नई दिल्ली : अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच 8 सितंबर से एकमात्र टेस्ट खेला जाना था जो आज दूसरे दिन भी अभी तक शुरू नहीं हो सका है और दूसरे दिन का खेल भी गीले आउटफील्ड के कारण रद्द कर दिया गया है. इससे पहले शुरुआती दिन का खेल भी गीले मैदान की वजह से शुरू नहीं हो सका था. इस टेस्ट की मेजबानी ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कर रहा है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई ने अफगानिस्तान को भारत में मेजबानी करने के लिए यह क्रिकेट ग्राउंड आवंटित किया था.
बीसीसीआई के इस फैसले के बाद उसकी जमकर तारीफ हुई थी लेकिन अब इस क्रिकेट ग्राउंड ने किरकिरी भी करा दी है. दो दिन से नोएडा और ग्राउंड पर कोई भी बारिश नहीं है लेकिन दूसरे दिन के खेल को भी गीले आउटफील्ड की वजह से रद्द करना पड़ा है. दोनों टीमें फिलहाल तक भी होटलों में ठहरी हुई हैं लेकिन अभी कर खेल के लिए क्रिकेट ग्राउंड तक नहीं पहुंच पाई हैं.
इस मैदान की गिली पिच को ठीक करने के लिए ऐसी तकनीकों को अपनाया जा रहा है जो शायद ही कभी किसी पिच को सुखाने के लिए इस्तेमाल की गई हों. मैदान को सुखाने के लिए टेबल फैन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस कुप्रबंधन के बाद फैंस बीसीसीआई को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं.
फैंस का कहना है कि जब मैदान पर किसी तरह की सुविधाएं मौजूद नहीं थी तो अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड को इस मैदान पर टेस्ट की अनुमति क्यों दी गई. अफगानिस्तान को एकमात्र टेस्ट के लिए किसी दूसरे स्टेडियम की मेजबानी दी जा सकती थी. आजकल जहां मैदान को सुखाने की इतनी उन्नत तकनीकें मौजूद हैं वहां, इस मैदान में दो दिन से बारिश के बाद भी मैच स्टार्ट नहीं हो सका है ऐसे में यह बीसीसीआई पर सवालिया निशान खड़ा करता है.
इस मैदान पर इस तरह का कुप्रबंधन है कि, प्रैक्टिस एरिया की घास को मुख्य आउटफील्ड की घास से बदला जा रहा है लेकिन मैदान को सुखाने के लिए कोई खास तकनीक मौजूद नहीं है.
आधे घंटे में मैदान की सुखाने की सुविधा
बेंगलुरु स्थित चिन्नास्वामी स्टेडियम काफी सुविधाओं से लैस हैं जहां, नोएड़ा में बिना बारिश के दो दिन तक खेल शुरू नहीं हो सका वहीं, बेंगलुरू में मैदान को 30-40 मिनट में सुखाकर मैच शुरू किया जा सकता है. इस मैदान में सबएयर प्रणाली का उपयोग किया जाता है. केएससीए 10 सालों से इस सुविधा का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहा है.