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पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में तनाव, सैनिकों की तैनाती - POJK Unrest - POJK UNREST

POJK unrest May 11 protests: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में 11 मई को लोगों ने विरोध- प्रदर्शन की चेतावनी दी है. इसके मद्देनजर इलाके में सैनिकों की तैनाती की जा रही है.

Unrest erupts in POJK
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में सैनिकों की तैनाती (IANS)
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By ANI

Published : May 9, 2024, 8:10 AM IST

जेनेवा: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में तनाव बढ़ रहा है क्योंकि पाकिस्तानी प्रशासन 11 मई को क्षेत्र में होने वाले विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पंजाब प्रांत से सैनिकों को तैनात कर रहा है. हालाँकि, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) और ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किसी भी क्रूर बल के इस्तेमाल के खिलाफ प्रशासन को चेतावनी दी है.

दोनों पार्टियों ने चेतावनी जारी की है कि अगर प्रशासन अपनी जायज मांगें उठा रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई बल प्रयोग करता है तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे. फिलहाल, पंजाब प्रांत के फ्रंटियर कोर, रेंजर्स और क्विक रिस्पांस फोर्स (QRF) के जवान इलाके की सड़कों पर हैं.

यूकेपीएनपी और जेएएसी (UKPNP and JAAC) द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार प्रदर्शनकारी अनुचित कराधान, उच्च बिजली बिल, अनियंत्रित मुद्रास्फीति, आटा जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का विरोध कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त लोग स्थानीय भूमि और जल संसाधनों के स्वामित्व और पीओजेके (PoJK) और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान में स्थित बांधों में उत्पादित पनबिजली पर स्थानीय लोगों को रॉयल्टी की भी मांग करते हैं.

यूकेपीएनपी के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी और जेएएसी (JAAC ) के पूर्व प्रवक्ता सरदार नासिर अजीज खान ने कहा कि पीओजेके और पीओजीबी के विकास के लिए कश्मीरी प्रवासियों द्वारा सालाना अरबों डॉलर भेजे जाने के बावजूद इन क्षेत्रों के विकास नहीं होने से लोग संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं. कथित तौर पर यह धनराशि पाकिस्तानी बैंकों को भेज दी जाती है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक संकट पैदा हो गया है.

इससे पहले इसी संदर्भ में पीओजेके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने प्रशासन द्वारा हाल में उठाए गए कदमों का हवाला दिया था. हालिया विस्फोटों के बाद चीनी नागरिकों की रक्षा और किसी भी कानून और व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए नागरिक सशस्त्र बल (CAF) के छह प्लाटून और 600 पुलिस कर्मियों और की मांग की गई.

मिर्जा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीओके के लोग चार साल से अधिक समय से मानवीय संकट से जूझ रहे हैं और समस्याएं हर साल बढ़ती जा रही हैं और अब हर महीने बढ़ रही हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बेशक, पाकिस्तानी सरकार हमारे लोगों से डरा हुआ है क्योंकि वे हमारे सविनय अवज्ञा को दबाने के लिए सभी प्रकार के बहानों का उपयोग कर रहे हैं. अब लोग गुस्से में हैं और उनका कहना है कि वे विधान सभा मुजफ्फराबाद पर अनिश्चितकालीन धरना देने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को घोटाले का 'कैंसर', विभाग पर नौ अरब पीकेआर का बकाया, फिर भी किराये पर उड़ा रहा लाखों - Pakistans Health Institutes Patient

जेनेवा: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में तनाव बढ़ रहा है क्योंकि पाकिस्तानी प्रशासन 11 मई को क्षेत्र में होने वाले विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पंजाब प्रांत से सैनिकों को तैनात कर रहा है. हालाँकि, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) और ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किसी भी क्रूर बल के इस्तेमाल के खिलाफ प्रशासन को चेतावनी दी है.

दोनों पार्टियों ने चेतावनी जारी की है कि अगर प्रशासन अपनी जायज मांगें उठा रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई बल प्रयोग करता है तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे. फिलहाल, पंजाब प्रांत के फ्रंटियर कोर, रेंजर्स और क्विक रिस्पांस फोर्स (QRF) के जवान इलाके की सड़कों पर हैं.

यूकेपीएनपी और जेएएसी (UKPNP and JAAC) द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार प्रदर्शनकारी अनुचित कराधान, उच्च बिजली बिल, अनियंत्रित मुद्रास्फीति, आटा जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का विरोध कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त लोग स्थानीय भूमि और जल संसाधनों के स्वामित्व और पीओजेके (PoJK) और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान में स्थित बांधों में उत्पादित पनबिजली पर स्थानीय लोगों को रॉयल्टी की भी मांग करते हैं.

यूकेपीएनपी के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी और जेएएसी (JAAC ) के पूर्व प्रवक्ता सरदार नासिर अजीज खान ने कहा कि पीओजेके और पीओजीबी के विकास के लिए कश्मीरी प्रवासियों द्वारा सालाना अरबों डॉलर भेजे जाने के बावजूद इन क्षेत्रों के विकास नहीं होने से लोग संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं. कथित तौर पर यह धनराशि पाकिस्तानी बैंकों को भेज दी जाती है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक संकट पैदा हो गया है.

इससे पहले इसी संदर्भ में पीओजेके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने प्रशासन द्वारा हाल में उठाए गए कदमों का हवाला दिया था. हालिया विस्फोटों के बाद चीनी नागरिकों की रक्षा और किसी भी कानून और व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए नागरिक सशस्त्र बल (CAF) के छह प्लाटून और 600 पुलिस कर्मियों और की मांग की गई.

मिर्जा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीओके के लोग चार साल से अधिक समय से मानवीय संकट से जूझ रहे हैं और समस्याएं हर साल बढ़ती जा रही हैं और अब हर महीने बढ़ रही हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बेशक, पाकिस्तानी सरकार हमारे लोगों से डरा हुआ है क्योंकि वे हमारे सविनय अवज्ञा को दबाने के लिए सभी प्रकार के बहानों का उपयोग कर रहे हैं. अब लोग गुस्से में हैं और उनका कहना है कि वे विधान सभा मुजफ्फराबाद पर अनिश्चितकालीन धरना देने जा रहे हैं.

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