नई दिल्ली : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर मामले में यौन उत्पीड़न और धमकी से संबंधित आरोप तय करने के शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत के आदेश को 'जीत की दिशा में एक छोटा कदम' बताया है.
अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और उत्तर प्रदेश के निवर्तमान सांसद के खिलाफ यौन उत्पीड़न, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए बल का प्रयोग और आपराधिक धमकी के लिए संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया.
ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के नेतृत्व में कई महिला पहलवानों ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था. साक्षी ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि मामला सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और पीड़ितों को न्याय मिलेगा.
साक्षी मलिक ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में आईएएनएस से कहा, 'यह निश्चित रूप से जीत की दिशा में एक छोटा कदम है. यह अच्छा लगता है कि बृज भूषण को इतने सालों तक युवा महिला पहलवानों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. हम इस लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे जब तक कि अंतिम न्याय नहीं मिल जाता और उन्हें सजा नहीं मिल जाती'.
रियो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी ने कहा कि यह बृज भूषण और उनके और विनेश के बीच की लड़ाई नहीं थी बल्कि यह युवा महिला पहलवानों की भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन था.