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BAPS मंदिर यूएई: हिंदू मंदिर ने रमजान महीने के दौरान आयोजित की अंतरधार्मिक शाम - Omsiyyat in BAPS Abu Dhabi Temple

Omsiyyat In Hindu Temple: संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बना पहला हिंदू मंदिर बीएपीएस (BAPS) भव्यता करके आए दिन चर्चा में बना रहता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी को BAPS का उद्घाटन किया था. उसके बाद आम जनता के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए. अब, रमजान महीने में 'ओम्सिय्यत' नामक एक अंतरधार्मिक सांस्कृतिक संध्या की मेजबानी की गई. इस कार्यक्रम में न सिर्फ मुस्लमान, बल्कि अलग-अलग धर्मों के 200 से अधिक लोग शामिल हुए.

BAPS ABU DHABI TEMPLE (Photo - IANS)
BAPS मंदिर यूएई (फोटो - आईएएनएस)
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By ANI

Published : Apr 7, 2024, 11:25 AM IST

अबू धाबी: संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बीएपीएस (BAPS) हिंदू मंदिर ने रमजान महीने के दौरान 'ओम्सिय्यत' नामक एक अंतरधार्मिक सांस्कृतिक शाम की मेजबानी की. ओम्सिय्यत नामक इस कार्यक्रम में न सिर्फ मुस्लमान बल्कि अलग-अलग धर्मों के 200 से अधिक लोग शामिल हुए.

200 से ज्यादा हस्तियां हुई शामिल
रमजान महीने के दौरान विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमियों के 200 से अधिक नेताओं और समुदाय के सदस्यों को एक ही छत के नीचे देखा गया. नए उद्घाटन किए गए हिंदू मंदिर की आकर्षक पृष्ठभूमि पर आधारित यह कार्यक्रम आस्था, संस्कृति और संवाद का संगम था. सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री शेख नहयान बिन मबारक अल नहयान सहित कई प्रमुख हस्तियां, विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी और सामुदायिक विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुगीर खामिस अल खैली सहित अन्य लोगों ने 'ओम्सिय्यत' में भाग लिया.

2 अप्रैल को हुए इस कार्यक्रम में स्थानीय धार्मिक समुदायों के नेता भी उपस्थित थे. अब्राहमिक फैमिली हाउस के रब्बी जेफ बर्जर, रब्बी लेवी डचमैन, चर्च ऑफ साउथ इंडिया पैरिश के फादर लालजी और बहाई समुदाय के नेता एवं अन्य लोग उपस्थित थे.

रब्बी जेफ बर्जर बोले
इब्राहीम फैमिली हाउस के रब्बी जेफ बर्जर ने इस कार्यक्रम के प्रति अपनी भावनाओं को साझा किया. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'अनेकता में एकता सिर्फ एक सिद्धांत नहीं है. यह एक अभ्यास है, जिसका आज रात यहां स्पष्ट रूप से प्रदर्शन किया गया. यह कार्यक्रम समझ और सम्मान की दिशा में हमारी साझा यात्रा का प्रतीक है'.

BAPS मंदिर एक आशा लेकर आया - नाहयान
इस बीच, शेख नाहयान ने बीएपीएस हिंदू मंदिर के जबरदस्त प्रभाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा, अलगाववाद, अविश्वास, असहिष्णुता और संघर्षों से खतरे में पड़े इस परेशान समय में, बीएपीएस हिंदू मंदिर दुनिया के लिए आशा लेकर आया है. सभी मानव जाति की भलाई के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रेखाओं में एक साथ काम करने का हिंदू मंदिर का मजबूत संकल्प वास्तव में सराहनीय है. आप विश्वासों के प्रति सम्मान और एक-दूसरे के नेकदिल इरादों के प्रति प्रशंसा साझा करते हैं'.

शांति, भाईचारा और समर्पण के लिए जताया आभार
उन्होेने आगे कहा, 'शांति, सद्भाव, भाईचारा और सह-अस्तित्व के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आपकी प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए धन्यवाद. सभी मानव जाति की भलाई के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में एक साथ काम करने का आपका दृढ़ संकल्प वास्तव में महान है'.

