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मनोज तिवारी का संन्यास के बाद दर्द आया बाहर, एमएस धोनी को लेकर बोल दी बड़ी बात

भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. उसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में बड़ी बात बोली है. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में धोनी के रवैये पर अफसोस भी जताया है. पढ़ें पूरी खबर....

मनोज तिवारी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 20, 2024, 9:57 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय टीम में खेलने का हर खिलाड़ी का सपना होता है और सपना सच होने के बाद जब टीम से बाहर आ जाएं और मौके न मिले तो हर किसी को दुख होता है. ऐसा ही एक दुख मनोज तिवारी का सामने निकलकर आया है. भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने बड़ी बात बोली है. उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अपने प्रति रवैये के लिए निराशा व्यक्त की है.

मनोज तिवारी ने सोमवार को प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लिया है. उसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने के बाद भी लगातार 14 मैचों तक बाहर क्यों रखा गया. उन्होंने आगे इंटरव्यू में कहा कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनको नजर अंदाज किया गया. जबकि विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना रन बनाने में संघर्ष कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि मैरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है. मैं मौका मिलने पर धोनी से जरूर पूछूंगा कि मुझे शतक लगाने के बाद टीम से बाहर क्यों रखा गया. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जहां किसी से रन नहीं बन रहे थे न तो विराट कोहली न ही रोहित शर्मा और न धोनी. इसके साथ ही उनको टेस्ट कैप न मिलने का भी काफी दुख है. उन्होंने प्रैक्टिस मैचों में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ अपने आंकड़ों के बारे में बताते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट में भी उनके शानदार प्रदर्शन के कारण युवराज सिंह को चुना गया.

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर मैंने अभ्यास मैच में मैंने 130 रन और इंग्लैंड के खिलाफ 93 रन बनाए थे इसके बावजूद मुझे नहीं चुना गया. उन्होंने कहा कि जब आत्मविश्वास चरम पर होता है और उसे कोई खत्म कर देता है तो वह खिलाड़ी को खत्म कर देता है. उन्होंने कहा कि मैरे अंदर भी विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसा हीरो बनने की काबिलियत थी. जब आज में अवसरों के देखता हूं तो मुझे बहुत दुख होता है.

मनोज तिवारी के अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो उन्होंने 12 वनडे और सिर्फ 3 टी20 मैच खेले हैं. जिसमें वनडे में उनके नाम 287 रन और एक शतक शामिल है. वहीं टी20 में उन्होंने 15 रन बनाए हैं.

बता दें कि मनोज तिवारी ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी को बंद करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि रणजी ट्रॉफी पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आईपीएल की चकाचौंध के सामने इस खेल की वैल्यू कम हो गई है. उनके इसे बयान पर बीसीसीआई ने नाराजगी जाहिर करते हुए मैच का 20 फीसदी जुर्माना भी लगाया है.

यह भी पढ़ें : शुभमन गिल को लोकसभा चुनावों के लिए पंजाब का 'राज्य आइकन' बनाया गया

नई दिल्ली : भारतीय टीम में खेलने का हर खिलाड़ी का सपना होता है और सपना सच होने के बाद जब टीम से बाहर आ जाएं और मौके न मिले तो हर किसी को दुख होता है. ऐसा ही एक दुख मनोज तिवारी का सामने निकलकर आया है. भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने बड़ी बात बोली है. उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अपने प्रति रवैये के लिए निराशा व्यक्त की है.

मनोज तिवारी ने सोमवार को प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लिया है. उसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने के बाद भी लगातार 14 मैचों तक बाहर क्यों रखा गया. उन्होंने आगे इंटरव्यू में कहा कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनको नजर अंदाज किया गया. जबकि विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना रन बनाने में संघर्ष कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि मैरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है. मैं मौका मिलने पर धोनी से जरूर पूछूंगा कि मुझे शतक लगाने के बाद टीम से बाहर क्यों रखा गया. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जहां किसी से रन नहीं बन रहे थे न तो विराट कोहली न ही रोहित शर्मा और न धोनी. इसके साथ ही उनको टेस्ट कैप न मिलने का भी काफी दुख है. उन्होंने प्रैक्टिस मैचों में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ अपने आंकड़ों के बारे में बताते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट में भी उनके शानदार प्रदर्शन के कारण युवराज सिंह को चुना गया.

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर मैंने अभ्यास मैच में मैंने 130 रन और इंग्लैंड के खिलाफ 93 रन बनाए थे इसके बावजूद मुझे नहीं चुना गया. उन्होंने कहा कि जब आत्मविश्वास चरम पर होता है और उसे कोई खत्म कर देता है तो वह खिलाड़ी को खत्म कर देता है. उन्होंने कहा कि मैरे अंदर भी विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसा हीरो बनने की काबिलियत थी. जब आज में अवसरों के देखता हूं तो मुझे बहुत दुख होता है.

मनोज तिवारी के अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो उन्होंने 12 वनडे और सिर्फ 3 टी20 मैच खेले हैं. जिसमें वनडे में उनके नाम 287 रन और एक शतक शामिल है. वहीं टी20 में उन्होंने 15 रन बनाए हैं.

बता दें कि मनोज तिवारी ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी को बंद करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि रणजी ट्रॉफी पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आईपीएल की चकाचौंध के सामने इस खेल की वैल्यू कम हो गई है. उनके इसे बयान पर बीसीसीआई ने नाराजगी जाहिर करते हुए मैच का 20 फीसदी जुर्माना भी लगाया है.

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