न्यूयॉर्क: इजराइल-हमास युद्ध के कारण पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को गाजा में स्थायी युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के अमेरिकी प्रस्ताव को पारित किया. इजराइल-हमास युद्ध के 9 महीने हो चुके हैं. अमेरिका द्वारा तैयार किए गए इस प्रस्ताव में हमास से 31 मई को राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा घोषित युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार करने को कहा गया है. इसे इजरायल पहले ही स्वीकार कर चुका है.
इस प्रस्ताव के पक्ष में 14 मत पड़े जबकि इसके खिलाफ कोई भी आगे नहीं आया. वहीं रूस ने इससे दूरी बना ली. रूस इसमें हिस्सा नहीं लिया. इसने अपनी वीटो शक्ति का प्रयोग नहीं करने का निर्णय लिया. संयुक्त राष्ट्र समाचार के अनुसार पारित प्रस्ताव का उद्देश्य तीन चरणों में एक व्यापक युद्धविराम समझौते पर पहुंचना है.
पहले चरण में महिलाओं, बुजुर्गों और घायलों सहित बंधकों की रिहाई, मारे गए कुछ बंधकों के अवशेषों की वापसी और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के साथ तत्काल पूर्ण युद्धविराम की बात कही गई है. इसमें मांग की गई है कि इजराइली सैनिक गाजा के आबादी वाले क्षेत्रों को छोड़ दें. फिलिस्तीनियों को उत्तरी क्षेत्र सहित पूरे क्षेत्र में कहीं भी अपने घरों और समुदायों में लौटने की अनुमति दी जाए. साथ ही मानवीय सहायता को व्यापक और सुरक्षित रूप से वितरित किया जाए.
संयुक्त राष्ट्र समाचार के अनुसार दूसरे चरण में शत्रुता का स्थायी अंत होगा. इसके बदले में गाजा में मौजूद सभी बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा. गाजा से इजराइली सेना पूरी तरह से वापस लौट जाएगी. दूसरी ओर तीसरे चरण में गाजा के लिए एक प्रमुख बहुवर्षीय पुनर्निर्माण योजना होगी. गाजा पट्टी में अब भी मौजूद किसी भी मृत बंधक के अवशेष इजराइल को लौटा दिए जाएंगे.
राष्ट्रपति बाइडेन ने इस समझौते को न केवल एक युद्धविराम के रूप में वर्णित किया था जिससे युद्ध का स्थायी अंत होगा. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने कहा था कि कतर द्वारा हमास के नेतृत्व को समझौते की शर्तें बता दी गई हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अगर हमास सुरक्षा परिषद द्वारा अनुमोदित समझौते पर सहमत हो जाता है तो लड़ाई आज ही रुक सकती है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि हमास को अब यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट है. एक ऐसे समझौते के पीछे एकजुट है जो जीवन बचाएगा और गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों को पुनर्निर्माण और उपचार शुरू करने में मदद करेगा. एक ऐसे समझौते के पीछे एकजुट है जो आठ महीने की कैद के बाद बंधकों को उनके परिवारों से मिलाएगा.
राजदूत थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अब वर्तमान स्थिति से बाहर निकलने का अवसर है और अमेरिका यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगा कि इजरायल अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करे, हालांकि, यह सब इस शर्त पर किया जाएगा कि हमास इस समझौते को स्वीकार कर ले. राजदूत थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अब वर्तमान स्थिति से बाहर निकलने का अवसर है. अमेरिका यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगा कि इजराइल अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करे. हालांकि, यह सब इस शर्त पर किया जाएगा कि हमास इस समझौते को स्वीकार कर ले.
प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद गाजा पट्टी में जनसांख्यिकीय या क्षेत्रीय परिवर्तन के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देती है, जिसमें एन्क्लेव के क्षेत्र को कम करने वाली कोई भी कार्रवाई शामिल है. यह दो-राज्य समाधान के दृष्टिकोण के प्रति परिषद की अटूट प्रतिबद्धता को भी दोहराता है. इस संबंध में प्रस्ताव में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के तहत पश्चिमी तट के साथ गाजा पट्टी को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया गया है.
गाजा में संघर्ष 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद बढ़ गया. यहां लगभग 2,500 आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजरायल की सीमा का उल्लंघन किया. इसके परिणामस्वरूप हताहत हुए और बंधकों को पकड़ लिया गया. इजराइल ने तब से गाजा पर अपने हमले को हमास के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के रूप में वर्णित किया है. इसका लक्ष्य पूरे आतंकवादी समूह को खत्म करना है, जबकि नागरिक हताहतों को कम करने का प्रयास करना है.