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भविष्य के लिए उठाया जा सकता है AI का लाभ: भारतीय GCCs ग्लोबल इनोवेशन में सबसे आगे - GCCs Leading Global Innovation

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 3, 2024, 6:00 AM IST

Leveraging AI for the Future: भारत ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के लिए एक ग्लोबल सेंटर के रूप में उभरा है. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में लगभग 1.3 मिलियन भारतीय कार्य करते हैं. पढ़ें गौरी शंकर ममीदी का लेख...

Leveraging AI for the Future
भविष्य के लिए उठाया जा सकता है AI का लाभ (ETV Bharat)

नई दिल्ली: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) वैश्विक व्यापार इको सिस्टम के महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरे हैं. मूल रूप से बैक-ऑफिस कार्यों को संभालने के लिए स्थापित किए गए ये केंद्र अधिक रणनीतिक भूमिका निभाने के लिए विकसित हुए हैं. ये इनोवेशन और वेल्यू क्रिएशन में अहम योगदान देते हैं. भारत अपने टेलेंट पूल और कोस्ट इफेक्टिव ओपरेशन के साथ, जीसीसी के लिए एक सेंटर बन गया है, जो कई मल्टी नेशनल कोर्पोरेशन को आकर्षित करता है.

जीसीसी के लिए एक डेस्टिनेशन के रूप में भारत की यात्रा 1990 के दशक में शुरू हुई, जो मुख्य रूप से लागत प्रभावी आईटी सेवाओं की आवश्यकता से प्रेरित थी. दशकों से भारत ने अपने कुशल कार्यबल, मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे और अनुकूल कारोबारी माहौल का लाभ उठाते हुए खुद को जीसीसी के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में स्थापित किया है.

भारत वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए एक ग्लोबल सेंटर के रूप में उभरा है, जिसमें लगभग 1,800 सेंटर में लगभग 1.3 मिलियन लोग कार्यरत हैं. यह वृद्धि बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में केंद्रित है, जहां 42 फीसदी सेंटर टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर केंद्रित हैं और हैदराबाद में 16 प्रतिशत आईटी और बायो-टेक्नोलॉजी क्षेत्रों के लिए जाने जाते हैं. अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में दिल्ली एनसीआर, मुंबई, पुणे और चेन्नई शामिल हैं.

भारत में जीसीसी स्थापित करने के फायदे
भारत में जीसीसी स्थापित करने के कई लाभ हैं, जिनमें कोसट एफिशिएंसी, टेलेंटिड स्किल पूल, एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर, मजबूत सरकारी सपोर्ट और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने वाले इनोवेटिव सेंटर की उपस्थिति शामिल है. हालांकि, बुनियादी ढांचे की संतृप्ति,टेलेंट रिटेनशन , रेगूलेटरी कॉम्पलेक्सिटी और डेटा सिक्योरिटी जैसी चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है.

जीसीसी स्थापित करने की रणनीतियों में अहमदाबाद और कोयंबटूर जैसे टियर-2 शहरों में स्थानों का विविधीकरण, सरकारी प्रोत्साहन का लाभ उठाना, स्थानीय संस्थाओं के साथ रणनीतिक साझेदारी बनाना, कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश करना, एफिशिएंसी और इनोवेशन को बढ़ाने के लिए जनरेटिव एआई और IoT जैसी एडवांस तकनीकों को अपनाना शामिल है.

मशीनकॉन जीसीसी शिखर सम्मेलन 2024 से संदेश
ट्रांसयूनियन में संचालन प्रमुख बालाजी नरसिम्हन के मुताबिक वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को सफल भविष्य की ओर ले जाने में इनोवेशन और अजिलिटी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है. इन दोनों का फोकस जीसीसी को न केवल परिचालन केंद्रों के रूप में, बल्कि वैश्विक स्तर पर व्यवसाय विकास और परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाली रणनीतिक परिसंपत्तियों के रूप में स्थापित करता है.

