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ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में उत्तराखंड की शांभवी रौथाण ने जीता गोल्ड मेडल - SHAMBHAVI RAUTHAN WON GOLD MEDAL

पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली हैं शांभवी रौथाण, माता-पिता शिक्षक हैं, अब देश के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतना है लक्ष्य

SHAMBHAVI RAUTHAN WON GOLD MEDAL
पौड़ी की शांभवी ने जीता गोल्ड मेडल (Photo courtesy- Shambhavi Family)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 14, 2024, 8:54 AM IST

Updated : Nov 14, 2024, 9:03 AM IST

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड की बेटियां बेटों से काम नहीं हैं. हर क्षेत्र में आज बेटियां कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. पौड़ी की बेटी ने गोल्ड मेडल जीत कर अपने परिवार और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. शांभवी की सफलता से पौड़ी शहर वासियों में खुशी का माहौल है. ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में पौड़ी की बेटी ने गोल्ड मेडल जीतकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है.

उत्तराखंड की शांभवी ने जीता गोल्ड मेडल: ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में पौड़ी की बेटी शांभवी रौथाण ने गोल्ड मेडल जीता है. शांभवी के पिता शैलेन्द्र रौथाण ने बताया कि उनकी बेटी ने आज पूरे परिवार और उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है. मूल रूप से पौड़ी जिले के पौड़ी गांव की निवासी शांभवी रौथाण ने जयपुर राजस्थान में ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट के गर्ल्स डबल्स अंडर 17 में गोल्ड मेडल जीता है. मिक्स्ड डबल्स अंडर 17 में भी शांभवी ने तीसरा स्थान प्राप्त कर एक और पदक अपने उत्तराखंड को दिलाया.

ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता में मिली सफलता: दिनांक 7 नवंबर से 12 नवंबर 2024 तक जयपुर राजस्थान में ऑल इंडिया की सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इसमें भारत के सभी राज्यों से सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया. गर्ल्स डबल अंडर 17 में उत्तराखंड की शांभवी को गोल्डन सफलता मिली. पौड़ी गांव की रहने वाली शांभवी रौथाण ने 8 साल की उम्र में बैडमिंटन सीखना शुरू किया था. सुबह 4:00 बजे उठकर इंडोर कोर्ट में कई घंटे प्रैक्टिस करके बैडमिंटन की बारीकियां सीखीं. बैडमिंटन कोच की देखरेख में सुबह-शाम मेहनत करके जिला और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया.

कड़े संघर्ष से निकली हैं शांभवी: शांभवी का बैडमिंटन के प्रति इतना समर्पण था कि बर्थडे, शादियों और अन्य समारोह में जाना बंद करके उसने बैडमिंटन प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान दिया. कई मैचों में हार का सामना किया पर जीत के लिए लगातार संघर्ष करते हुए प्रयास करती रही. साथ ही लगातार अच्छे कोचों और अच्छी एकेडमी में बैडमिंटन की टेक्निकल की बारीकियां सीखीं.

शांभवी के माता-पिता शिक्षक हैं: शांभवी रौथाण के माता-पिता पेशे से शिक्षक हैं. दोनों ने बेटी को हमेशा आगे बढ़ने का हौसला दिया. जिसके परिणाम स्वरूप शांभवी ने आज ऑल इंडिया लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है. शांभवी रौथाण का लक्ष्य अपने देश के लिए भी गोल्ड मेडल जीतने का है. इसके लिए वह लगातार कड़ा अभ्यास कर रही हैं.
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पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड की बेटियां बेटों से काम नहीं हैं. हर क्षेत्र में आज बेटियां कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. पौड़ी की बेटी ने गोल्ड मेडल जीत कर अपने परिवार और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. शांभवी की सफलता से पौड़ी शहर वासियों में खुशी का माहौल है. ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में पौड़ी की बेटी ने गोल्ड मेडल जीतकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है.

उत्तराखंड की शांभवी ने जीता गोल्ड मेडल: ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में पौड़ी की बेटी शांभवी रौथाण ने गोल्ड मेडल जीता है. शांभवी के पिता शैलेन्द्र रौथाण ने बताया कि उनकी बेटी ने आज पूरे परिवार और उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है. मूल रूप से पौड़ी जिले के पौड़ी गांव की निवासी शांभवी रौथाण ने जयपुर राजस्थान में ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट के गर्ल्स डबल्स अंडर 17 में गोल्ड मेडल जीता है. मिक्स्ड डबल्स अंडर 17 में भी शांभवी ने तीसरा स्थान प्राप्त कर एक और पदक अपने उत्तराखंड को दिलाया.

ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता में मिली सफलता: दिनांक 7 नवंबर से 12 नवंबर 2024 तक जयपुर राजस्थान में ऑल इंडिया की सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इसमें भारत के सभी राज्यों से सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया. गर्ल्स डबल अंडर 17 में उत्तराखंड की शांभवी को गोल्डन सफलता मिली. पौड़ी गांव की रहने वाली शांभवी रौथाण ने 8 साल की उम्र में बैडमिंटन सीखना शुरू किया था. सुबह 4:00 बजे उठकर इंडोर कोर्ट में कई घंटे प्रैक्टिस करके बैडमिंटन की बारीकियां सीखीं. बैडमिंटन कोच की देखरेख में सुबह-शाम मेहनत करके जिला और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया.

कड़े संघर्ष से निकली हैं शांभवी: शांभवी का बैडमिंटन के प्रति इतना समर्पण था कि बर्थडे, शादियों और अन्य समारोह में जाना बंद करके उसने बैडमिंटन प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान दिया. कई मैचों में हार का सामना किया पर जीत के लिए लगातार संघर्ष करते हुए प्रयास करती रही. साथ ही लगातार अच्छे कोचों और अच्छी एकेडमी में बैडमिंटन की टेक्निकल की बारीकियां सीखीं.

शांभवी के माता-पिता शिक्षक हैं: शांभवी रौथाण के माता-पिता पेशे से शिक्षक हैं. दोनों ने बेटी को हमेशा आगे बढ़ने का हौसला दिया. जिसके परिणाम स्वरूप शांभवी ने आज ऑल इंडिया लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है. शांभवी रौथाण का लक्ष्य अपने देश के लिए भी गोल्ड मेडल जीतने का है. इसके लिए वह लगातार कड़ा अभ्यास कर रही हैं.
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Last Updated : Nov 14, 2024, 9:03 AM IST
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