हैदराबादः शरद पूर्णिमा, जिसे 'कोजागरी पूर्णिमा' भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में बहुत शुभ और धार्मिक महत्व रखने वाला पर्व है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और यह रात माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र के अनुसार धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों में दिव्य औषधीय गुण होते हैं, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं, बल्कि आर्थिक समृद्धि का भी स्रोत बनते हैं. शरद पूर्णिमा पर कुछ विशेष धार्मिक उपाय करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन, सुख और समृद्धि का वास होता है.
माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा: शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और उन घरों में वास करती हैं जहां स्वच्छता और भक्ति भाव के साथ उनकी पूजा की जाती है. इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. लक्ष्मी पूजन के लिए घर की साफ-सफाई करें और एक पवित्र स्थान पर लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा स्थापित करें. माता लक्ष्मी को सफेद वस्त्र और श्वेत पुष्प अर्पित करें. खीर का भोग लगाएं और 'ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें. इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन की वृद्धि होती है.
खीर का चंद्रमा की किरणों में सेवन: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण समाहित होते हैं, जो स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करते हैं. इस दिन दूध और चावल से बनी खीर को रात्रि के समय चंद्रमा की चांदनी में रखा जाता है. खीर में जब चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं, तो वह अमृत तुल्य हो जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस खीर का प्रसाद के रूप में सेवन करने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह समृद्धि का भी कारक होती है. इसे परिवार के सभी सदस्यों में बांटने से लक्ष्मी की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है.
श्रीयंत्र की स्थापना और पूजन: धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा पर श्रीयंत्र की स्थापना को अत्यधिक शुभ माना गया है. श्रीयंत्र को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और धन-संपत्ति का प्रवाह बढ़ाने का काम करता है. श्रीयंत्र को पूजा स्थल में स्थापित करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें. श्रीयंत्र के सामने दीपक जलाएं और ‘श्री सूक्त’ या 'कनकधारा श्रोत' का पाठ करें. इस उपाय से घर में सुख-शांति और लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है.
दान का महत्व: शास्त्रों में दान को विशेष स्थान दिया गया है और शरद पूर्णिमा के दिन दान करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें. खासतौर पर सफेद वस्त्र, दूध, चावल, चीनी, दही आदि का दान करना शुभ होता है. शास्त्रों के अनुसार, इन वस्तुओं का दान करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
विष्णु सहस्त्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ: धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा की रात को विष्णु सहस्त्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाओं का निवारण होता है और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन और समृद्धि का वरदान देती हैं. इस दिन इन ग्रंथों के पाठ से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.