ETV Bharat / international

बांग्लादेश में जिन छात्रों ने की आंदोलन की अगुवाई, अब बन गए मंत्री, सड़क से लेकर मंत्रालय तक कर रहे मदद - Students helping lead Bangladesh

author img

By AP (Associated Press)

Published : Aug 14, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Aug 15, 2024, 2:45 PM IST

Students helping lead Bangladesh: हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले छात्र सड़कों से लेकर मंत्रालयों तक बांग्लादेश का नेतृत्व करने में मदद कर रहे हैं. हालांकि, उनके पास अनुभव नहीं के बराबर है लेकिन देश के भविष्य को लेकर उम्मीदें उससे कहीं अधिक है. बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के कारण सत्ता के शीर्ष पर बैठी शेख हसीना को पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ गई और वह भागकर भारत आ गईं.

Bangladesh
बांग्लादेश में प्रदर्शन के बाद छात्र कर रहे मदद (AFP)

ढाका: बांग्लादेश की सत्ता में करीब 20 साल से अधिक सत्ता पर काबिज रहीं शेख हसीना को देश के सबसे अडिग और सशक्त नेताओं में से एक के रूप में देखा जाता था. आवामी लीग के नेताओं ने कभी नहीं सोचा होगा कि, आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ने पर मजबूर कर देगा. जून में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया. इस आंदोलन की आग ने किसी के घर जलाए तो किसी की बरसों पुरानी सत्ता छीन ली. बता दें कि, 5 अगस्त को आंदोलन को उग्र होता देख शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देने को मजबूर हो गईं और वह आनन-फानन में देश छोड़कर भारत आ गईं.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्र आंदोलन और सियासी संकट
बता दें कि, इसी साल 23 जून को पार्टी ने अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया था, लेकिन बांग्लादेश के इतिहास की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का ऐसा हश्र तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा. बांग्लादेश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री को पद से हटाने के एक सप्ताह के भीतर, जिन छात्रों ने शेख हसीना को देश से बाहर निकल जाने के लिए मजबूर किया था, वे ढाका के यातायात को निर्देशित करते नजर आ रहे थे.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

आंदोलन में शामिल छात्रों ने संभाला राजनीतिक मोर्चा
बांग्लादेश के ढाका समेत अन्य इलाकों की व्यस्त सड़कों पर नियॉन जैकेट पहने और गले में विश्वविद्यालय की आईडी लटकाए और हाथ में लाठी, छाता पकड़े ट्रैफिक पुलिस की तरह काम करते दिखे. देश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच पुलिस हड़ताल पर चले गए. वहीं, पुलिस की कमी को पूरा करने के लिए छात्र सड़कों पर मुस्तैद थे. इस दौरान उन्होंने ड्राइवरों को रोककर उनके लाइसेंस की जांच की और सीट बेल्ट न पहनने पर उन्हें टोका. वाहन चेंकिग के दौरान कार के कुछ खुले डिब्बों को देखकर उन्हें लगा कि, शायद वे पिछली सरकार के अधिकारी हो सकते हैं, जो तस्करी के धन की तलाश में थे.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

सड़क से लेकर मंत्रालय तक छात्रों से देश को उम्मीद
देश में उत्पन्न राजनीतिक संकट के समय छात्रों ने न केवल सड़कें संभाली हैं, बल्कि हसीना के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने वाले दो लोग अंतरिम सरकार में शामिल हो रहे हैं. शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से ऐसी स्थिति देश में बनी है. छात्र आंदोलन के कारण देश में आवामी लीग की सरकार का तख्तापलट हो गया. हसीना ने 20 साल से अधिक बांग्लादेश पर शासन किया. उनकी पार्टी ने लगातार चार बार जीत हासिल की. कहा गया कि, उनकी सरकार निरंकुश हो गई थी.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

अब आगे क्या होगा?
अब सवाल यह है कि, बांग्लादेश का आगे क्या होगा? शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद देश हिंसा से पूरी तरह से ग्रसित है. अब तक हिंसा में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. प्रदर्शन के दौरान विरोधी नेता के तौर पर उभरे खेल और युवा मंत्रालय के प्रभारी आसिफ महमूद ने कहा कि, छात्रों को उम्मीद है कि बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस देश में शांति और लोकतंत्र बहाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि, अंतरिम सरकार नया बांग्लादेश निर्माण करने की दिशा में कारगर साबित हो सकता है.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
शेख हसीना और बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

