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पितृ पक्ष 2024: आ गए पितरों को याद करने के दिन, जानिए किस दिन पड़ेगी कौन सी तिथि - Pitra Paksha 2024 - PITRA PAKSHA 2024

Pitra Paksha 2024: सितंबर महीने की शुरू होते ही त्योहारों की भी शुरुआत हो जाती है. सबसे पहले गणेश चतुर्थी पड़ती है फिर उसके बाद पितरों को याद करने का समय आ जाता है. इस बार पितृपक्ष मंगलवार 17 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. आइये जानते हैं कि इसमें क्या सावधानी बरतनी चाहिए.

PITRA PAKSHA 2024
पितृ पक्ष 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2024, 2:07 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 7:15 AM IST

हैदराबाद: सालभर देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है. सभी लोग ऐसा करते भी हैं. वहीं, साल के कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जब हम अपने पूर्वजों और पितरों का भी ध्यान करते हैं. ये दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं. जानकारों के मुताबिक ये साल के 15 दिन पितरों के लिए निर्धारित किए गए हैं. ये दिन बहुत खास होते हैं. आइये इस स्टोरी के माध्यम से जानते हैं कि पितृपक्ष 2024 कब से शुरू हो रहे हैं और इसके क्या मायने हैं.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के मुताबिक पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए साल में 15 दिन तय किए गए हैं. इन 15 दिनों को पितृपक्ष की संज्ञा दी गई है. हिंदू शास्त्र के मुताबिक इस दौरान हमारे सभी पूर्वज धरती पर आते हैं. इसी वजह से हमलोग उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष 2024 में श्राद्ध करने से हमारे पितरों के प्रति जो कर्ज होता है, वह चुकता होता है. इससे जातकों को तो लाभ होता ही है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.

जानिए कब से शुरू हो रहे पितृपक्ष 2024
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भाद्रपद की पूर्णिमा से अमावस्या तक का समय पितरों का होता है. इस बार पितृपक्ष मंगलवार यानी आज 17 सितंबर 2024 से शुरू हो रहे हैं, जो बुधवार 2 अक्टूबर 2024 तक चलेंगे.

ये हैं तिथियां

पूर्णिमा का श्राद्ध 17 सितंबर 2024 मंगलवार
प्रतिप्रदा का श्राद्ध 18 सितंबर 2024, बुधवार
द्वितिया का श्राद्ध 19 सितंबर 2024, गुरुवार
तृतीया का श्राद्ध 20 सितंबर 2024, शुक्रवार
चतुर्थी का श्राद्ध 21 सितंबर 2024, शनिवार
पंचमी का श्राद्ध 22 सितंबर 2024, रविवार
षष्ठी का श्राद्ध 23 सितंबर 2024, सोमवार
सप्तमी का श्राद्ध 23 सितंबर 2024, सोमवार
अष्टमी का श्राद्ध 24 सितंबर 2024, बुधवार
नवमी का श्राद्ध 25 सितंबर 2024, गुरुवार
दशमी का श्राद्ध 26 सितंबर 2024, शुक्रवार
एकादशी का श्राद्ध 27 सितंबर 2024, शुक्रवार
द्वादशी का श्राद्ध 29 सितंबर 2024, रविवार
मघा का श्राद्ध 29 सितंबर 2024, रविवार
त्रयोदशी का श्राद्ध 30 सितंबर 2024, सोमवार
चतुर्दशी का श्राद्ध 1 अक्टूबर 2024, मंगलवार
सर्वपितृ का श्राद्ध 2 अक्टूबर 2024, बुधवार

जानें, श्राद्ध करने का सही समय
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू शास्त्रों के मुताबिक सुबह और संध्याकाल में सिर्फ देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है. दोपहर का समय पितरों के लिए निश्चित किया गया है. दोपहर में 12 बजे से 1 बजे के करीब श्राद्ध करें और पिंडदान करें. जब श्राद्ध संपन्न हो जाए तो सबसे पहले कौवे, कुत्ते, गाय, चींटी, देवता के लिए भोग निकालना चाहिए.

