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महिला टी20 वर्ल्ड में भारत के खराब प्रदर्शन पर भड़कीं मिताली राज, खूब सुनाई खरी-खोटी - MITHALI RAJ ON WOMENS CRICKET TEAM

पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा है कि भारतीय महिला टी20 टीम ने पिछले 3 साल में कोई सुधार नहीं किया. पढे़ं पूरी खबर.

indian womens cricket team
भारतीय महिला क्रिकेट टीम (IANS Photo)
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By PTI

Published : Oct 15, 2024, 8:00 PM IST

नई दिल्ली : भारत की पूर्व कप्तान मिताली राज ने मंगलवार को महिला टी20 विश्व कप में राष्ट्रीय टीम के खराब प्रदर्शन के लिए पिछले 3 वर्षों में खेल के विभिन्न विभागों में सुधार करने में विफल रहने को जिम्मेदार ठहराया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में यह पहली बार है कि भारत आईसीसी के किसी टूर्नामेंट के नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा. इससे टीम का विश्व कप खिताब जीतने का इंतजार और बढ़ गया. इसके साथ ही कप्तान के रूप में उनके भविष्य पर गंभीर सवालिया निशान लग गए.

मिताली ने दुबई से 'पीटीआई' से कहा कि टीम के पतन का कारण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की परिस्थितियों से जल्दी सामंजस्य बैठाने में विफल रहने के साथ बल्लेबाजी में स्पष्टता की कमी और खराब क्षेत्ररक्षण था.

भारत की पूर्व कप्तान मिताली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार ने इस बात को साबित किया कि इस टीम ने पिछले तीन साल में कोई सुधार नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'मैं अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच की बात करूं तो यह जीतने लायक मैच था. हमारे पास मौके थे लेकिन ऐसा लग रहा था कि हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी परिपाटी का पालन कर रहे हैं जिसमें मैच को आखिरी ओवरों तक ले जाकर हार का सामना करना शामिल है. यह रणनीति कारगर नहीं है'.

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि पिछले दो-तीन वर्षों में मैंने वास्तव में इस टीम में कोई विकास नहीं देखा है. मेरा मतलब है कि सर्वश्रेष्ठ टीम को हराने के लिए आप हमेशा तैयारी करते हैं. ऐसा लगता है कि हम अन्य टीमों को हरा रहे हैं और हम इससे काफी खुश हैं'.

मिताली ने कहा, 'इस टूर्नामेंट में हर दूसरी टीम ने सीमित गहराई के बावजूद विकास दिखाया है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण दक्षिण अफ्रीका है'.

न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को अनुकूल परिस्थितियों में मिली हार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारी खिलाड़ियों ने धीमी विकेटों से सामंजस्य बैठाने में समय लिया जबकि न्यूजीलैंड के बल्लेबाज ऐसा करने में सफल रहे. उन्होंने कहा, 'हैरानी की बात यह है कि हमें विकेट की धीमी गति से तालमेल बैठाने में समय लगा. वनडे विश्व कप के विपरीत यह एक छोटा टूर्नामेंट है. आपके पास परिस्थितियों से तालमेल बैठाने के लिए ज्यादा समय नहीं होता है. सोफी डिवाइन जैसी खिलाड़ी हमारे खिलाफ इतने रन बनाने में सक्षम थी और वह धीमी पिचों पर खेलने की आदी नहीं है'.

मिताली ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों के लिए बीच के ओवरों में रन बनाना काफी मुश्किल साबित हो रहा और टीम को यह भारी पड़ रहा है. उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि सलामी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे, हम हमेशा शेफाली (वर्मा) से बड़े स्कोर की उम्मीद करते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीजें बदल गई हैं. अगर दोनों सलामी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हम अकसर बीच के ओवरों में फंस जाते हैं'.

उन्होंने कहा, 'हम अमूमन पावर प्ले और आखिरी ओवरों में हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन बीच के ओवरों में हम बेहतर होने के तरीके को नहीं ढूंढ पा रहे हैं'.

मिताली ने भारतीय टीम की हार का दोष खराब क्षेत्ररक्षण पर भी मढा और कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जेमिमा रोड्रिग्ज और राधा यादव के अलावा सभी खिलाड़ियों ने क्षेत्ररक्षण में निराश किया. उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह काफी निराशाजनक था कि जेमिमा और राधा के अलावा किसी का क्षेत्ररक्षण अच्छा नहीं था. टीम के 11 खिलाड़ियों में सिर्फ दो अच्छे क्षेत्ररक्षक होने से बात नहीं बनेगी. फिटनेस के मामले में भी टीम को सुधार करना होगा'.

उन्होंने टीम की कप्तानी में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगर चयनकर्ता इसमें बदलाव करना चाहते है तो उन्हें बिना समय गवाएं ऐसा करना चाहिये क्योंकि अगला विश्व कप काफी करीब है. उन्होंने किसी युवा खिलाड़ी को कप्तान बनाने की वकालत की.

मिताली ने कहा, 'अगर चयनकर्ता बदलाव का फैसला करते हैं तो मैं एक युवा कप्तान चाहूंगी. यह (बदलाव का) सही समय है. आप अधिक देर करेंगे तो हमारे सामने एक और विश्व कप होगा. अगर अभी नहीं कर रहे तो फिर उन्हें अगले विश्व कप के बाद ही ऐसा करने के बारे में सोचना चाहिये'. उन्होंने कहा, 'स्मृति वहां हैं (लंबे समय तक उप-कप्तान रही हैं) लेकिन मुझे लगता है कि जेमिमा जैसी खिलाड़ी कप्तानी के लिए अधिक उपयुक्त होंगी. वह 24 साल की हैं और अधिक समय तक टीम का नेतृत्व कर सकती है. वह मैदान पर सकारात्मक ऊर्जा के साथ रहती है. वह हर किसी से बात करती है. इस टूर्नामेंट में मैं उससे बहुत प्रभावित हुई हूं'.