छात्र आंदोलन की अगुवाई करने वाले संभाल रहे राजनीतिक जिम्मेदारी
26 साल के महमूद ने कहा, उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था और कभी ऐसी महत्वकांक्षा भी नहीं थी कि, उन्हें इस उम्र में ऐसी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग के साथ शुरू हुआ जो, अवामी लीग सरकार के खिलाफ पूर्ण पैमाने पर विद्रोह में बदल गया. इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़पों और उसके परिणामस्वरूप हुई मौतों ने हसीना के शासन के खिलाफ व्यापक आक्रोश को बढ़ावा दिया और छात्रों ने लोकप्रिय समर्थन की लहर पर सवार हो गए.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
मोहम्मद यूनुस (AFP)

अंतरिम सरकार में अनुभव की कमी
देश की वर्तमान अंतरिम सरकार में अनुभव की कमी है. उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अंतरिम सरकार को चुनाव आयोजित करने में कितना समय लगेगा, इस पर भी चिंताएं व्याप्त हैं. प्रदर्शनकारियों के साथ छात्र मंत्रियों ने कहा है कि कोई भी मतदान होने से पहले, वे देश के संस्थानों में सुधार करना चाहते हैं. जिनके बारे में उनका कहना है कि अवामी लीग और उसके प्रतिद्वंद्वी, वंशवादी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी दोनों ने जनता को गर्त में धकेल दिया.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
मोहम्मद यूनुस शपथ लेते हुए (AFP)

अंतरिम सरकार पास क्या है अधिकार?
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अंतरिम सरकार अनिर्वाचित है और ऐसे में उसके पास बड़े बदलावों को लागू करने का कोई अधिकार नहीं है. ढाका स्थित सेंटर फॉर गवर्नेंस स्टडीज के कार्यकारी निदेशक जिल्लुर रहमान ने कहा, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार, जिसे छात्रों द्वारा चुना गया था, को "यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनकी मुख्य जिम्मेदारी चुनाव कराना है...उन्हें कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेना चाहिए." जिल्लुर रहमान ने कहा, यूनुस, एक अर्थशास्त्री और लंबे समय से हसीना के आलोचक रहे हैं. यूनुस गरीबों में से सबसे गरीब लोगों की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के अग्रणी उपयोग के लिए विश्व स्तर पर जाने जाते हैं . लेकिन उन्होंने कभी सरकार भी नहीं चलाई. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि छात्र इस तरह से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जैसा पहले कभी नहीं देखा गया. उन्होंने कहा "प्रत्येक मंत्रालय में एक छात्र होना चाहिए."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
छात्र नेता ने भी शपथ ली (AFP)

रहमान ने कहा कि कुछ दिनों के लिए यातायात को नियंत्रित करना एक बात है लेकिन संभावित रूप से छात्रों को मंत्रालयों में नियुक्त करना उन्हें विशेष रूप से संवेदनशील समय में "सत्ता का भूखा" बना सकता है. दूसरे छात्र से मंत्री बने नाहिद इस्लाम ने स्वीकार किया कि उनके पास शासन का कोई अनुभव नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि हसीना को बाहर करने में उन्होंने जो धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया, वह इस बात का सबूत है कि वे काम कर सकते हैं. नाहिद इस्लाम का जन्म 1998 में हुआ था. अब उन्हें सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को चलाने की जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा "हम सोचते हैं कि जो छात्र विद्रोह का नेतृत्व करने में सफल हुए हैं वे नागरिक राष्ट्र का निर्माण करने में काफी सक्षम हैं."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

छात्रों का विरोध प्रदर्शन के बाद अब कैसी है स्थिति?
हसीना के इस्तीफे के मद्देनजर, छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और उनके करीबी माने जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ अल्टीमेटम जारी कर उनसे पद छोड़ने की मांग की है. मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय बैंक के गवर्नर सहित सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों ने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया. द डेली स्टार अखबार के प्रधान संपादक महफूज अनम ने कहा, "एक आधुनिक सरकार को इस तरह से नहीं चलाया जा सकता है." उन्होंने कहा कि स्थिर परिवर्तन प्रक्रिया की दिशा में कुछ कदम उठाए गए हैं.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