यह शाम बीएपीएस हिंदू मंदिर, अबू धाबी के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास के शब्दों से भी समृद्ध रही. उन्होंने मंदिर के महंत स्वामी महाराज के प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेश पर प्रकाश डालते हुए आभार व्यक्त किया. साथ ही, अबू धाबी के शासक मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व, उनके समर्थन और उदारता के लिए एकत्रित शुभचिंतकों का धन्यवाद किया.

पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक की भावनाओं को किया याद
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने एक पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक, स्वामी की भावनाओं को याद किया. पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा था, 'अगर कभी एलियंस होते हैं, और अगर एलियंस इस धरती पर आते हैं, तो मैं चाहूंगा कि एलियंस हमारे ग्रह का मूल्यांकन इस स्थान से करें. इस दुनिया में सभी संघर्षों, युद्धों और नफरत के स्मारकों की तुलना में सद्भाव। मैं चाहता हूं कि अबू धाबी में जो कुछ हो रहा है, उसके आधार पर एलियंस दुनिया का आकलन करें. इसलिए गर्व करें कि अबू धाबी दुनिया में सद्भाव की नई राजधानी है'.

मंदिर के स्वयंसेवकों ने बनाया अरबी, भारतीय खाना
कार्यक्रम का समापन शाकाहारी 'सुहूर' के साथ हुआ. इसमें मंदिर के स्वयंसेवकों द्वारा बनाया गया अरबी और भारतीय भोजन शामिल था. शेख नाहयान उन उपस्थित लोगों में से थे जिन्होंने भोजन में भाग लिया. उन्होंने एक समुदाय के रूप में समय बिताने के अवसर का आनंद लिया.

अंतर-धार्मिक सद्भाव
'ओम्सियत': एक इंटरफेथ सांस्कृतिक संध्या' ने न केवल उपस्थित लोगों के, बल्कि संयुक्त अरब अमीरात और दुनिया के समुदाय के दिलों को छू लिया. इससे पता चला कि अंतर-धार्मिक सद्भाव एक सतत मिशन है. एक पल के लिए, इसे हासिल कर लिया गया है.

PM मोदी ने किया था उद्धाटन
अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस (BAPS) का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी को उद्घाटन किया था. अपनी वास्तुकला और भव्यता देखने योग्य है. अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर भारत और यूएई के बीच स्थायी दोस्ती के प्रमाण के रूप में खड़ा है, जो सांस्कृतिक समावेशिता, अंतरधार्मिक सद्भाव और सामुदायिक सहयोग की भावना का प्रतीक है.

पढ़ें: भारत ने यूएई, बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज निर्यात की अनुमति दी

अबू धाबी: संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बीएपीएस (BAPS) हिंदू मंदिर ने रमजान महीने के दौरान 'ओम्सिय्यत' नामक एक अंतरधार्मिक सांस्कृतिक शाम की मेजबानी की. ओम्सिय्यत नामक इस कार्यक्रम में न सिर्फ मुस्लमान बल्कि अलग-अलग धर्मों के 200 से अधिक लोग शामिल हुए.

200 से ज्यादा हस्तियां हुई शामिल
रमजान महीने के दौरान विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमियों के 200 से अधिक नेताओं और समुदाय के सदस्यों को एक ही छत के नीचे देखा गया. नए उद्घाटन किए गए हिंदू मंदिर की आकर्षक पृष्ठभूमि पर आधारित यह कार्यक्रम आस्था, संस्कृति और संवाद का संगम था. सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री शेख नहयान बिन मबारक अल नहयान सहित कई प्रमुख हस्तियां, विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी और सामुदायिक विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुगीर खामिस अल खैली सहित अन्य लोगों ने 'ओम्सिय्यत' में भाग लिया.

2 अप्रैल को हुए इस कार्यक्रम में स्थानीय धार्मिक समुदायों के नेता भी उपस्थित थे. अब्राहमिक फैमिली हाउस के रब्बी जेफ बर्जर, रब्बी लेवी डचमैन, चर्च ऑफ साउथ इंडिया पैरिश के फादर लालजी और बहाई समुदाय के नेता एवं अन्य लोग उपस्थित थे.

