पेरिस (फ्रांस) : भारत 117 एथलीटों के दल के साथ पेरिस ओलंपिक में प्रवेश कर रहा है, खेल प्रशंसकों को उम्मीद है कि देश अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा. कुछ एथलीट ओलंपिक में पहली बार खेलेंगे, जबकि कुछ दुनिया भर में सबसे बड़े खेल के महाकुंभ में आखिरी बार खेलेंगे.
भारत ने टोक्यो में 7 पदक जीते, जिसमें नीरज चोपड़ा का 1 स्वर्ण पदक भी शामिल है. इस बार पदकों की संख्या दोगुनी करने की चाहत एथलीटों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी, लेकिन दोहरे अंकों में प्रवेश करना एक कठिन काम होगा क्योंकि केवल नीरज चोपड़ा ही पदक के लिए आश्वस्त दिख रहे हैं.
दल पर एक नजर
पेरिस में भारत के लिए पदक के सबसे प्रबल दावेदार नीरज चोपड़ा और रंकीरेड्डी सात्विकसाईराज तथा चिराग शेट्टी की बैडमिंटन जोड़ी होगी. भारत के दल में आधे से अधिक खिलाड़ी तीन खेलों से हैं - एथलेटिक्स (29), शूटिंग (21) और हॉकी (19). 69 एथलीटों में से 40 नए खिलाड़ी हैं.
भारत का अभियान मुख्य रूप से एथलीटों द्वारा संचालित होगा क्योंकि वे भारतीय दल का एक बड़ा हिस्सा हैं. भारतीय दल में अनुभवी खिलाड़ी - दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु, अनुभवी टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना, टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल और हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश से अपने खेल में सुधार की उम्मीद की जाएगी.
पदक की संभावनाएं
भारत की पदक की उम्मीदें स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी हैं जिन्होंने पिछले संस्करण में स्वर्ण पदक जीता था. भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद होगी कि वह न केवल पोडियम के शीर्ष पर रहेंगे बल्कि अपने थ्रो के साथ 90 मीटर के निशान को भी पार करेंगे. नीरज के पास पीवी सिंधु और सुशील कुमार के बाद लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय एथलीट बनने का मौका होगा.
सत्विस्कसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की बैडमिंटन जोड़ी अन्य उम्मीदवार हैं जो हाल के दिनों में अपने शानदार प्रदर्शन को देखते हुए भारत के लिए पदक जीत सकते हैं. वे वैश्विक रैंकिंग में नंबर 1 स्थान पर भी पहुंचे और फ्रांस की राजधानी में गौरव हासिल करने की कोशिश करेंगे.
शूटिंग एक और खेल है जहां भारत पदक की उम्मीद कर सकता है क्योंकि मनु भाकर और सौरभ चौधरी ने ओलंपिक की तैयारी में अपने लगातार प्रदर्शन से उम्मीदें जगाई थीं. सिफ्ट कौर समरा (50 मीटर थ्री पोजिशन), संदीप सिंह (10 मीटर एयर राइफल) और ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर (पुरुषों की 50 मीटर राइफल) ने दिखाया है कि वे ओलंपिक में पदक जीतने के लिए काफी अच्छे हैं.
तीरंदाज हमेशा अपने कंधों पर उम्मीदों का बोझ लेकर आते हैं क्योंकि वे वैश्विक टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन करते हैं. हालांकि, जब बात ओलंपिक की आती है तो भारतीय तीरंदाज अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं और इस बार वे इसे बदलने का लक्ष्य रखेंगे. ऐसा लगता है कि भारत पिछले संस्करण की पदक तालिका की बराबरी कर लेगा, लेकिन अगर वे दोहरे अंक में पहुंच जाते हैं तो यह भारतीय प्रशंसकों के लिए एक यादगार संस्करण होगा.