क्लीन हार्बर्स में कंट्री हेड – इंडिया और ग्लोबल कैपेबिलिटी के अध्यक्ष अविनाश समरित का कहना है कि इसमें परिचालन और सेवा वितरण में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए रणनीतिक वैश्विक क्षमताओं का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है. यह विजन सुनिश्चित करता है कि जीसीसी केवल सहायक यूनिट नहीं हैं, बल्कि वैश्विक रणनीति का अभिन्न अंग हैं, जो निरंतर सुधार और प्रतिस्पर्धी लाभ को बढ़ावा देते हैं.

मशीनकॉन जीसीसी शिखर सम्मेलन 2024 में नेताओं के ये संदेश जीसीसी की भूमिका पर एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं, जो वैश्विक व्यापार परिदृश्य की जटिलताओं को हल करने के लिए निरंतर इनोवेश, अजिलिटी और रणनीतिक एकीकरण की आवश्यकता पर बल देते हैं,

जनरेटिव एआई भारतीय GCCs को कैसे बदल रहा है?
ग्राहक एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने लिए एआई-संचालित चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट ने ग्राहक इंटरैक्शन में क्रांति ला दी है. ये उपकरण ग्राहक सवालों के लिए तत्काल, सटीक रिस्पांस देते हैं, जिससे ग्राहक संतुष्टि में उल्लेखनीय सुधार होता है. कस्टम डेटा का विश्लेषण करके, जनरेटिव एआई इंटरैक्शन को वैयक्तिकृत कर सकता है, अनुरूप सिफारिशें और समाधान प्रदान कर सकता है, जिससे समग्र ग्राहक अनुभव में वृद्धि होती है.

इनोवेटिव और प्रोडक्ट डेवलपमेंट जनरेटिव AI नए विचारों और समाधानों को जनरेट करके अनुसंधान और विकास को गति देता है. तकनीकी उद्योग में, AI मॉडल कोडिंग और डिबगिंग में सहायता कर सकते हैं, जिससे विकास प्रक्रिया में तेजी आती है. रचनात्मक उद्योगों में, DALL-E जैसे उपकरण यूनीक डिजाइन और अवधारणाओं के निर्माण को सक्षम करते हैं, जो नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं.

टेलंट और कार्यबल प्रबंधन जनरेटिव AI भर्ती प्रक्रियाओं और कर्मचारी विकास को बढ़ाकर प्रतिभा प्रबंधन को बदल रहा है. AI-संचालित उपकरण रिज्यूमे की स्क्रीनिंग कर सकते हैं, प्रारंभिक साक्षात्कार आयोजित कर सकते हैं और उम्मीदवारों के कौशल का आकलन कर सकते हैं, जिससे अधिक कुशल भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित होती है.

जनरेटिव एआई के साथ भारतीय जीसीसी का भविष्य
भारतीय जीसीसी का भविष्य आशाजनक है, जिसमें उभरते रुझान और तकनीकें उनकी क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए तैयार हैं. प्रमुख रुझानों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के साथ AI का एकीकरण, अधिक स्मार्ट, अधिक कनेक्टेड सिस्टम बनाना शामिल है जो परिचालन दक्षता में सुधार करते हैं. इसके अतिरिक्त, एआई-संचालित साइबर सुरक्षा उपाय डेटा सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं और साइबर खतरों के जोखिम को कम कर रहे हैं. एडवांस डेटा एनालिटिक्स एक और महत्वपूर्ण प्रवृत्ति है, जो डेटा से गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एआई का लाभ उठाती है, जिससे सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है.

हालांकि, जनरेटिव एआई को अपनाने से चुनौतियां भी सामने आती हैं. इनमें कार्यबल को बेहतर बनाने, नैतिक चिंताओं को दूर करने और डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने की आवश्यकता शामिल है. इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए एआई इनोवेशन के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग की आवश्यकता होगी.

जनरेटिव एआई भारतीय जीसीसी के लिए एक गेम-चेंजर है, जो उन्हें वैश्विक व्यापार संचालन को संचालित करने वाली रणनीतिक परिसंपत्तियों में बदल देता है. ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने, संचालन को सुव्यवस्थित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और प्रतिभा प्रबंधन को अनुकूलित करने के माध्यम से, जनरेटिव एआई भारतीय जीसीसी को दुनिया का फ्रंट ऑफिस बनने में मदद कर रहा है. जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, जीसीसी के लिए मूल्य बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने की क्षमता बढ़ती ही जाएगी, जिससे भारत की स्थिति व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में मजबूत होगी.

