इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) में पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पाकिस्तानी प्रशासन के खिलाफ आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पूरा पीओके हिंसा की आग में जल रहा है. इस बीच विरोध को दबाने के लिए सोमवार को पाकिस्तानी सेना ने निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाईं. इसमें चार आम नागरिकों की मौत हो गई. इसके बावजूद पीओके में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. मुजफ्फराबाद में मंगलवार को भी प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच झड़प की खबरें हैं.
हिंसक प्रदर्शन के बीच अवामी एक्शन कमेटी ने मंगला बांध से टैक्स फ्री बिजली और गेहूं के आटे पर सब्सिडी की हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया. इसके चलते पुलिस ने रात भर छापेमारी की और कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद मुजफ्फराबाद, दादियाल, मीरपुर और पीओके के अन्य हिस्सों में कानून प्रवर्तन और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं.
मुजफ्फराबाद में स्थिति बहुत गंभीर
हिंसा को लेकर पीओके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा, 'पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में स्थिति बहुत गंभीर होती जा रही है. आज सुबह, लगभग 500,000 लोग मुजफ्फराबाद और उपनगरों में टैक्स के विरोध में उतरे. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, विधान सभा के सभी सदस्यों के साथ-साथ जजों और नौकरशाही के बिजली, सब्सिडी, भत्तों और विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किए.'
भारत सरकार से मांगी मदद
मिर्जा ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह संयुक्त राष्ट्र में पीओके का मुद्दा उठाए. उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय पाकिस्तान के राजदूत को तलब करे और उनसे पीओके में हो रही हिंसा को लेकर जवाब मांगे. मिर्जा ने दावा किया पीओके में दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं.
सड़कों पर उतर रहे कमांडो
उन्होंने कहा कि पीओके में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. क्षेत्र में इंटरनेट पूरी तरह से बंद हो गया है. सेना के कमांडो मुजफ्फराबाद में हेलीकॉप्टरों से उतरने लगे और प्रत्येक हेलीकॉप्टर में लगभग 20 से 25 कमांडो थे. हमें नहीं पता कि अब क्या हो रहा है क्योंकि इंटरनेट पूरी तरह से बंद है.
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