment for our nation as Hokato Hotozhe Sema brings home the Bronze medal in Men’s Shotput F57! His incredible strength and determination are exceptional. Congratulations to him. Best wishes for the endeavours ahead. #Cheer4Bharat pic.twitter.com/dBZONv44kM
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2024
लैंडमाइन ब्लास्ट में गंवाया पैर
होकाटो सेमा भारतीय सेना में हवलदार थे और 2002 में नियंत्रण रेखा (LOC) पर एक ऑपरेशन के दौरान लैंडमाइन ब्लास्ट के कारण उन्होंने अपना पैर खो दिया था. दुर्घटना के बाद उन्होंने शॉट पुट खेलना शुरू किया.
2022 से शॉटपुट खेलना शुरू किया
सेमा को पुणे स्थित आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर के एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने शॉटपुट में भाग लेने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने साल 2016 में 32 वर्ष की उम्र में इस खेल को अपनाया और उसी वर्ष जयपुर में राष्ट्रीय पैरा चैंपियनशिप में भाग लेना शुरू किया. उन्होंने 2022 में मोरक्को ग्रैंड प्रिक्स में भी रजत पदक जीता है और इस साल विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे.
Hokato Hotozhe Sema has delivered an extraordinary performance in the Men's Shot Put F57 at #Paralympics2024, achieving a remarkable Bronze Medal!
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 6, 2024
Hailing from Nagaland, his unwavering spirit & determination continue to elevate the pride of our nation. A true celebration of… pic.twitter.com/Xwm9mKeR1Q
क्या है F57 शॉटपुट कैटेगरी ?
पैरालंपिक में, F57 कैटेगरी बैठे हुए एथलीटों के लिए है. इस स्थिति से शॉटपुट में भाग लेना कठिन है, क्योंकि थ्रोअर आमतौर पर तेजी से घूमने और कदम बढ़ाने से गति प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जमीन से ऊपर की ओर शक्ति प्रदान करता है. लेकिन बैठी हुई स्थिति में एथलीट के शरीर के ऊपरी हिस्से से ही अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है.
बता दें कि पेरिस पैरालंपिक में, भारत ने अब तक 12 कांस्य, 9 रजत और 6 स्वर्ण सहित कुल 27 पदक जीत लिए हैं. जो इन खेलों में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.