झज्जर : खेल के महाकुंभ पेरिस ओलंपिक में हिस्सा ले रहे देश के एथलीट्स से भारत को मेडल की उम्मीदें हैं. पेरिस ओलंपिक में इस बार बजरंग पूनिया जैसे दिग्गज पहलवान कुश्ती करते हुए नहीं दिखाई देंगे लेकिन हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहड़ गांव के अमन सहरावत देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कुश्ती का जौहर दिखाने जा रहे हैं.
अमन के माता-पिता नहीं हैं : अमन के माता-पिता का साया बहुत पहले उनके ऊपर से उठ चुका है. 2013 में उनकी माता, वहीं 2014 में उनके पिता का स्वर्गवास हो गया था. लेकिन छोटी उम्र में इतना बड़ा नुकसान होने के बावजूद अमन का हौसला कम नहीं हुआ है. अमन ने ओलंपिक के लिए पूरे जी जान से मेहनत की ओर ये मुकाम हासिल किया है. अमन के ताऊ की मानें तो अमन ओलंपिक में जरूर पदक जीत कर लाएगा. उन्होंने बताया कि अमन ओलंपिक के पदक के जरिए अपने माता पिता को श्रद्धांजलि देना चाहता है.
कई मेडल जीत चुके हैं अमन : विश्व कुश्ती ओलंपिक क्वालिफायर में अमन ने अपने शानदार खेल से सभी को हैरान कर दिया था. अमन का जन्म साल 2003 में हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था. अमन एक फ्रीस्टाइल पहलवान हैं. अमन ने अपना पहला खिताब साल 2021 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में जीता था. गांव के सरपंच का कहना है कि अमन के ओलम्पिक खेलों में पदक जीत कर वापस गांव लौटने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा. अमन सहरावत साल 2022 के एशियाई खेलों में 57 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीत चुके हैं. साथ ही साल 2023 में अमन ने कजाकिस्तान में हुए एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक को अपने नाम किया था. जनवरी 2024 में उन्होंने ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में पुरुषों की 57 किलोग्राम स्पर्धा में गोल्ड जीता था.
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