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रोगों से मुक्ति के लिए नवरात्रि के पहले दिन इन चीजों का भोग लगाएं , शुभ-मुहूर्त में घटस्थापना करना है जरूरी - Ghatasthapana Navratri - GHATASTHAPANA NAVRATRI

Ghatasthapana Navratri : शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि की पूजा के दौरान घटस्थापना सबसे महत्वपूर्ण अंग है, पहले दिन शुभ-मुहूर्त में घटस्थापना करना जरूरी है और नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.

GHATASTHAPANA NAVRATRI 2024 MUHURAT AND MA SAHILPUTRI KALASH POOJAN ON NAVRATRI FIRST DAY
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Oct 3, 2024, 12:30 PM IST

Updated : Oct 3, 2024, 1:22 PM IST

Ghatasthapana Navratri : आज से देवी आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि शुरु हो गया है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है. शारदीय नवरात्रि का त्यौहार देवी दुर्गा को समर्पित है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर गुरुवार से शुरू होकर 12 अक्टूबर को समाप्त होगा. नवरात्रि के पहले दिन शुभ-मुहूर्त में घटस्थापना करना जरूरी है. नवरात्रि की पूजा के दौरान घटस्थापना सबसे महत्वपूर्ण अंग है. नवरात्रि के प्रथम दिन मंत्रोच्चारण के बीच घटस्थापना कर मां दुर्गा का आवाहन किया जाता है और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.

घटस्थापना के लिए सामग्री : नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए लाल रंग के कपड़े पहनें. इसी प्रकार, कलश (स्वर्ण,रजत या ताम्र), मिट्टी के छोटे बर्तन, 7 प्रकार के अनाज, कपूर, छोटी टोकरियां, मिट्टी, रंगोली, सुपारी, अक्षत के लिए चावल, लौंग, इलायची, आम की टहनी, आम के पत्ते, पैसे/सिक्के, लाल चुनरी, पान के पत्ते, पान सुपारी, सिंदूर, फल, फूल, नारियल, फूलों की माला, सौंदर्य सामग्री आदि सामग्री की आवश्यकता होती है.

MA SAHILPUTRI KALASH POOJAN ON NAVRATRI FIRST DAY
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. (ETV Bharat)

कलश पूजन की विधि : पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि घटस्थापना के दिन सबसे पहले कलश की स्थापना होती है और शास्त्रों में स्वर्ण, रजत, ताम्र और मिट्टी के कलश के महत्व का वर्णन किया गया है. घटस्थापना के दिन विधि के अनुसार ही कलश पूजन होता है. पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि कलश में सात तरह के अनाज, जिन्हें सप्तधान कहा जाता है, उनको रखा जाता है. कलश के अंदर इन अनाज को मिलाकर रखा जाता है या इन सब अनाज के ऊपर भी कलश को स्थापित किया जा सकता है.

गणेश, गौरी, कुबेर, इंद्र नवग्रह आदि देवताओं का पूजन के बाद मां दुर्गा का आह्वान करना चाहिए. नारियल पर लाल कपड़ा बांधकर कलश के ऊपर रखना चाहिए. मिट्टी में जौं डालकर उस कलश के चारों छोड़ना चाहिए. कलश के पास ही लकड़ी पर मां की प्रतिमा या तस्वीर जो भी उपलब्ध हो उसको स्थापित करना चाहिए. मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल अति प्रिय है और लाल चुनरी के साथ धूप, दीप, नैवेद्य से षोडशोपचार पूजन कर देवी मां का आह्वान कर मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए.

GHATASTHAPANA NAVRATRI 2024 MUHURAT AND MA SAHILPUTRI KALASH POOJAN ON NAVRATRI FIRST DAY
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. (ETV Bharat)

ये भोग लगाएं : भक्ति भाव के साथ दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या फिर देवी सूक्त के अलावा कोई भी मंत्र जो आपको आता हो हो उसका उच्चारण करते हुए मां की आराधना की जानी चाहिए. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां को सफेद वस्तु अति प्रिय है, इसलिए सफेद वस्त्र, सफेद फूल अर्पण करें और सफेद बर्फी/मिठाई का भोग लगाएं. मां शैलपुत्री को देसी घी भी काफी प्रिय है, नवरात्रि के पहले दिन गाय के घी का भोग लगाने से रोगों से मुक्ति मिलती है. मां शैलपुत्री को दूध, घी, फल, शहद और नारियल का भोग लगाना शुभ शुभ होता है.

