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बांग्लादेश में हमास, तालिबान और पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता जुटे, भारत के चिंता का सबब?

Radical leaders gather Bangladesh, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जुटे हमास, तालिबान और पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेताओं ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

Radicals gathered in Bangladesh
बांग्लादेश में जुटे कट्टरपंथी (प्रतीकात्मक फोटो-IANS)

ढाका : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए एक आयोजन ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है. हुआ यूं कि बांग्लादेश में अल मर्कजुल इस्लामी के धार्मिक आयोजन के नाम पर हमास, तालिबान और पाकिस्तान के कई कट्टरपंथी इस्लामी नेताओं ने भाग लिया और भाषण दिया. ये सभी नेता अल कायदा से जुड़े थे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस आयोजन के पीछे का मकसद क्या था. लेकिन कार्यक्रम में मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम जैसे व्यक्ति ने इसमें भाग लिया, जिसका आतंकवाद से गहरा संबंध रहा है.

बता दें कि मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम को 1999 में खुलना में एक अहमदिया मस्जिद पर बम से हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इतना नहीं शाहिदुल ने बांग्लादेश में इस्लामी चरमपंथ के बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. रिहा होने के बाद उसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा कई अफ्रीकी देशों की यात्रा की. इस दौरान उसने अल कायदा से प्रशिक्षण प्राप्त किया. दूसरी तरफ जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के बीच में उसकी पकड़ मजबूत हो गई है.

ढाका में 7 अक्टूबर को हुए इस आयोजन में हमास से सीनियर नेताओं में शेख खालिद कुद्दिमी और शेख आकिल मिशाल भी शामिल हुए थे. इसके अलावा पाकिस्तान के शैखुल इस्लाम मुफ्ती तकी उस्मानी और मौलाना फजलुर रहमान ने भी भाग लिया था.

बताया जा रहा है आतंकवादी समूह बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाने की फिराक में है. इसके चलते कट्टरपंथी भारत में अवैध रूप से घुसने या हमले की योजना भी बना सकते हैं. इस तरह की खुफिया रिपोर्ट ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. इतना ही नहीं आतंकवादियों का समूहों का एक मंच भारत सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

ये भी पढ़ें - पाकिस्तान: इमरान ने संविधान में संशोधन के कदम के खिलाफ UN में मोर्चा खोला

ढाका : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए एक आयोजन ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है. हुआ यूं कि बांग्लादेश में अल मर्कजुल इस्लामी के धार्मिक आयोजन के नाम पर हमास, तालिबान और पाकिस्तान के कई कट्टरपंथी इस्लामी नेताओं ने भाग लिया और भाषण दिया. ये सभी नेता अल कायदा से जुड़े थे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस आयोजन के पीछे का मकसद क्या था. लेकिन कार्यक्रम में मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम जैसे व्यक्ति ने इसमें भाग लिया, जिसका आतंकवाद से गहरा संबंध रहा है.

बता दें कि मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम को 1999 में खुलना में एक अहमदिया मस्जिद पर बम से हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इतना नहीं शाहिदुल ने बांग्लादेश में इस्लामी चरमपंथ के बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. रिहा होने के बाद उसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा कई अफ्रीकी देशों की यात्रा की. इस दौरान उसने अल कायदा से प्रशिक्षण प्राप्त किया. दूसरी तरफ जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के बीच में उसकी पकड़ मजबूत हो गई है.

ढाका में 7 अक्टूबर को हुए इस आयोजन में हमास से सीनियर नेताओं में शेख खालिद कुद्दिमी और शेख आकिल मिशाल भी शामिल हुए थे. इसके अलावा पाकिस्तान के शैखुल इस्लाम मुफ्ती तकी उस्मानी और मौलाना फजलुर रहमान ने भी भाग लिया था.

बताया जा रहा है आतंकवादी समूह बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाने की फिराक में है. इसके चलते कट्टरपंथी भारत में अवैध रूप से घुसने या हमले की योजना भी बना सकते हैं. इस तरह की खुफिया रिपोर्ट ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. इतना ही नहीं आतंकवादियों का समूहों का एक मंच भारत सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

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