रब्बी जेफ बर्जर बोले
इब्राहीम फैमिली हाउस के रब्बी जेफ बर्जर ने इस कार्यक्रम के प्रति अपनी भावनाओं को साझा किया. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'अनेकता में एकता सिर्फ एक सिद्धांत नहीं है. यह एक अभ्यास है, जिसका आज रात यहां स्पष्ट रूप से प्रदर्शन किया गया. यह कार्यक्रम समझ और सम्मान की दिशा में हमारी साझा यात्रा का प्रतीक है'.

BAPS मंदिर एक आशा लेकर आया - नाहयान
इस बीच, शेख नाहयान ने बीएपीएस हिंदू मंदिर के जबरदस्त प्रभाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा, अलगाववाद, अविश्वास, असहिष्णुता और संघर्षों से खतरे में पड़े इस परेशान समय में, बीएपीएस हिंदू मंदिर दुनिया के लिए आशा लेकर आया है. सभी मानव जाति की भलाई के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रेखाओं में एक साथ काम करने का हिंदू मंदिर का मजबूत संकल्प वास्तव में सराहनीय है. आप विश्वासों के प्रति सम्मान और एक-दूसरे के नेकदिल इरादों के प्रति प्रशंसा साझा करते हैं'.

शांति, भाईचारा और समर्पण के लिए जताया आभार
उन्होेने आगे कहा, 'शांति, सद्भाव, भाईचारा और सह-अस्तित्व के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आपकी प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए धन्यवाद. सभी मानव जाति की भलाई के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में एक साथ काम करने का आपका दृढ़ संकल्प वास्तव में महान है'.

यह शाम बीएपीएस हिंदू मंदिर, अबू धाबी के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास के शब्दों से भी समृद्ध रही. उन्होंने मंदिर के महंत स्वामी महाराज के प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेश पर प्रकाश डालते हुए आभार व्यक्त किया. साथ ही, अबू धाबी के शासक मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व, उनके समर्थन और उदारता के लिए एकत्रित शुभचिंतकों का धन्यवाद किया.

पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक की भावनाओं को किया याद
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने एक पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक, स्वामी की भावनाओं को याद किया. पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा था, 'अगर कभी एलियंस होते हैं, और अगर एलियंस इस धरती पर आते हैं, तो मैं चाहूंगा कि एलियंस हमारे ग्रह का मूल्यांकन इस स्थान से करें. इस दुनिया में सभी संघर्षों, युद्धों और नफरत के स्मारकों की तुलना में सद्भाव। मैं चाहता हूं कि अबू धाबी में जो कुछ हो रहा है, उसके आधार पर एलियंस दुनिया का आकलन करें. इसलिए गर्व करें कि अबू धाबी दुनिया में सद्भाव की नई राजधानी है'.

मंदिर के स्वयंसेवकों ने बनाया अरबी, भारतीय खाना
कार्यक्रम का समापन शाकाहारी 'सुहूर' के साथ हुआ. इसमें मंदिर के स्वयंसेवकों द्वारा बनाया गया अरबी और भारतीय भोजन शामिल था. शेख नाहयान उन उपस्थित लोगों में से थे जिन्होंने भोजन में भाग लिया. उन्होंने एक समुदाय के रूप में समय बिताने के अवसर का आनंद लिया.

अंतर-धार्मिक सद्भाव
'ओम्सियत': एक इंटरफेथ सांस्कृतिक संध्या' ने न केवल उपस्थित लोगों के, बल्कि संयुक्त अरब अमीरात और दुनिया के समुदाय के दिलों को छू लिया. इससे पता चला कि अंतर-धार्मिक सद्भाव एक सतत मिशन है. एक पल के लिए, इसे हासिल कर लिया गया है.

PM मोदी ने किया था उद्धाटन
अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस (BAPS) का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी को उद्घाटन किया था. अपनी वास्तुकला और भव्यता देखने योग्य है. अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर भारत और यूएई के बीच स्थायी दोस्ती के प्रमाण के रूप में खड़ा है, जो सांस्कृतिक समावेशिता, अंतरधार्मिक सद्भाव और सामुदायिक सहयोग की भावना का प्रतीक है.

पढ़ें: भारत ने यूएई, बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज निर्यात की अनुमति दी

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