नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के स्टार बल्लेबाज शिखर धवन ने आज घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. धवन ने अपने संन्यास का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इस वीडियो में उन्होंने अपने बचपन के कोच और मार्गदर्शक मदन शर्मा का जिक्र करते हुए उन्हें धन्यवाद अदा किया है. इस मौके पर आज ईटीवी भारत के संजीब गुहा ने धवन के बचपन के कोच मदन शर्मा से बात की हैं.
आज हमारे लिए खुशी का दिन है - मदन शर्मा
मदन शर्मा से जब पूछा गया, शिखर ने आज लंब समय बाद संन्यास ले लिया आप इस पर क्या कहना चाहेंगे. तो उन्होंने कहा, 'बहुत लंबी जर्नी रही है उसकी क्रिकेट में, मैंने एक एक दिन की उसकी जर्नी देखी है. छोटे प्लेयर से लेकर, बड़े तक मैने उसका ग्राफ देखा है. बड़ी खुशी की बात भी है कि वो इतना लंबा इंडिया के लिए खेला, लेकिन कहीं न कहीं मुझे अच्छा लगता कि वो देश के लिए 2023 का वनडे वर्ल्ड कप खेलता तो अच्छा रहता. लेकिन उसने इतना अच्छा किया उसकी मुझे खुशी है, मैं उसके साथ जुड़ा रहा, वो मेरा ट्रेनी रहा है, आज हमारे लिए खुशी का दिन है'.
शिखर काफी मेहनती था - मदन शर्मा
जब मदन शर्मा से पूछा गया कि आप उनके करियर के हाईलाइट के बारे में कुछ बताना चाहोगे. इस पर कोच ने कहा, 'वो बचपन में खेला करता था तो उसका पहली बार अंडर 15 में सलेक्शन हुआ, लेकिन वो एक मैच खेलकर. ड्रॉप हुआ और फिर उसे टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद अगले साल वो अंडर 17 में बेहतरीन खेला और उसे एशिया कप खेलने को मिला. उसे कहीं न कहीं था कि चीजों को सुनना है और अच्छा करना है. इसके बाद उसने घरेलू क्रिकेट में अच्छा किया. वो सुनता था और मेहनत करता था फिर वो अगले साल अंडर 19 वर्ल्ड कप खेला. उसे पता था कि बाहर जब वो जाएगा तो कैसे बॉलर मिलेंगे और किस हाईट पर गेंद आएगी, कैसा वेदर मिलेगा, गेंद कितनी स्विंग होगी. इस हिसाब से वो प्रैक्टिस किया करता था.
शिखर का बचपन से ही ऑफ साइड खेल अच्छा था - मदन शर्मा
जब उनसे पूछा गया, शिखर का ऑफ साइड बैटिंग पहले से ही इतना बेहतर था. इस पर मदन शर्मा ने जवाब दिया, वो बचपन से ही अच्छा खेलता था. ऑफ स्टाइ उसका फेवरेट था. वो बचपन से ही स्लोग स्वीप अच्छा खेलता था. वो फ्लिक शॉट लंबी मारता था. इसके बाद उसने अपने कवर ड्राइव पर मेहनत की. कवर ड्राइव एक ऐसा शॉट है जो एक बार लग गया तो हमारे कल्ब के सभी बच्चों को लगता है कि आज का दिन उनका अच्छा जाएगा.
रोहित को खेलने की फ्रीडम देता था शिखर - मदन शर्मा
मदन शर्मा से आगे पूछा गया कि बतौर कोच आप शिखर का एक स्ट्रॉग और एक वीक प्वाइंट बताइए. इस पर शर्मा ने जवाब दिया, 'उसका जो स्ट्रॉग प्वाइंट था वही उसका वीक प्वाइंट था. जब धवन इंडिया के लिए रोहित के साथ खेलता था, तो उसे लगाता था कि मारकर खेलना है, क्योंकि रोहित को सेट होने के लिए टाइम चाहिए. ऐसे में होता था कि बहुत बार वो रन करता था और बहुत बार वो आउट हो जाता था. वो चाहता था कि रोहित को थोड़ा ज्यादा टाइम क्रीज पर मिल जाए. ये धवन का कहीं न कहीं माइनस प्वाइंट था.
वीरू, गौतम के बाद वो देश का बेस्ट ओपनर था - मदन शर्मा
शिखर धवन को बतौर इंडियन ओपनर आप कहां रखना चाहोगे, इस सवाल पर मदन ने जवाब दिया,'पहले की क्रिकेट में और अब की क्रिकेट में बहुत फर्क आ गया था. पहले हम ट्रेडिशनल क्रिकेट खेलते थे. अब थोड़ा तेज क्रिकेट खेलते हैं. वीरू ने इसे ऐसा बना दिया था. धवन ने पहले टेस्ट में सेंचुरी बनाई और अच्छी स्ट्राइक रेट के साथ बनाई. बतौर ओपनर टीम को अच्छी शुरुआत देना और विरोधी टीम का हौसला पस्त कर देना. यही ओपनर का काम होता है. वीरू, गौतम और शिखर मेरे हिसाब से अच्छे ओपनर थे.
उसकी पर्सनल लाइफ की समस्याओं का क्रिकेट पर कोई प्रभाव पड़ा, इस सवाल पर आप क्या कहना चाहेंगे. इसके जवाब में कोच ने कहा, 'पर्सनल लाइफ की मुझे बहुत जानकारी नहीं हैं. क्योंकि वो पर्सनल लाइफ की जानकारी मुझसे शेयर नहीं करता था. जीवन में पर्सनल लाइफ चलती है लेकिन इसका प्रभाव उनकी करियर पर नहीं पड़ा, उसने लगातार प्रदर्शन किया है. वो जब खेलता था तो देश के लिए अच्छा करना चाहता था. ये सब कभी उसके दिमाग में नहीं रहा.
शिखर जैसा पहले दिन था वैसा ही आज है - मदन शर्मा
जब कोच मदन शर्मा से पूछा गया, जब आपने पहले दिन शिखर को नेट्स में देखा और अब आप उसे देखते हो तो उसके बारे में क्या कहना चाहोगे. इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'एक कोच के तौर पर मैंने उसे पहले दिन देखा था और आज भी देखा तो वो मेरे लिए एक जैसा ही है. उससे सुबह भी मेरी बात हुई, उसने कहा आज मैं संन्यास का पोस्ट डाल रहा हूं. शिखर में मेरे लिए कोई फर्क नहीं है, वो बचपन में भी मेहनत करता था तब भी मेरे लिए वैसा ही था आज भी वैसा ही है. उसने देश के लिए खेला, कई टूर्नामेंट जीताए और वर्ल्ड कप खेला. उनसे बहुत अच्छे कारनामें किए और बहुत अच्छा किया.