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अली खामेनेई के बाद कौन संभालेगा देश की सत्ता ? जानें ईरान में कैसे होता है सर्वोच्च नेता का चुनाव ?

इस्लामिक रिपब्लिक के संविधान के अनुसार सर्वोच्च नेता का चयन एक्सपर्ट्स की सभा करती है. यह 88 मौलवियों की एक बॉडी है.

अली खामेनेई
अली खामेनेई (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई 33 साल से ईरान पर शासन कर रहे है, लेकिन पिछले कुछ साल से उनकी हालात बिगड़ रही है. न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल खामेनेई गंभीर रूप से बीमार हैं. इतना ही नहीं1981 से खामेनेई का दाहिना हाथ भी आंशिक रूप से लकवाग्रस्त है.

2014 में वे प्रोस्टेट कैंसर की सरवाइव कर गए थे. 83 साल के खामेनेई 1989 से ईरान के सर्वोच्च नेता हैं. वे देश के सर्वोच्च अधिकारी हैं और राज्य के सभी मामलों पर अंतिम निर्णय उनका ही होता है. अपने तीन दशक से ज़्यादा के शासन में मध्य पूर्वी देश के नेता ने संबंधों और सत्ता के केंद्रों का एक अनूठा नेटवर्क बनाया है.

कौन चुनता है सुप्रीम लीडर?
इस्लामिक रिपब्लिक के संविधान के अनुसार सर्वोच्च नेता का चयन एक्सपर्ट्स की सभा करती है - जो 88 मौलवियों की एक बॉडी है. इन सभा के सदस्य को हर आठ साल में ईरानियों द्वारा चुना जाता है. इन्हें ईरान के संवैधानिक निगरानीकर्ता और गार्जियन काउंसिल के रूप में जाना जाता है. गार्जियन काउंसिल के सदस्यों को या तो सीधे या परोक्ष रूप से सर्वोच्च नेता द्वारा चुना जाता है. इसलिए उनका दोनों बॉडीज पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है.

पिछले तीन दशकों में खामेनेई ने विधानसभा में रूढ़िवादियों के चुनाव को सुनिश्चित किया है, जो उनके उत्तराधिकारी को चुनने में उनके मार्गदर्शन का पालन करेंगे. एक बार चुने जाने के बाद सर्वोच्च नेता जीवन भर उस पद पर बने रह सकते हैं. सर्वोच्च नेता बनने के लिए उम्मीदवार को विशेषज्ञों की सभा से दो-तिहाई वोट प्राप्त करने होंगे.

वहीं, संविधान में कहा गया है कि वर्तमान सर्वोच्च नेता की मृत्यु या हटाए जाने की स्थिति में विधानसभा को जल्द से जल्द एक नया नेता नियुक्त करना होगा. हालांकि, रिप्लेसमेंट की प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. संविधान के अनुसार, जब तक एक नया सर्वोच्च नेता नहीं चुना जाता है, तब तक उसके कर्तव्यों को तीन लोगों द्वारा साझा किया जाएगा. इनमें राष्ट्रपति, न्यायपालिका प्रमुख और गार्जियन काउंसिल का एक सदस्य शामिल होगा.

अयातुल्ला होना चाहिए सर्वोच्च नेता
संविधान के अनुच्छेद 111 में कहा गया है, "जब तक नए नेता की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक राष्ट्रपति, न्यायपालिका के प्रमुख और गार्जियन काउंसिल के न्यायविदों में से एक से बनी एक परिषद, जिसे एक्सपीडिएंसी काउंसिल द्वारा चुना जाता है, अस्थायी रूप से सभी नेतृत्व संबंधी कर्तव्यों को संभालेगी."

संविधान के अनुसार सर्वोच्च नेता एक अयातुल्ला होना चाहिए, जो एक वरिष्ठ शिया धार्मिक व्यक्ति हो. हालांकि, जब खामेनेई को सर्वोच्च नेता चुना गया था, तो वह अयातुल्ला नहीं थे, इसलिए उन्हें यह पद स्वीकार करने में सक्षम बनाने के लिए कानूनों में बदलाव किया गया. इसलिए, यह संभव है कि जब नया नेता चुनने का समय आएगा तो राजनीतिक माहौल के आधार पर कानूनों में फिर से संशोधन किया जा सकता है.

अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च में ईरानी मामलों के वरिष्ठ रिसर्च फेलो और विशेषज्ञ माइकल रुबिन के अनुसार खामेनेई की मौत के तुरंत बाद कई संभावित परिदृश्य हैं. अलअरबिया न्यूज के मुताबिक उन्होंने एक रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि परिवर्तन त्वरित, धीमा या बिल्कुल भी नहीं हो सकता है."

