नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई से होने वाली है. 11 अगस्त तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में भारत के कई बड़े-बड़े स्टार खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले हैं. इस बार के ओलंपिक खेलों में भारत की स्टार महिला शटलर पीवी सिंधु भी हिस्सा लेने वाले हैं. उन्होंने पिछले तो इससे पहले हम आपको पीवी सिंधू के बारे में बताने वाले हैं.
जन्म
पीवी सिंधु का जन्म हैदराबाद में 5 जुलाई 1995 को हुआ था. उनका पूरा नाम पुसारिया वेंकट सिंधु है. इनके माता-पिता आंध्र प्रदेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल खेल चुके हैं. उनके पिता रेलवे में कार्यरथ थे. सिंधु ने 8 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरु किया था. इसके बाद वो गोपीचंद एकडेमी में शामिल हुईं और अपने शानदार खेल को जारी रखा.
कैसा रहा अब तक का सफर
सिंधु ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 14 साल की उम्र में साल 2009 में की थी. उन्होंने कोलंबो में सब-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीता था. पीवी सिंधु 2019 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेजल जीता, वो ऐसा करने वाली एकमात्र भारतीय हैं. इसके बाद उन्होंने 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंगल्स में सिल्वर और मिश्रित टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था.
ओलंपिक में प्रदर्शन
सिंधु ओलंपिक खेलों में भारत के लिए लगातार दो पदक जीतने वाली दूसरी व्यक्तिगत एथलीट हैं. उन्होंने 2016 ओलंपिक में सिल्वर मेडल और 2020 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. पीवी सिंधु की रैंकिंग इस समय WR 12 है. वो विश्व की सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं. अब उनसे उनके लगातार तीसरे ओलंपिक में भी भारत को मेडल जीतने की उम्मीद होगी.
इन पुरस्कारों से सम्मानित
सिंधु को 2020 में पद्म भूषण, 2015 में पद्म श्री, 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न और 2013 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया है.
𝗞𝗻𝗼𝘄 𝗬𝗼𝘂𝗿 𝗔𝘁𝗵𝗹𝗲𝘁𝗲 (𝗞𝗬𝗔) 𝗦𝗲𝗿𝗶𝗲𝘀-𝟯: 𝗣.𝗩 𝗦𝗶𝗻𝗱𝗵𝘂
— India_AllSports (@India_AllSports) July 1, 2024
➡️ Ranking: WR 12
➡️ 2-time Olympic medalist: Silver (2016) | Bronze (2020).
➡️ Form guide: 2023 & 2024: No BWF title (so far) | Reached Final of 2 tournaments. #Paris2024withIAS pic.twitter.com/wU1JMgOaJS
पेरिस ओलंपिक में पदक की उम्मीद
भारत को पीवी सिंधु से अब पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीतने की उम्मीद होगी. ये उनका तीसरा ओलंपिक होने वाला है, ऐसे में वो पूरी जान लगा देंगी. सिंधु का पूरा फोकस गोल्ड मेडल जीतने पर होगा. इस प्रतियागात में सिंधु को स्पेनिश बैडमिंटन कैरोलिना मारिन से बचकर रहना होगा. सिंधु को मारिन के हाथों नॉकआउट मैचों में 10 बार हार का सामना करना पड़ा है.