घटस्थापना मुहूर्त : महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि नवरात्रि माता दुर्गा की उपासना के लिए समर्पित है. इस दौरान की विधि के अनुसार की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदाई होती है और मां दुर्गा भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए मुहूर्त सुबह 6:19 से 7:23 मिनट तक है. वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:52 से लेकर 12:39 मिनट तक है. इस दौरान स्थिर लग्न है और स्थिर लग्न में कलश स्थापना शुभ होती है. हालांकि सुबह से शाम तक कभी भी घट स्थापना की जा सकती है.

डिस्क्लेमर- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है. यह खबर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर के लिए लिखी गई है.

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घटस्थापना के लिए सामग्री : नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए लाल रंग के कपड़े पहनें. इसी प्रकार, कलश (स्वर्ण,रजत या ताम्र), मिट्टी के छोटे बर्तन, 7 प्रकार के अनाज, कपूर, छोटी टोकरियां, मिट्टी, रंगोली, सुपारी, अक्षत के लिए चावल, लौंग, इलायची, आम की टहनी, आम के पत्ते, पैसे/सिक्के, लाल चुनरी, पान के पत्ते, पान सुपारी, सिंदूर, फल, फूल, नारियल, फूलों की माला, सौंदर्य सामग्री आदि सामग्री की आवश्यकता होती है.

MA SAHILPUTRI KALASH POOJAN ON NAVRATRI FIRST DAY
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. (ETV Bharat)

कलश पूजन की विधि : पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि घटस्थापना के दिन सबसे पहले कलश की स्थापना होती है और शास्त्रों में स्वर्ण, रजत, ताम्र और मिट्टी के कलश के महत्व का वर्णन किया गया है. घटस्थापना के दिन विधि के अनुसार ही कलश पूजन होता है. पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि कलश में सात तरह के अनाज, जिन्हें सप्तधान कहा जाता है, उनको रखा जाता है. कलश के अंदर इन अनाज को मिलाकर रखा जाता है या इन सब अनाज के ऊपर भी कलश को स्थापित किया जा सकता है.

गणेश, गौरी, कुबेर, इंद्र नवग्रह आदि देवताओं का पूजन के बाद मां दुर्गा का आह्वान करना चाहिए. नारियल पर लाल कपड़ा बांधकर कलश के ऊपर रखना चाहिए. मिट्टी में जौं डालकर उस कलश के चारों छोड़ना चाहिए. कलश के पास ही लकड़ी पर मां की प्रतिमा या तस्वीर जो भी उपलब्ध हो उसको स्थापित करना चाहिए. मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल अति प्रिय है और लाल चुनरी के साथ धूप, दीप, नैवेद्य से षोडशोपचार पूजन कर देवी मां का आह्वान कर मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए.

GHATASTHAPANA NAVRATRI 2024 MUHURAT AND MA SAHILPUTRI KALASH POOJAN ON NAVRATRI FIRST DAY
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. (ETV Bharat)

ये भोग लगाएं : भक्ति भाव के साथ दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या फिर देवी सूक्त के अलावा कोई भी मंत्र जो आपको आता हो हो उसका उच्चारण करते हुए मां की आराधना की जानी चाहिए. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां को सफेद वस्तु अति प्रिय है, इसलिए सफेद वस्त्र, सफेद फूल अर्पण करें और सफेद बर्फी/मिठाई का भोग लगाएं. मां शैलपुत्री को देसी घी भी काफी प्रिय है, नवरात्रि के पहले दिन गाय के घी का भोग लगाने से रोगों से मुक्ति मिलती है. मां शैलपुत्री को दूध, घी, फल, शहद और नारियल का भोग लगाना शुभ शुभ होता है.

घटस्थापना मुहूर्त : महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि नवरात्रि माता दुर्गा की उपासना के लिए समर्पित है. इस दौरान की विधि के अनुसार की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदाई होती है और मां दुर्गा भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए मुहूर्त सुबह 6:19 से 7:23 मिनट तक है. वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:52 से लेकर 12:39 मिनट तक है. इस दौरान स्थिर लग्न है और स्थिर लग्न में कलश स्थापना शुभ होती है. हालांकि सुबह से शाम तक कभी भी घट स्थापना की जा सकती है.

डिस्क्लेमर- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है. यह खबर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर के लिए लिखी गई है.

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Last Updated : Oct 3, 2024, 1:22 PM IST
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