कीव: यूक्रेन ने रूस के साथ बातचीत करने के पोप फ्रांसिस के आह्वान को खारिज कर दिया है. यूक्रेन ने अपने आक्रमण के दो साल से अधिक समय बाद कहा कि वह 'कभी भी' आत्मसमर्पण नहीं करेगा. अल जजीरा के हवाले से ये रिपोर्ट दी गई है. हमारा झंडा पीला और नीला है. यह वह ध्वज है जिसके द्वारा हम जीते हैं, मरते हैं और प्रबल होते हैं.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने रविवार को सोशल मीडिया पर कहा, 'हम कभी कोई अन्य झंडा नहीं उठाएंगे. इसपर पोप ने कहा कि कीव को 'सफेद झंडा उठाने का साहस रखना चाहिए.' 87 वर्षीय कैथोलिक नेता ने स्विस ब्रॉडकास्टर आरटीएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन को रूस के साथ बातचीत करनी चाहिए, जिसने फरवरी 2022 में अपना पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद से यूक्रेनी क्षेत्र के बड़े हिस्से को जब्त कर लिया है. शनिवार को जारी साक्षात्कार में पोप फ्रांसिस ने आत्मसमर्पण की संभावना जताई.
उन्होने कहा,'मेरा मानना है कि सबसे मजबूत वे लोग हैं जो स्थिति को देखते हैं. लोगों के बारे में सोचते हैं और सफेद झंडा उठाने और बातचीत करने का साहस रखते हैं.' यूक्रेन के मंत्री कुलेबा ने पोप से 'अच्छे के पक्ष में' खड़े होने का आह्वान किया. कुलेबा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी सेनाओं के साथ कुछ कैथोलिक चर्च के सहयोग का भी संदर्भ दिया जब उन्होंने कहा, 'उसी समय जब सफेद झंडे की बात आती है, तो हम वेटिकन की इस रणनीति को 20 वीं शताब्दी के पहले भाग से जानते हैं. कुलेबा ने कहा, 'मैं अतीत की गलतियों को दोहराने से बचने और यूक्रेन और उसके लोगों को उनके जीवन के लिए उचित संघर्ष में समर्थन देने का आग्रह करता हूं.'
उन्होंने पोप फ्रांसिस को 'शांति के लिए निरंतर प्रार्थना' के लिए भी धन्यवाद दिया और कहा कि कीव को उम्मीद है कि वह यूक्रेन का दौरा करेंगे. कुलेबा ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि यूरोप के केंद्र में दो साल के विनाशकारी युद्ध के बाद पोंटिफ पाएंगे दस लाख से अधिक यूक्रेनी कैथोलिकों, पांच मिलियन से अधिक ग्रीक-कैथोलिकों और सभी यूक्रेनियों का समर्थन करने के लिए यूक्रेन की अपोस्टोलिक यात्रा करने का समय निकालेंगे.
यूक्रेन के मुखर सहयोगी पोलैंड के विदेश मंत्री ने भी पोप की टिप्पणियों की निंदा की. पोलिश विदेश मंत्री रैडोस्लाव सिकोरस्की ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'संतुलन के लिए पुतिन को यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाने का साहस दिखाने के लिए प्रोत्साहित करना कैसा रहेगा? बातचीत की आवश्यकता के बिना तुरंत शांति स्थापित हो जाएगी.'
एक अलग पोस्ट में सिकोरस्की ने यूक्रेन को अपनी रक्षा करने के साधनों से इनकार करते हुए बातचीत का आह्वान करने वालों और द्वितीय विश्व युद्ध से पहले एडॉल्फ हिटलर के यूरोपीय नेताओं के 'तुष्टिकरण' के बीच समानताएं बनाईं. होली सी में यूक्रेन के राजदूत एंड्री युराश ने पोप की टिप्पणियों की तुलना हिटलर को संतुष्ट करने के लिए एक सफेद झंडा लहराते हुए 'हिटलर से बात करने' के आह्वान से की.