पिछले कई सप्ताह विरोध प्रदर्शन में बिताने वाले कई छात्र इससे सहमत हैं. वे चाहते हैं कि अंतरिम सरकार तटस्थ हो लेकिन इस बात पर भी जोर देते हैं कि इसे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से भी जुड़ा होना चाहिए, जिनसे उनकी पीढ़ी का बहुत कम संबंध है.18 वर्षीय छात्र अल्वी महमूद ने कहा कि अगर अंतरिम सरकार अच्छा काम करती है, तो लोग बीएनपी या अवामी लीग या किसी पारंपरिक, पुरानी पार्टियों को नहीं चाहेंगे. ऐसे स्थिति में वे बदलाव चाहेंगे. वे जीवन जीने का एक नया तरीका चाहेंगे."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश के राष्ट्रपति (AFP)

बांग्लादेश में कब होंगे चुनाव
ज्वलंत सवाल यह है कि, बांग्लादेश में नए चुनाव कब तक कराए जा सकेंगे. बीएनपी के वरिष्ठ नेता मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने यूनुस से कहा कि वह अंतरिम सरकार को चुनाव के लिए अनुकूल और लोकतांत्रिक माहौल बनाने के लिए उचित समय देगी.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

अनम ने कहा, इससे "राजनीतिक माहौल में शांति की भावना" पैदा हो सकती है. इससे छात्र नेताओं को चुनाव से पहले राजनीतिक रूप से एकजुट होने का समय मिल सकता है. नए मंत्री इस्लाम ने कहा, "हम अभी तक किसी राजनीतिक मंच के बारे में नहीं सोच रहे हैं....लेकिन एक युवा पीढ़ी इस देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, उस पीढ़ी का निर्माण हो चुका है."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

बांग्लादेश हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत
फिलहाल, देश और उसके छात्र पिछले कुछ हफ्तों की भयावहता से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनों पर की गई कार्रवाई में 300 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए. छात्र उन सड़कों पर सफाई कर रहे हैं जो हाल ही में उनके दोस्तों के खून से रंगी हुई जंग की भूमि बन गई थीं. वे हिंसा में नष्ट हुए घरों और विश्वविद्यालय परिसरों का मलबा साफ कर रहे हैं और हालांकि कुछ पुलिस हड़ताल के बाद सड़कों पर लौट आई है, कई छात्र यातायात को निर्देशित करने में मदद करने के लिए उनके साथ बने हुए हैं.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को गिराया
शहर के मध्य में एक चौराहे पर 1971 में अपनी आजादी के बाद बांग्लादेश के पहले नेता शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की एक मूर्ति को हसीना के देश छोड़ते ही गुस्से और खुशी दोनों में डूबे प्रदर्शनकारियों ने उसे नीचे गिरा दिया. बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान किसी ने बांग्लादेश के झंडे के रंग लाल और हरे रंग में लिखा, "हम उन लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारी जीत के लिए लड़ाई लड़ी.... हम एक हैं. इतना ही नहीं दीवारों पर हसीना के खिलाफ कई अपशब्द भी लिखे गए, जिसे छात्रों ने भित्तिचित्रों से ढक दिया है. कुल मिलाकर शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से छात्र देश को पटरी पर लाने की पुरजोर कोशिशों में जुटे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदू प्रदर्शनकारियों और सैन्यकर्मियों के बीच झड़प, लापता परिजनों के लिए न्याय की मांग