यह भी पढ़ें- किसानों के लिए खास है बजट 2024, खेती से जुड़ी स्कीम पर खर्च होने वाले आवंटन बढ़े

नई दिल्ली: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) वैश्विक व्यापार इको सिस्टम के महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरे हैं. मूल रूप से बैक-ऑफिस कार्यों को संभालने के लिए स्थापित किए गए ये केंद्र अधिक रणनीतिक भूमिका निभाने के लिए विकसित हुए हैं. ये इनोवेशन और वेल्यू क्रिएशन में अहम योगदान देते हैं. भारत अपने टेलेंट पूल और कोस्ट इफेक्टिव ओपरेशन के साथ, जीसीसी के लिए एक सेंटर बन गया है, जो कई मल्टी नेशनल कोर्पोरेशन को आकर्षित करता है.

जीसीसी के लिए एक डेस्टिनेशन के रूप में भारत की यात्रा 1990 के दशक में शुरू हुई, जो मुख्य रूप से लागत प्रभावी आईटी सेवाओं की आवश्यकता से प्रेरित थी. दशकों से भारत ने अपने कुशल कार्यबल, मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे और अनुकूल कारोबारी माहौल का लाभ उठाते हुए खुद को जीसीसी के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में स्थापित किया है.

भारत वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए एक ग्लोबल सेंटर के रूप में उभरा है, जिसमें लगभग 1,800 सेंटर में लगभग 1.3 मिलियन लोग कार्यरत हैं. यह वृद्धि बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में केंद्रित है, जहां 42 फीसदी सेंटर टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर केंद्रित हैं और हैदराबाद में 16 प्रतिशत आईटी और बायो-टेक्नोलॉजी क्षेत्रों के लिए जाने जाते हैं. अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में दिल्ली एनसीआर, मुंबई, पुणे और चेन्नई शामिल हैं.

भारत में जीसीसी स्थापित करने के फायदे
भारत में जीसीसी स्थापित करने के कई लाभ हैं, जिनमें कोसट एफिशिएंसी, टेलेंटिड स्किल पूल, एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर, मजबूत सरकारी सपोर्ट और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने वाले इनोवेटिव सेंटर की उपस्थिति शामिल है. हालांकि, बुनियादी ढांचे की संतृप्ति,टेलेंट रिटेनशन , रेगूलेटरी कॉम्पलेक्सिटी और डेटा सिक्योरिटी जैसी चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है.

जीसीसी स्थापित करने की रणनीतियों में अहमदाबाद और कोयंबटूर जैसे टियर-2 शहरों में स्थानों का विविधीकरण, सरकारी प्रोत्साहन का लाभ उठाना, स्थानीय संस्थाओं के साथ रणनीतिक साझेदारी बनाना, कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश करना, एफिशिएंसी और इनोवेशन को बढ़ाने के लिए जनरेटिव एआई और IoT जैसी एडवांस तकनीकों को अपनाना शामिल है.

मशीनकॉन जीसीसी शिखर सम्मेलन 2024 से संदेश
ट्रांसयूनियन में संचालन प्रमुख बालाजी नरसिम्हन के मुताबिक वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को सफल भविष्य की ओर ले जाने में इनोवेशन और अजिलिटी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है. इन दोनों का फोकस जीसीसी को न केवल परिचालन केंद्रों के रूप में, बल्कि वैश्विक स्तर पर व्यवसाय विकास और परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाली रणनीतिक परिसंपत्तियों के रूप में स्थापित करता है.

क्लीन हार्बर्स में कंट्री हेड – इंडिया और ग्लोबल कैपेबिलिटी के अध्यक्ष अविनाश समरित का कहना है कि इसमें परिचालन और सेवा वितरण में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए रणनीतिक वैश्विक क्षमताओं का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है. यह विजन सुनिश्चित करता है कि जीसीसी केवल सहायक यूनिट नहीं हैं, बल्कि वैश्विक रणनीति का अभिन्न अंग हैं, जो निरंतर सुधार और प्रतिस्पर्धी लाभ को बढ़ावा देते हैं.