पढ़ें: सोमवती अमावस्या 2024: आज की रात करें ये उपाय, पितरों का मिलेगा आर्शीवाद, मां लक्ष्मी आएंगी आपके घर - Somwati Amavasya 2024

हैदराबाद: सालभर देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है. सभी लोग ऐसा करते भी हैं. वहीं, साल के कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जब हम अपने पूर्वजों और पितरों का भी ध्यान करते हैं. ये दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं. जानकारों के मुताबिक ये साल के 15 दिन पितरों के लिए निर्धारित किए गए हैं. ये दिन बहुत खास होते हैं. आइये इस स्टोरी के माध्यम से जानते हैं कि पितृपक्ष 2024 कब से शुरू हो रहे हैं और इसके क्या मायने हैं.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के मुताबिक पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए साल में 15 दिन तय किए गए हैं. इन 15 दिनों को पितृपक्ष की संज्ञा दी गई है. हिंदू शास्त्र के मुताबिक इस दौरान हमारे सभी पूर्वज धरती पर आते हैं. इसी वजह से हमलोग उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष 2024 में श्राद्ध करने से हमारे पितरों के प्रति जो कर्ज होता है, वह चुकता होता है. इससे जातकों को तो लाभ होता ही है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.

जानिए कब से शुरू हो रहे पितृपक्ष 2024
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भाद्रपद की पूर्णिमा से अमावस्या तक का समय पितरों का होता है. इस बार पितृपक्ष मंगलवार यानी आज 17 सितंबर 2024 से शुरू हो रहे हैं, जो बुधवार 2 अक्टूबर 2024 तक चलेंगे.

ये हैं तिथियां

पूर्णिमा का श्राद्ध 17 सितंबर 2024 मंगलवार
प्रतिप्रदा का श्राद्ध 18 सितंबर 2024, बुधवार
द्वितिया का श्राद्ध 19 सितंबर 2024, गुरुवार
तृतीया का श्राद्ध 20 सितंबर 2024, शुक्रवार
चतुर्थी का श्राद्ध 21 सितंबर 2024, शनिवार
पंचमी का श्राद्ध 22 सितंबर 2024, रविवार
षष्ठी का श्राद्ध 23 सितंबर 2024, सोमवार
सप्तमी का श्राद्ध 23 सितंबर 2024, सोमवार
अष्टमी का श्राद्ध 24 सितंबर 2024, बुधवार
नवमी का श्राद्ध 25 सितंबर 2024, गुरुवार
दशमी का श्राद्ध 26 सितंबर 2024, शुक्रवार
एकादशी का श्राद्ध 27 सितंबर 2024, शुक्रवार
द्वादशी का श्राद्ध 29 सितंबर 2024, रविवार
मघा का श्राद्ध 29 सितंबर 2024, रविवार
त्रयोदशी का श्राद्ध 30 सितंबर 2024, सोमवार
चतुर्दशी का श्राद्ध 1 अक्टूबर 2024, मंगलवार
सर्वपितृ का श्राद्ध 2 अक्टूबर 2024, बुधवार

जानें, श्राद्ध करने का सही समय
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू शास्त्रों के मुताबिक सुबह और संध्याकाल में सिर्फ देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है. दोपहर का समय पितरों के लिए निश्चित किया गया है. दोपहर में 12 बजे से 1 बजे के करीब श्राद्ध करें और पिंडदान करें. जब श्राद्ध संपन्न हो जाए तो सबसे पहले कौवे, कुत्ते, गाय, चींटी, देवता के लिए भोग निकालना चाहिए.

पढ़ें: सोमवती अमावस्या 2024: आज की रात करें ये उपाय, पितरों का मिलेगा आर्शीवाद, मां लक्ष्मी आएंगी आपके घर - Somwati Amavasya 2024

Last Updated : Sep 17, 2024, 7:15 AM IST
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