नई दिल्ली : भारतीय टीम की जर्सी में आखिरी बार खेलने से कुछ घंटे पहले दिग्गज हॉकी गोलकीपर परट्टू रेवेंद्रन श्रीजेश ने कहा कि हर बचाव, हर डाइव और हर दहाड़ उनकी आत्मा में जीवन भर गूंजती रहेगी. उन्होंने अपने शानदार करियर को असाधारण से कम नहीं बताया और 150 करोड़ देशवासियों को उन पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद दिया.
As I stand between the posts for the final time, my heart swells with gratitude and pride. This journey, from a young boy with a dream to the man defending India's honour, has been nothing short of extraordinary.
— sreejesh p r (@16Sreejesh) August 8, 2024
Today, I play my last match for India. Every save, every dive,… pic.twitter.com/pMPtLRVfS0
भारतीय पुरुष हॉकी टीम गुरुवार को यहां पेरिस ओलंपिक 2024 में स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मैच खेलेगी, जिसका लक्ष्य टोक्यो खेलों के बाद लगातार दूसरी बार पोडियम फिनिश करना है. पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित श्रीजेश का यह मैच आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच होगा.
केरल के रहने वाले 36 वर्षीय श्रीजेश अपने शानदार 18 साल के करियर का अंत शानदार तरीके से करना चाहेंगे और अपने साथियों के साथ आखिरी बार मैदान पर उतरकर भारत के लिए पदक जीतना चाहेंगे.
श्रीजेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'जब मैं आखिरी बार पोस्ट कर रहा हूं, तो मेरा दिल कृतज्ञता और गर्व से भर गया है. एक युवा लड़के से लेकर भारत के सम्मान की रक्षा करने वाले व्यक्ति तक का यह सफर असाधारण से कम नहीं है. आज, मैं भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेलूंगा. हर बचाव, हर गोता, भीड़ की हर दहाड़ हमेशा मेरी आत्मा में गूंजती रहेगी. मुझ पर विश्वास करने और मेरे साथ खड़े रहने के लिए भारत का शुक्रिया. यह अंत नहीं है, बल्कि यादगार यादों की शुरुआत है.
बता दें, अनुभवी गोलकीपर अच्छी फॉर्म में हैं क्योंकि उन्होंने टूर्नामेंट में कुछ शानदार बचाव किए, जिसमें ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल शूट-आउट में दो बचाव शामिल हैं, जिससे भारत को लगातार दूसरे ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने में मदद मिली. उन्होंने तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक में भारत की कांस्य पदक जीतने की उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
2006 के दक्षिण एशियाई खेलों में पदार्पण करने के बाद, श्रीजेश भारत के लिए कई यादगार जीत का हिस्सा रहे, जिसमें 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और जकार्ता-पालेमबांग में 2018 एशियाड में कांस्य पदक शामिल है. वह 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम और भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल चैंपियन टीम का भी हिस्सा थे.