रुबिन ने कहा, "सिद्धांत रूप में, विशेषज्ञों की सभा अगले नेता का चयन करती है, लेकिन इसमें कई दिन, सप्ताह या महीने लग सकते हैं. शायद एक अकेला उम्मीदवार जल्दी से नियंत्रण मजबूत कर लेगा या शायद जिन्हें संदेह है कि वे जीत नहीं सकते, वे किसी भी विकल्प को बाधित कर देंगे."

संभावित उम्मीदवार
इस पद के लिए खामेनेई के बेटे मोजतबा संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि, मोजतबा खामेनेई ईरान में कोई आधिकारिक पद नहीं रखते हैं और शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से दिखाई देते हैं. उन्हें व्यापक रूप से अपने पिता के करीबी लोगों में एक प्रमुख व्यक्ति माना जाता है.

2019 में अमेरिका ने मोजतबा खामेनेई पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उस समय कहा था कि खामेनेई ने अपने नेतृत्व की जिम्मेदारियों का एक हिस्सा मोजतबा खामेनेई को सौंप दिया है, जिन्होंने अपने पिता की अस्थिर क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं और दमनकारी घरेलू उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स-क़ुद्स फोर्स (IRGC-QF) के कमांडर और बासिज रेजिस्टेंस फोर्स (Basij) के साथ मिलकर काम किया.

हालांकि, अयातुल्ला खामेनेई के साथ पारिवारिक संबंधों के बावजूद मोजतबा को सर्वोच्च नेता बनने के लिए धार्मिक, राजनीतिक और प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, आईआरजीसी के भीतर मोजतबा का समर्थन उनके पक्ष में हो सकता है.

IRGC कर सकता सत्ता में खेल
रुबिन ने कहा कि दूसरा विकल्प यह है कि IRGC पर्दे के पीछे से काम करने से थक जाए और बस अपने लिए सत्ता हथिया ले. हो सकता है वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम, सबसे शक्तिशाली सेना और अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण किसी नए नेता को देने से कतराए.

हेनरी जैक्सन सोसाइटी की मध्य पूर्व विशेषज्ञ कैथरीन पेरेज-शकदम का कहना है कि खामेनेई के बाद के दौर में होने वाली अंदरूनी लड़ाई से पूरी शासन व्यवस्था ध्वस्त हो सकता है.

यह भी पढ़ें- ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई गंभीर रूप से बीमार, उत्तराधिकारी की तलाश शुरू, रिपोर्ट में दावा

तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई 33 साल से ईरान पर शासन कर रहे है, लेकिन पिछले कुछ साल से उनकी हालात बिगड़ रही है. न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल खामेनेई गंभीर रूप से बीमार हैं. इतना ही नहीं1981 से खामेनेई का दाहिना हाथ भी आंशिक रूप से लकवाग्रस्त है.

2014 में वे प्रोस्टेट कैंसर की सरवाइव कर गए थे. 83 साल के खामेनेई 1989 से ईरान के सर्वोच्च नेता हैं. वे देश के सर्वोच्च अधिकारी हैं और राज्य के सभी मामलों पर अंतिम निर्णय उनका ही होता है. अपने तीन दशक से ज़्यादा के शासन में मध्य पूर्वी देश के नेता ने संबंधों और सत्ता के केंद्रों का एक अनूठा नेटवर्क बनाया है.

कौन चुनता है सुप्रीम लीडर?
इस्लामिक रिपब्लिक के संविधान के अनुसार सर्वोच्च नेता का चयन एक्सपर्ट्स की सभा करती है - जो 88 मौलवियों की एक बॉडी है. इन सभा के सदस्य को हर आठ साल में ईरानियों द्वारा चुना जाता है. इन्हें ईरान के संवैधानिक निगरानीकर्ता और गार्जियन काउंसिल के रूप में जाना जाता है. गार्जियन काउंसिल के सदस्यों को या तो सीधे या परोक्ष रूप से सर्वोच्च नेता द्वारा चुना जाता है. इसलिए उनका दोनों बॉडीज पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है.

पिछले तीन दशकों में खामेनेई ने विधानसभा में रूढ़िवादियों के चुनाव को सुनिश्चित किया है, जो उनके उत्तराधिकारी को चुनने में उनके मार्गदर्शन का पालन करेंगे. एक बार चुने जाने के बाद सर्वोच्च नेता जीवन भर उस पद पर बने रह सकते हैं. सर्वोच्च नेता बनने के लिए उम्मीदवार को विशेषज्ञों की सभा से दो-तिहाई वोट प्राप्त करने होंगे.

