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जानिए मीराबाई चानू का लकड़ी बीनने से लेकर वेटलिफ्टर बनने तक का सफर - Paris Olympic 2024

Weight Lifter Mirabau chanu : पेरिस ओलंपिक 2024 में मीराबाई चानू से भारत को पदक की उम्मीद है. पूर्वी भारत के एक गांव से निकलकर वेटलिफ्टिंग में भारत का नाम रोशन करने वाली मीराबाई चानू इस बार पदक की दावेदार है. जानिए मीराबाई चानू के बारे में सबकुछ...

Mirabai Chanu
वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 8, 2024, 5:32 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 6:01 PM IST

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई से हो रहे हैं, जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे एथलीट्स का अपने देश के लिए मेडल लाने का सपना मजबूत हो रहा है. भारतीय एथलीट हर हाल में ओलंपिक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे. भारत चाहेगा कि वो टोक्यो ओलंपिक के अपने प्रदर्शन को बेहतर करे और पिछले ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू इस बार गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाए.

Mirabau Chanu
मीराबाई चानू (IANS PHOTOS)
जन्म
8 अगस्त 1994 में इम्फाल के एक गांव नोंगपोक काकचिंग में जन्मी मीराबाई का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था. मीराबाई छह भाई-बहनों में सबसे छोटी बेटी है. चानू अपने सामान्य जीवन में बाहर से लकड़ी बीनकर जीवन यापन किया. चानू का वेटलिफ्टर बनने का किस्सा भी बड़ा रोमांचक है. उन्हें वेटलिफ्टिंग की अपनी ताकत का अंदाजा पहली बार 12 साल की उम्र में हुआ.

उनसे 4 साल बड़ा भाई लकड़ी का गट्ठर उठा नहीं पाया और उन्होंने उसको आसानी से उठा लिया. इससे पहले चानू इंफाल के एक स्थानीय स्पोर्ट्स हॉल में तीरंदाजी करना सीखना चाहती थी. अपने खेल की सही पहचान के बाद मीराबाई चानू ने भारत की महिला भारोत्तोलक कुंजारानी देवी से प्रेरणा लेकर उनके पथ पर चलने की ठान लिया.

करियर
स्कॉटलैंड में हुए 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में चानू को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. चानू ने उन खेलों में 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीतकर 20 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. इसके बाद, यूएसए में 2017 विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया और वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गईं. चानू ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल पर कब्जा किया.

ओलंपिक में प्रदर्शन
चानू ने अब तक 2 बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया है. 2016 के ओलंपिक में वह बिना किसी मेडल के बाहर हो गई थी. उसके बाद 2020 के टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया था. पेरिस ओलंपिक में मीराबाई अपना मुकाबला 7 अगस्त को खेलेंगी. टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में पदक जीतकर भारोत्तोलन में 21 साल के सूखे को खत्म किया.

पेरिस ओलंपिक में मेडल की उम्मीद
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को मीराबाई चानू से काफी उम्मीद है. वह पदक की मजबूत दावेदार हैं. अगर वह इस बार गोल्ड मेडल जीतती हैं तो वह भारत में वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली पहली एथलीट होंगी.

यह भी पढ़ें : ओलंपिक में कैसा रहेगा भारत का शेड्यूल, जानिए वेन्यू और इवेंट्स से जुड़ी सभी अहम जानकारी

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई से हो रहे हैं, जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे एथलीट्स का अपने देश के लिए मेडल लाने का सपना मजबूत हो रहा है. भारतीय एथलीट हर हाल में ओलंपिक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे. भारत चाहेगा कि वो टोक्यो ओलंपिक के अपने प्रदर्शन को बेहतर करे और पिछले ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू इस बार गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाए.

Mirabau Chanu
मीराबाई चानू (IANS PHOTOS)
जन्म
8 अगस्त 1994 में इम्फाल के एक गांव नोंगपोक काकचिंग में जन्मी मीराबाई का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था. मीराबाई छह भाई-बहनों में सबसे छोटी बेटी है. चानू अपने सामान्य जीवन में बाहर से लकड़ी बीनकर जीवन यापन किया. चानू का वेटलिफ्टर बनने का किस्सा भी बड़ा रोमांचक है. उन्हें वेटलिफ्टिंग की अपनी ताकत का अंदाजा पहली बार 12 साल की उम्र में हुआ.

उनसे 4 साल बड़ा भाई लकड़ी का गट्ठर उठा नहीं पाया और उन्होंने उसको आसानी से उठा लिया. इससे पहले चानू इंफाल के एक स्थानीय स्पोर्ट्स हॉल में तीरंदाजी करना सीखना चाहती थी. अपने खेल की सही पहचान के बाद मीराबाई चानू ने भारत की महिला भारोत्तोलक कुंजारानी देवी से प्रेरणा लेकर उनके पथ पर चलने की ठान लिया.

करियर
स्कॉटलैंड में हुए 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में चानू को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. चानू ने उन खेलों में 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीतकर 20 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. इसके बाद, यूएसए में 2017 विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया और वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गईं. चानू ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल पर कब्जा किया.

ओलंपिक में प्रदर्शन
चानू ने अब तक 2 बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया है. 2016 के ओलंपिक में वह बिना किसी मेडल के बाहर हो गई थी. उसके बाद 2020 के टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया था. पेरिस ओलंपिक में मीराबाई अपना मुकाबला 7 अगस्त को खेलेंगी. टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में पदक जीतकर भारोत्तोलन में 21 साल के सूखे को खत्म किया.

पेरिस ओलंपिक में मेडल की उम्मीद
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को मीराबाई चानू से काफी उम्मीद है. वह पदक की मजबूत दावेदार हैं. अगर वह इस बार गोल्ड मेडल जीतती हैं तो वह भारत में वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली पहली एथलीट होंगी.

यह भी पढ़ें : ओलंपिक में कैसा रहेगा भारत का शेड्यूल, जानिए वेन्यू और इवेंट्स से जुड़ी सभी अहम जानकारी
Last Updated : Jul 8, 2024, 6:01 PM IST
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