नई दिल्ली: ट्रंप प्रशासन के प्रमुख विभागों में सर्विस करने वाले दागी छवि वाले लोगों की सूची दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उनमें से कुछ पर कैपिटल हिल विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा करने, कुछ पर सेक्स के लिए युवा लड़कियों को उठा कर ले जाने और एक अप्रवासी के बेटे पर साम्यवाद के प्रति घृणास्पद रवैया रखने का आरोप लगाया गया था.
इतना ही उनमें से एक को दुश्मन देश का दोस्त भी माना जाता है, क्योंकि उस पर अपने विचारों को विरोधी के साथ जोड़ने का आरोप है. ट्रंप प्रशासन के लिए सेलेक्ट किए गए एक और शख्स पर महिला के साथ यौन उत्पीड़न करने और फिर समझौते के लिए उसे पैसे देने का आरोप है.
जैसा कि टॉप पर बैठे लोगों का कहना है कि ट्रंप के अपनी आगामी सरकार में विभिन्न पदों के लिए लोगों को नामित करने के अचानक लिए गए फैसले केवल खतरे पैदा करेंगे. उनकी नियुक्ति से लोगों को उन क्षेत्रों में और अधिक गलत काम करने का हौसला मिलेगा, जिनमें उन पर आरोप लगाए गए थे और वे बेदाग बच गए.
चाहे वह बाल तस्करी हो या झूठ फैलाना दोनों का राष्ट्र पर गहरा असर होता है. झूठी जानकारी संभवतः मीडिया परिदृश्य को गलत सूचना से भर देगी और कम्युनिकेशमल प्रोफेशनल्स के बीच एक सर्वमान्य वास्तविकता के रूप में दिखाई देगी. जब आपके पास सरकार चलाने वाले झूठे, लाड़-प्यार से पाले गए यौन शोषणकर्ता, मशहूर नफरत फैलाने वाले और विरोधियों के वफादार हों, तो अमेरिका जैसे राष्ट्र की नींव हिलने की बहुत संभावना है.
प्रोसेस पीछे छूट जाने की संभावना है और परिणामी अराजकता नई व्यवस्था बन जाती है. कैपिटल हिल दंगों के मामले में दोषी ठहराए गए और चार महीने जेल में बिताने वाले स्टीफन के. बैनन (स्टीव बैनन) को हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनावों से काफी पहले रिहा कर दिया गया था और उन्होंने अपने लोकप्रिय पॉडकास्ट 'वॉर रूम' में ट्रंप के लिए प्रचार किया था.
बैनन एक पॉडकास्टर हैं और टाइम मैगजीन ने एक बार उन्हें 'दुनिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति' बताते हुए एक स्टोरी चलाई थी. बैननने हार्वर्ड से पढ़ाई की है, कुछ सालों तक अमेरिकी नौसेना में सेवा की है और उन पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया गया था. ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट ने अपने रिसर्च डोक्यूमेंट में उल्लेख किया है कि बैनन का शो लोगों को गुमराह करने के लिए झूठ बोल रहा था.
शो में मेहमान ऐसे फैक्ट पेश करने का कौशल दिखाते थे जो कभी अस्तित्व में ही नहीं थे. बैनन इस दौड़ में अकेले नहीं हैं. ऐसे और भी लोग हैं, जिनकी मूर्खताओं ने उन्हें ट्रंप की कैबिनेट में जगह दिलाई है. ट्रंप की टीम में शामिल होने के लिए आपके पास अंतर्ज्ञान, गणना या दोनों होना चाहिए, जबकि कौशल वैकल्पिक है, चतुराई अनिवार्य है.
नेता अपने कारोबार को 'कुशल अंतर्ज्ञान और एल्गोरिदम' के आधार पर चलाते हैं. अकुशल अंतर्ज्ञान के आधार पर लिए गए निर्णय अवांछित परिणाम लाएंगे. ट्रंप सरकार में बिना कौशल वाले वफादारों को अपने लेफ्टिनेंट के रूप में स्थापित करना संभवतः रैंकों में सामान्य स्थिति को बाधित करेगा क्योंकि रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर जो स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व करने जा रहे हैं.
उन्होंने टीकों के बारे में संदेह व्यक्त किया. उनके पास कोई स्वास्थ्य अनुभव नहीं है. इसके बजाय, उन्होंने एविडेंस-बेस्ड मेडिसिन के लिए अवमानना दिखाई, जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी के दौरान मेडिकल सहायता के लिए भाग रही थी. जब हम ट्रंप की कही और की गई बातों का मूल्यांकन करते हैं तो गणना और तर्क के आधार पर लिए गए निर्णय विफल होते दिखते हैं.
ट्रंप प्रशासन में शामिल मार्को रुबियो, जो क्यूबा से आए एक अप्रवासी के बेटे हैं, जिनके पिता को क्यूबा के क्रांतिकारियों से बचने के लिए द्वीप राष्ट्र से भागना पड़ा था. वह एक कट्टर कम्युनिस्ट विरोधी राजनीतिज्ञ हैं. हालांकि, रुबियो अब अप्रवासी नहीं हैं, फिर भी उन्हें एक अप्रवासी का बच्चा होने का टैग दर्दनाक लग सकता है .
अटॉर्नी जनरल के पद के लिए ट्रंप द्वारा चुने गए मैट गेट्ज को कभी-कभी बाल शोषण के एक मामले का बचाव करना पड़ सकता है. उन पर एक नाबालिग लड़की के साथ यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था, जिसकी गवाही आठ साल पहले एक महिला ने दी थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा सचिव पद के लिए पीट हेगसेथ को चुना है. हेगसेथ पर यौन उत्पीड़न की शिकार महिला का मुंह बंद करने के लिए पैसे देने का आरोप है. हेगसेथ ने 2017 में एक महिला का यौन उत्पीड़न किया था और बाद में पीड़ित महिला को चुप रहने के लिए पैसे दिए गए थे. पीट हेगसेथ ने इस बात से इनकार किया कि यह कोई उत्पीड़न था. उन्होंने कहा कि यह सहमति से किया गया सेक्स था.
तुलसी गबार्ड पर व्लादिमीर पुतिन की विचारधारा के प्रति गहरी रुचि रखने का आरोप लगाया गया था. तुलसी को एक महत्वपूर्ण खुफिया पद के लिए नामित किया गया है और विश्लेषक इसे रूस के लिए एक बड़ा लाभ मानते हैं. जब यह खबर फैली कि वह खुफिया विभाग की देखरेख करेंगी तो लोगों ने चौंका देने वाली प्रतिक्रिया दी और इसे रूस की योजना बताया.
ट्रंप द्वारा अरबपति एलन मस्क को चुने जाने ने मीडिया का ज़्यादा ध्यान आकर्षित नहीं किया क्योंकि अधिकांश पर्यवेक्षकों की ऊर्जा अन्य विकल्पों की जांच करने में चली गई. एलन मस्क और विवेक रामास्वामी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) की देखरेख करेंगे, जिसे ट्रंप ने इन दोनों के लिए स्थापित किया था. यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत इस पूरी प्रक्रिया में खुद को किस तरह से पेश करता है और क्या ट्रंप के पास कोई और चौंकाने वाला कदम है जो वे धमाके की तरह उछाल सकें.
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