वहीं, संविधान में कहा गया है कि वर्तमान सर्वोच्च नेता की मृत्यु या हटाए जाने की स्थिति में विधानसभा को जल्द से जल्द एक नया नेता नियुक्त करना होगा. हालांकि, रिप्लेसमेंट की प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. संविधान के अनुसार, जब तक एक नया सर्वोच्च नेता नहीं चुना जाता है, तब तक उसके कर्तव्यों को तीन लोगों द्वारा साझा किया जाएगा. इनमें राष्ट्रपति, न्यायपालिका प्रमुख और गार्जियन काउंसिल का एक सदस्य शामिल होगा.

अयातुल्ला होना चाहिए सर्वोच्च नेता
संविधान के अनुच्छेद 111 में कहा गया है, "जब तक नए नेता की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक राष्ट्रपति, न्यायपालिका के प्रमुख और गार्जियन काउंसिल के न्यायविदों में से एक से बनी एक परिषद, जिसे एक्सपीडिएंसी काउंसिल द्वारा चुना जाता है, अस्थायी रूप से सभी नेतृत्व संबंधी कर्तव्यों को संभालेगी."

संविधान के अनुसार सर्वोच्च नेता एक अयातुल्ला होना चाहिए, जो एक वरिष्ठ शिया धार्मिक व्यक्ति हो. हालांकि, जब खामेनेई को सर्वोच्च नेता चुना गया था, तो वह अयातुल्ला नहीं थे, इसलिए उन्हें यह पद स्वीकार करने में सक्षम बनाने के लिए कानूनों में बदलाव किया गया. इसलिए, यह संभव है कि जब नया नेता चुनने का समय आएगा तो राजनीतिक माहौल के आधार पर कानूनों में फिर से संशोधन किया जा सकता है.

अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च में ईरानी मामलों के वरिष्ठ रिसर्च फेलो और विशेषज्ञ माइकल रुबिन के अनुसार खामेनेई की मौत के तुरंत बाद कई संभावित परिदृश्य हैं. अलअरबिया न्यूज के मुताबिक उन्होंने एक रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि परिवर्तन त्वरित, धीमा या बिल्कुल भी नहीं हो सकता है."

रुबिन ने कहा, "सिद्धांत रूप में, विशेषज्ञों की सभा अगले नेता का चयन करती है, लेकिन इसमें कई दिन, सप्ताह या महीने लग सकते हैं. शायद एक अकेला उम्मीदवार जल्दी से नियंत्रण मजबूत कर लेगा या शायद जिन्हें संदेह है कि वे जीत नहीं सकते, वे किसी भी विकल्प को बाधित कर देंगे."

संभावित उम्मीदवार
इस पद के लिए खामेनेई के बेटे मोजतबा संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि, मोजतबा खामेनेई ईरान में कोई आधिकारिक पद नहीं रखते हैं और शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से दिखाई देते हैं. उन्हें व्यापक रूप से अपने पिता के करीबी लोगों में एक प्रमुख व्यक्ति माना जाता है.

2019 में अमेरिका ने मोजतबा खामेनेई पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उस समय कहा था कि खामेनेई ने अपने नेतृत्व की जिम्मेदारियों का एक हिस्सा मोजतबा खामेनेई को सौंप दिया है, जिन्होंने अपने पिता की अस्थिर क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं और दमनकारी घरेलू उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स-क़ुद्स फोर्स (IRGC-QF) के कमांडर और बासिज रेजिस्टेंस फोर्स (Basij) के साथ मिलकर काम किया.

हालांकि, अयातुल्ला खामेनेई के साथ पारिवारिक संबंधों के बावजूद मोजतबा को सर्वोच्च नेता बनने के लिए धार्मिक, राजनीतिक और प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, आईआरजीसी के भीतर मोजतबा का समर्थन उनके पक्ष में हो सकता है.

IRGC कर सकता सत्ता में खेल
रुबिन ने कहा कि दूसरा विकल्प यह है कि IRGC पर्दे के पीछे से काम करने से थक जाए और बस अपने लिए सत्ता हथिया ले. हो सकता है वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम, सबसे शक्तिशाली सेना और अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण किसी नए नेता को देने से कतराए.

हेनरी जैक्सन सोसाइटी की मध्य पूर्व विशेषज्ञ कैथरीन पेरेज-शकदम का कहना है कि खामेनेई के बाद के दौर में होने वाली अंदरूनी लड़ाई से पूरी शासन व्यवस्था ध्वस्त हो सकता है.

यह भी पढ़ें- ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई गंभीर रूप से बीमार, उत्तराधिकारी की तलाश शुरू, रिपोर्ट में दावा

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