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नई दिल्ली : भारत की पूर्व कप्तान मिताली राज ने मंगलवार को महिला टी20 विश्व कप में राष्ट्रीय टीम के खराब प्रदर्शन के लिए पिछले 3 वर्षों में खेल के विभिन्न विभागों में सुधार करने में विफल रहने को जिम्मेदार ठहराया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में यह पहली बार है कि भारत आईसीसी के किसी टूर्नामेंट के नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा. इससे टीम का विश्व कप खिताब जीतने का इंतजार और बढ़ गया. इसके साथ ही कप्तान के रूप में उनके भविष्य पर गंभीर सवालिया निशान लग गए.

मिताली ने दुबई से 'पीटीआई' से कहा कि टीम के पतन का कारण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की परिस्थितियों से जल्दी सामंजस्य बैठाने में विफल रहने के साथ बल्लेबाजी में स्पष्टता की कमी और खराब क्षेत्ररक्षण था.

भारत की पूर्व कप्तान मिताली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार ने इस बात को साबित किया कि इस टीम ने पिछले तीन साल में कोई सुधार नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'मैं अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच की बात करूं तो यह जीतने लायक मैच था. हमारे पास मौके थे लेकिन ऐसा लग रहा था कि हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी परिपाटी का पालन कर रहे हैं जिसमें मैच को आखिरी ओवरों तक ले जाकर हार का सामना करना शामिल है. यह रणनीति कारगर नहीं है'.

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि पिछले दो-तीन वर्षों में मैंने वास्तव में इस टीम में कोई विकास नहीं देखा है. मेरा मतलब है कि सर्वश्रेष्ठ टीम को हराने के लिए आप हमेशा तैयारी करते हैं. ऐसा लगता है कि हम अन्य टीमों को हरा रहे हैं और हम इससे काफी खुश हैं'.

मिताली ने कहा, 'इस टूर्नामेंट में हर दूसरी टीम ने सीमित गहराई के बावजूद विकास दिखाया है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण दक्षिण अफ्रीका है'.

न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को अनुकूल परिस्थितियों में मिली हार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारी खिलाड़ियों ने धीमी विकेटों से सामंजस्य बैठाने में समय लिया जबकि न्यूजीलैंड के बल्लेबाज ऐसा करने में सफल रहे. उन्होंने कहा, 'हैरानी की बात यह है कि हमें विकेट की धीमी गति से तालमेल बैठाने में समय लगा. वनडे विश्व कप के विपरीत यह एक छोटा टूर्नामेंट है. आपके पास परिस्थितियों से तालमेल बैठाने के लिए ज्यादा समय नहीं होता है. सोफी डिवाइन जैसी खिलाड़ी हमारे खिलाफ इतने रन बनाने में सक्षम थी और वह धीमी पिचों पर खेलने की आदी नहीं है'.

मिताली ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों के लिए बीच के ओवरों में रन बनाना काफी मुश्किल साबित हो रहा और टीम को यह भारी पड़ रहा है. उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि सलामी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे, हम हमेशा शेफाली (वर्मा) से बड़े स्कोर की उम्मीद करते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीजें बदल गई हैं. अगर दोनों सलामी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हम अकसर बीच के ओवरों में फंस जाते हैं'.

उन्होंने कहा, 'हम अमूमन पावर प्ले और आखिरी ओवरों में हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन बीच के ओवरों में हम बेहतर होने के तरीके को नहीं ढूंढ पा रहे हैं'.

मिताली ने भारतीय टीम की हार का दोष खराब क्षेत्ररक्षण पर भी मढा और कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जेमिमा रोड्रिग्ज और राधा यादव के अलावा सभी खिलाड़ियों ने क्षेत्ररक्षण में निराश किया. उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह काफी निराशाजनक था कि जेमिमा और राधा के अलावा किसी का क्षेत्ररक्षण अच्छा नहीं था. टीम के 11 खिलाड़ियों में सिर्फ दो अच्छे क्षेत्ररक्षक होने से बात नहीं बनेगी. फिटनेस के मामले में भी टीम को सुधार करना होगा'.

उन्होंने टीम की कप्तानी में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगर चयनकर्ता इसमें बदलाव करना चाहते है तो उन्हें बिना समय गवाएं ऐसा करना चाहिये क्योंकि अगला विश्व कप काफी करीब है. उन्होंने किसी युवा खिलाड़ी को कप्तान बनाने की वकालत की.

मिताली ने कहा, 'अगर चयनकर्ता बदलाव का फैसला करते हैं तो मैं एक युवा कप्तान चाहूंगी. यह (बदलाव का) सही समय है. आप अधिक देर करेंगे तो हमारे सामने एक और विश्व कप होगा. अगर अभी नहीं कर रहे तो फिर उन्हें अगले विश्व कप के बाद ही ऐसा करने के बारे में सोचना चाहिये'. उन्होंने कहा, 'स्मृति वहां हैं (लंबे समय तक उप-कप्तान रही हैं) लेकिन मुझे लगता है कि जेमिमा जैसी खिलाड़ी कप्तानी के लिए अधिक उपयुक्त होंगी. वह 24 साल की हैं और अधिक समय तक टीम का नेतृत्व कर सकती है. वह मैदान पर सकारात्मक ऊर्जा के साथ रहती है. वह हर किसी से बात करती है. इस टूर्नामेंट में मैं उससे बहुत प्रभावित हुई हूं'.

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