मशीनकॉन जीसीसी शिखर सम्मेलन 2024 में नेताओं के ये संदेश जीसीसी की भूमिका पर एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं, जो वैश्विक व्यापार परिदृश्य की जटिलताओं को हल करने के लिए निरंतर इनोवेश, अजिलिटी और रणनीतिक एकीकरण की आवश्यकता पर बल देते हैं,

जनरेटिव एआई भारतीय GCCs को कैसे बदल रहा है?
ग्राहक एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने लिए एआई-संचालित चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट ने ग्राहक इंटरैक्शन में क्रांति ला दी है. ये उपकरण ग्राहक सवालों के लिए तत्काल, सटीक रिस्पांस देते हैं, जिससे ग्राहक संतुष्टि में उल्लेखनीय सुधार होता है. कस्टम डेटा का विश्लेषण करके, जनरेटिव एआई इंटरैक्शन को वैयक्तिकृत कर सकता है, अनुरूप सिफारिशें और समाधान प्रदान कर सकता है, जिससे समग्र ग्राहक अनुभव में वृद्धि होती है.

इनोवेटिव और प्रोडक्ट डेवलपमेंट जनरेटिव AI नए विचारों और समाधानों को जनरेट करके अनुसंधान और विकास को गति देता है. तकनीकी उद्योग में, AI मॉडल कोडिंग और डिबगिंग में सहायता कर सकते हैं, जिससे विकास प्रक्रिया में तेजी आती है. रचनात्मक उद्योगों में, DALL-E जैसे उपकरण यूनीक डिजाइन और अवधारणाओं के निर्माण को सक्षम करते हैं, जो नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं.

टेलंट और कार्यबल प्रबंधन जनरेटिव AI भर्ती प्रक्रियाओं और कर्मचारी विकास को बढ़ाकर प्रतिभा प्रबंधन को बदल रहा है. AI-संचालित उपकरण रिज्यूमे की स्क्रीनिंग कर सकते हैं, प्रारंभिक साक्षात्कार आयोजित कर सकते हैं और उम्मीदवारों के कौशल का आकलन कर सकते हैं, जिससे अधिक कुशल भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित होती है.

जनरेटिव एआई के साथ भारतीय जीसीसी का भविष्य
भारतीय जीसीसी का भविष्य आशाजनक है, जिसमें उभरते रुझान और तकनीकें उनकी क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए तैयार हैं. प्रमुख रुझानों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के साथ AI का एकीकरण, अधिक स्मार्ट, अधिक कनेक्टेड सिस्टम बनाना शामिल है जो परिचालन दक्षता में सुधार करते हैं. इसके अतिरिक्त, एआई-संचालित साइबर सुरक्षा उपाय डेटा सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं और साइबर खतरों के जोखिम को कम कर रहे हैं. एडवांस डेटा एनालिटिक्स एक और महत्वपूर्ण प्रवृत्ति है, जो डेटा से गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एआई का लाभ उठाती है, जिससे सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है.

हालांकि, जनरेटिव एआई को अपनाने से चुनौतियां भी सामने आती हैं. इनमें कार्यबल को बेहतर बनाने, नैतिक चिंताओं को दूर करने और डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने की आवश्यकता शामिल है. इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए एआई इनोवेशन के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग की आवश्यकता होगी.

जनरेटिव एआई भारतीय जीसीसी के लिए एक गेम-चेंजर है, जो उन्हें वैश्विक व्यापार संचालन को संचालित करने वाली रणनीतिक परिसंपत्तियों में बदल देता है. ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने, संचालन को सुव्यवस्थित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और प्रतिभा प्रबंधन को अनुकूलित करने के माध्यम से, जनरेटिव एआई भारतीय जीसीसी को दुनिया का फ्रंट ऑफिस बनने में मदद कर रहा है. जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, जीसीसी के लिए मूल्य बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने की क्षमता बढ़ती ही जाएगी, जिससे भारत की स्थिति व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में मजबूत होगी.

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