चेटौरौक्स (पेरिस) : ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी प्रतियोगिता में भाग लेने आये भारतीय दल को उनके स्वाद के अनुसार भोजन ढूंढने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
खिलाड़ियों के लिए यहां दो 'एथलीट गांव' हैं लेकिन दोनों में ही भारतीयों को अपना पसंदीदा भोजन नहीं मिला. कुछ निशानेबाज स्थानीय दक्षिण एशियाई रेस्तरां पर निर्भर हैं जबकि कुछ ने अपना खाना खुद पकाया है.
एक भारतीय निशानेबाज ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, 'खाना ढूंढने में मुश्किल हो रही है, बस किसी तरह से काम चल रहा है'. पिस्टल कोच जसपाल राणा ने कहा, 'हम तो खुद बनाते हैं. कल मैंने राजमा चावल खाया. किराने की दुकान से जरूरी सामान खरीदा और अपने अपार्टमेंट में बनाया'.
वहीं कुछ अन्य निशानेबाज पेरिस में खेल गांव की चहल पहल की कमी महसूस कर रहे हैं. वे पेरिस में ही रहना पसंद करते.
एक भारतीय निशानेबाज ने कहा, 'शूटिंग रेंज खूबसूरत है. लेकिन मैं मुख्य खेल गांव से दूर रहकर थोड़ा परेशान हूं'. उन्होंने कहा, 'यहां रहने की व्यवस्था ऐसी नहीं है जैसी मैंने सोची थी. लेकिन मैं प्रतियोगिता और जीतने के लिए यहां हूं'.
बता दें कि, मनु भाकर ने चेटौरौक्स फ्रेंच नेशनल शूटिंग सेंटर रेंज में पेरिस 2024 ओलंपिक शूटिंग प्रतियोगिता के पहले दिन महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई करके भारतीय शूटिंग दल को मुस्कुराने का मौका दिया.
इससे पहले, खेलों की पहली पदक स्पर्धा 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में दोनों भारतीय जोड़ियां क्वालीफिकेशन बाधा पार नहीं कर सकीं. वहीं, 10 मीटर एयर पिस्टल पुरुष वर्ग में सरबजोत सिंह पदक दौर में जगह बनाने से चूक गए और दो अन्य के साथ 577 का समान स्कोर हासिल किया.