मुंबई (महाराष्ट्र) : पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में कांस्य पदक जीतने वाले स्वप्निल कुसाले की कहानी महेंद्र सिंह धोनी से मिलती-जुलती है. कुसाले ने खेलों में अपने करियर के लिए धोनी से प्रेरणा ली. दिलचस्प बात यह है कि उन्हीं की तरह स्वप्निल भी अपने करियर की शुरुआत में रेलवे में टिकट कलेक्टर थे.
Medal number 3 🫶🏽
— Team India (@WeAreTeamIndia) August 1, 2024
Our 3rd Bronze Medal and 3rd in Shooting, too. Congratulations, @KusaleSwapnil on an incredible display 👏🏽👏🏽#JeetKaJashn #Cheer4Bharat #IndiaAtParis24 pic.twitter.com/QbvjbUUIh9
स्वप्निल कुसाले ने रचा इतिहास
भारत के युवा शूटर स्वप्निल कुसले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन फाइनल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया. पहली बार किसी भारतीय निशानेबाज ने ओलंपिक में 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन स्पर्धा में पदक जीता. इसके साथ ही कुसाले ने भारत को तीसरा पदक दिलाया. दिलचस्प बात यह है कि इस ओलंपिक में भारत ने निशानेबाजी खेलों में तीनों पदक जीते हैं.
BRONZE MEDAL for Swapnil Kusale 🔥🔥🔥
— India_AllSports (@India_AllSports) August 1, 2024
Swapnil Kusale wins Bronze medal in 50m Rifle 3P (Shooting). #PARIS2024 #Paris2024withIAS pic.twitter.com/FuDpD44Rlj
धोनी से मिलती-जुलती है कुसाले की कहानी
कुसाले की सफलता की कहानी महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से मिलती-जुलती है. धोनी की तरह कुसाले भी सेंट्रल रेलवे में टिकट कलेक्टर हैं. स्वप्निल कुसाले आज (21 अगस्त) दोपहर 1 बजे फाइनल खेलने उतरे. कुसाले इस इवेंट के फाइनल में खेलने वाले पहले भारतीय थे. उन्होंने अपने पहले ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीता.
𝐒𝐰𝐚𝐩𝐧𝐢𝐥 𝐊𝐚 𝐒𝐚𝐩𝐧𝐚 𝐇𝐮𝐚 𝐒𝐚𝐤𝐚𝐫
— SAI Media (@Media_SAI) August 1, 2024
50 M Rifle 3 Position Men's Final👇🏻
Swapnil Kusale gave India🇮🇳's its 3rd medal at the #Paris2024Olympics as he clinches a #Bronze with a total score of 451.4.
With this achievement, he becomes the 7th Indian shooter to get a… pic.twitter.com/8gDTQJKqaB
मां सरपंच और पिता शिक्षक
महाराष्ट्र का जिला कोल्हापुर, जहां सबसे ज्यादा फुटबॉल का क्रेज है. यहां हर पेठा और गांव में एक फुटबॉल खिलाड़ी है. हालांकि, राधानगरी तालुका के कम्बलवाड़ी के मूल निवासी 29 वर्षीय स्वप्निल सुरेश कुसाले अपवाद थे. स्वप्निल के पिता सुरेश कुसाले जिला परिषद स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं. मां गांव की सरपंच हैं और वारकरी समुदाय से हैं. स्वप्निल का एक छोटा भाई सूरज भी है जो खेल शिक्षक हैं.
