सोनीपत (हरियाणा) : टोक्यो ओलंपिक खेलों के पदक विजेता बजरंग पूनिया और रवि दहिया रविवार को यहां आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए चयन ट्रायल में अपने मुकाबले हारने के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ से बाहर हो गये.
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई करने वाले पूनिया को पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में रोहित कुमार से 1-9 से हार मिली.
इससे पहले वह रविंदर के खिलाफ मुश्किल से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. अगर रविंदर ने मुकाबले में चेतावनी से अंक नहीं गंवाया होता तो पूनिया पहले ही मुकाबले में बाहर हो गये होते.
सेमीफाइनल में हारने के बाद पूनिया गुस्से में तुरंत भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र से चले गये. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधिकारियों ने पूनिया के डोप नमूने लेने की कोशिश की लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले के लिए भी नहीं रूके.
पूनिया ने ट्रायल्स की तैयारी के लिए रूस में ट्रेनिंग ली थी. ये ट्रायल्स भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं. पूनिया ने हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कहते हुए मुकदमा जीत लिया था कि निलंबित डब्ल्यूएफआई के पास ट्रायल्स कराने का कोई अधिकार नहीं है.
पुरुष 57 किग्रा (नोर्डिक प्रारूप में) हमेशा ही मुश्किल वर्ग रहा है जिसमें टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और अमन सेहरावत दौड़ में थे. चोट से वापसी कर रहे दहिया बड़े स्कोर वाले पहले मुकाबले में अमन से 13-14 से हार गये. दोनों ही छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग करते हैं.
दहिया जब प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे तो अमन 2023 में लगभग सभी टूर्नामेंट में पदक जीतकर सुर्खियों में रहे थे. एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता अमन ने अंतिम मिनट में दहिया के दबदबे को खत्म करते हुए मुकाबला जीत लिया. दहिया अगले मुकाबले में अंडर-20 एशियाई चैम्पियन उदित से हार गये.
ट्रायल्स के विजेताओं को एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा. भारत ने अभी तक अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) के जरिये ही पेरिस ओलंपिक के लिए एक कोटा हासिल किया है.