मुंबई: असम और मुंबई के बीच चल रहे रणजी मैच के दौरान अजिंक्य रहाणे को उनके 16 साल के करियर में पहली बार फ़ील्डिंग में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिया गया. हालांकि थोड़ी देर बाद असम की टीम ने अपील को वापस ले लिया और रहाणे ने फिर से बल्लेबाज़ी की. एक समय पर मुंबई की टीम चार विकेट के नुक़सान पर 102 रन बना कर खेल रही थी और रहाणे का निजी स्कोर 18 रनों का था. इसके बाद उन्होंने एक गेंद को मिड ऑन की तरफ़ ड्राइव करते हुए सिंगल लेने का प्रयास किया लेकिन उनके पार्टनर शिवम दुबे ने रन लेने से मना कर दिया.
रहाणे काफ़ी आगे आ चुके थे और असम के कप्तान डेनिश दास ने गेंद को उठा कर कीपर की तरफ़ थ्रो किया लेकिन वह रहाणे को जाकर लग गई, जो क्रीज़ में वापस आने का प्रयास कर रहे थे. इसके बाद असम के सभी खिलाड़ियों ने फ़ील्डिंग में बाधा पहुंचाने के लिए आउट की अपील की और फ़ील्ड अंपायर के द्वारा इस अपील को स्वीकार भी कर लिया गया. इस फ़ैसले के ठीक बाद अंपायर ने टी ब्रेक की भी घोषणा कर दी.
अब असम के पहली पारी में 84 रनों के जवाब में मुंबई के पांच बल्लेबाज़ सिर्फ़ 105 रन पर ही आउट हो चुके थे. हालांकि असम ने टी ब्रेक के दौरान अपील वापस लेने का फै़सला किया और अंपायरों को भी इसके बारे में बताया. नियमों के अनुसार अगली गेंद फेंके जाने से पहले आउट करने की अपील को वापस लेना पड़ता है और बल्लेबाज़ तब ही फिर से बल्लेबाज़ी करने वापस आ सकते हैं, जब अंपायर इसे स्वीकार कर लें.
सौभाग्य से रहाणे के आउट होने के बाद टी ब्रेक ले लिया गया था और इस बीच असम की टीम ने अपना फ़ैसला बदल लिया. फलस्वरूप 20 मिनट के बाद रहाणे फिर से मैदान पर बल्लेबाज़ी करने आए. हालांकि रहाणे इस जीवनदान का फ़ायदा नहीं उठा पाए और सिर्फ़ चार रन जोड़कर 22 के निजी स्कोर पर आउट हो गए. रहाणे जब बल्लेबाज़ी करने आए थे तो मुंबई की टीम 60 के स्कोर पर चार विकेट गंवा कर खेल रही थी.
इसके बाद रहाणे ने शिवम दुबे के साथ मिल कर एक अर्धशतकीय साझेदारी की. रहाणे का यह रणजी सीज़न अब तक निराशाजनक रहा है और उन्होंने आठ पारियों में 16.00 की औसत से सिर्फ़ 112 रन बनाए हैं. असम अपनी पहली पाली में सिर्फ़ 84 के स्कोर पर ही ऑलआउट हो गया था. चोट के बाद वापसी करते हुए शार्दुल ठाकुर ने 21 रन देकर छह विकेट लिए और असम के पूरे बल्लेबाज़ी क्रम को पूरी तरह से धराशाई कर दिया.