Dhanteras Remedy : त्यौहारों का मौसम शुरू हो चुका है और धनतेरस आने वाला है. धनतेरस दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है. ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि व सौभाग्य और अच्छा स्वास्थ्य आता है. धनतेरस के दिन एक पारंपरिक मिठाई (मीठा) खाने से घर में अच्छा स्वास्थ्य, धन-समृद्धि और सौभाग्य लाती है. इस उपाय के बारे में जानते हैं विस्तार से.
धनतेरस क्यों मनाया जाता है! धनतेरस धन की देवी देवी लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन, लोग पारंपरिक रूप से समृद्धि और खुशी के प्रतीक के रूप में सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदते हैं. ऐसा माना जाता है कि नए खरीदे गए बर्तनों या धातुओं से देवी लक्ष्मी व भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से परिवार में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है. ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन मिठाई (मीठा) खाकर दिन की शुरुआत करने से खुशियाँ आती हैं. यहां एक एक पारंपरिक मिठाई बताई गई है जो धन और समृद्धि की प्रचुरता लाती है.
- पारंपरिक मिठाई (मीठा) की सामग्री
- शहद
- दालचीनी
- इलायची दाने
इस पारंपरिक मिठाई (मीठा) को बनाने के लिए, बस इलायची के दाने और दालचीनी को शहद से भरे कटोरे में मिलाएँ. इसे मिलाएँ और सुबह परिवार के सदस्यों को दें. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर यह मीठा खाने से परिवार में खुशियाँ, अच्छा स्वास्थ्य और धन आता है.
इलायची दाने, दालचीनी और शहद क्यों! धनतेरस पर इस सदियों पुराने मीठे उपाय से उनके अनोखे गुणों के कारण खुशी और धन की प्राप्ति होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शहद एक प्राकृतिक स्वीटनर है जो सकारात्मक ऊर्जा और समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है, जबकि दालचीनी परिसंचरण को बढ़ाने और अपनी गर्मी के साथ समृद्धि को आकर्षित करने के लिए जानी जाती है. इलायची दाने, दालचीनी और शहद का प्रयोग कुंडली में मंगल और शुक्र ग्रह की स्थिति को बेहतर बनाते हैं. इलायची को अक्सर सौभाग्य और सफलता से जोड़ा जाता है.
(डिस्क्लेमर: धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंगशुई आदि पर आधारित यह लेख केवल पाठकों की जानकारी के लिए हैं. इस संबंध में किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है. हमारा उद्देश्य केवल पाठकों को सूचित करना है. ETV Bharat इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है)