Exceptional performance by Swapnil Kusale! Congrats to him for winning the Bronze medal in the Men's 50m Rifle 3 Positions at the #ParisOlympics2024.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2024
His performance is special because he’s shown great resilience and skills. He is also the first Indian athlete to win a medal in… pic.twitter.com/9zvCQBr29y
स्वप्निल के बचपन से ही परिवार में एक धार्मिक शैक्षणिक माहौल था क्योंकि उनकी मां वारकरी संप्रदाय की धार्मिक थीं और उनके पिता शिक्षक थे. स्वप्निल की पहली से चौथी तक की शिक्षा राधानगरी तालुका के 1200 लोगों की आबादी वाले छोटे से गांव कम्बलवाड़ी के जिला परिषद स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने 5वीं से 7वीं कक्षा तक पढ़ाई भोगावती पब्लिक स्कूल से की. इस दौरान उनकी रुचि खेलों में हुई. उन्हें पुणे के बालेवाड़ी खेल परिसर में सांगली में प्रशिक्षण के लिए एक केंद्र मिला. इसके चलते उन्होंने सांगली में ही अपनी आगे की शिक्षा का अभ्यास शुरू किया.
Exceptional performance by Swapnil Kusale! Congrats to him for winning the Bronze medal in the Men's 50m Rifle 3 Positions at the #ParisOlympics2024.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2024
His performance is special because he’s shown great resilience and skills. He is also the first Indian athlete to win a medal in… pic.twitter.com/9zvCQBr29y
बिंद्रा को देखने के लिए छोड़ी 12वीं की परीक्षा
घर में निशानेबाजी का कोई पूर्व अनुभव न होने के कारण स्वप्निल की रुचि खेल में विकसित हुई. इसके चलते वे 9 साल की उम्र में आगे की ट्रेनिंग के लिए नासिक चले गए. इस समय उनकी उम्र महज 15 से 16 वर्ष थी. यहां ट्रेनिंग के बाद 10वीं की पढ़ाई पूरी की. वे सुबह और शाम यहीं प्रैक्टिस करते थे. इसके बाद वे दोपहर में स्कूल जाते थे. इसके बाद 2008 के ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा को खेलते देखने के लिए स्वप्निल ने 12वीं की परीक्षा छोड़ दी.
India surely loves to shoot to thrill! 🥳
— JioCinema (@JioCinema) August 1, 2024
Swapnil Kusale secures bronze🥉for the country in the 50-metre shooting finals at #Paris2024!#OlympicsOnJioCinema #OlympicsOnSports18 #JioCinemaSports #Shooting pic.twitter.com/wNpzVy2jqE
सेंट्रल रेलवे में कार्यरत
स्वप्निल 2015 से सेंट्रल रेलवे में कार्यरत हैं. उनके पिता और भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं. मां गांव की सरपंच हैं. स्वप्निल ने एक साक्षात्कार में कहा, 'अब तक का अनुभव बहुत अच्छा रहा है. मुझे शूटिंग बहुत पसंद है. मैं बहुत खुश हूं कि मैं इतने लंबे समय तक ऐसा कर पाया. मैं शूटिंग में किसी खास खिलाड़ी को फॉलो नहीं करता. लेकिन दूसरे खेलों में धोनी मेरे पसंदीदा हैं. मैं अपने खेल में शांत रहना चाहता हूं. यह जरूरी है. वह हमेशा मैदान पर शांत रहते थे. वह एक बार टीसी भी रह चुके हैं और मैं भी'.
𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐢𝐧 𝐒𝐡𝐨𝐨𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐭 𝐎𝐥𝐲𝐦𝐩𝐢𝐜𝐬:
— India_AllSports (@India_AllSports) August 1, 2024
2016 | Rio: ❌
2020 | Tokyo: ❌
2024 | Paris: 3 (& counting!) #Paris2024 #Paris2024withIAS pic.twitter.com/ivE1bSNsXN
निशानेबाजी में भारत के पदक विजेता :-
- राज्यवर्धन सिंह राठौर : रजत पदक, एथेंस ओलंपिक (2004)
- अभिनव बिंद्रा : स्वर्ण पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
- गगन नारंग : कांस्य पदक, लंदन ओलंपिक (2012)
- विजय कुमार : रजत पदक, लंदन ओलंपिक (2012)
- मनु भाकर : कांस्य पदक, पेरिस ओलंपिक (2024)
- मनु भाकर-सरबजोत सिंह : कांस्य पदक, पेरिस ओलंपिक (2024)
- स्वप्नील कुसाले : कांस्य पदक, पेरिस ओलंपिक (2024)