ढाका: बांग्लादेश की सत्ता में करीब 20 साल से अधिक सत्ता पर काबिज रहीं शेख हसीना को देश के सबसे अडिग और सशक्त नेताओं में से एक के रूप में देखा जाता था. आवामी लीग के नेताओं ने कभी नहीं सोचा होगा कि, आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ने पर मजबूर कर देगा. जून में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया. इस आंदोलन की आग ने किसी के घर जलाए तो किसी की बरसों पुरानी सत्ता छीन ली. बता दें कि, 5 अगस्त को आंदोलन को उग्र होता देख शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देने को मजबूर हो गईं और वह आनन-फानन में देश छोड़कर भारत आ गईं.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्र आंदोलन और सियासी संकट
बता दें कि, इसी साल 23 जून को पार्टी ने अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया था, लेकिन बांग्लादेश के इतिहास की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का ऐसा हश्र तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा. बांग्लादेश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री को पद से हटाने के एक सप्ताह के भीतर, जिन छात्रों ने शेख हसीना को देश से बाहर निकल जाने के लिए मजबूर किया था, वे ढाका के यातायात को निर्देशित करते नजर आ रहे थे.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

आंदोलन में शामिल छात्रों ने संभाला राजनीतिक मोर्चा
बांग्लादेश के ढाका समेत अन्य इलाकों की व्यस्त सड़कों पर नियॉन जैकेट पहने और गले में विश्वविद्यालय की आईडी लटकाए और हाथ में लाठी, छाता पकड़े ट्रैफिक पुलिस की तरह काम करते दिखे. देश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच पुलिस हड़ताल पर चले गए. वहीं, पुलिस की कमी को पूरा करने के लिए छात्र सड़कों पर मुस्तैद थे. इस दौरान उन्होंने ड्राइवरों को रोककर उनके लाइसेंस की जांच की और सीट बेल्ट न पहनने पर उन्हें टोका. वाहन चेंकिग के दौरान कार के कुछ खुले डिब्बों को देखकर उन्हें लगा कि, शायद वे पिछली सरकार के अधिकारी हो सकते हैं, जो तस्करी के धन की तलाश में थे.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

सड़क से लेकर मंत्रालय तक छात्रों से देश को उम्मीद
देश में उत्पन्न राजनीतिक संकट के समय छात्रों ने न केवल सड़कें संभाली हैं, बल्कि हसीना के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने वाले दो लोग अंतरिम सरकार में शामिल हो रहे हैं. शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से ऐसी स्थिति देश में बनी है. छात्र आंदोलन के कारण देश में आवामी लीग की सरकार का तख्तापलट हो गया. हसीना ने 20 साल से अधिक बांग्लादेश पर शासन किया. उनकी पार्टी ने लगातार चार बार जीत हासिल की. कहा गया कि, उनकी सरकार निरंकुश हो गई थी.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन (AFP)

अब आगे क्या होगा?
अब सवाल यह है कि, बांग्लादेश का आगे क्या होगा? शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद देश हिंसा से पूरी तरह से ग्रसित है. अब तक हिंसा में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. प्रदर्शन के दौरान विरोधी नेता के तौर पर उभरे खेल और युवा मंत्रालय के प्रभारी आसिफ महमूद ने कहा कि, छात्रों को उम्मीद है कि बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस देश में शांति और लोकतंत्र बहाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि, अंतरिम सरकार नया बांग्लादेश निर्माण करने की दिशा में कारगर साबित हो सकता है.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
शेख हसीना और बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

छात्र आंदोलन की अगुवाई करने वाले संभाल रहे राजनीतिक जिम्मेदारी
26 साल के महमूद ने कहा, उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था और कभी ऐसी महत्वकांक्षा भी नहीं थी कि, उन्हें इस उम्र में ऐसी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग के साथ शुरू हुआ जो, अवामी लीग सरकार के खिलाफ पूर्ण पैमाने पर विद्रोह में बदल गया. इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़पों और उसके परिणामस्वरूप हुई मौतों ने हसीना के शासन के खिलाफ व्यापक आक्रोश को बढ़ावा दिया और छात्रों ने लोकप्रिय समर्थन की लहर पर सवार हो गए.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
मोहम्मद यूनुस (AFP)

अंतरिम सरकार में अनुभव की कमी
देश की वर्तमान अंतरिम सरकार में अनुभव की कमी है. उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अंतरिम सरकार को चुनाव आयोजित करने में कितना समय लगेगा, इस पर भी चिंताएं व्याप्त हैं. प्रदर्शनकारियों के साथ छात्र मंत्रियों ने कहा है कि कोई भी मतदान होने से पहले, वे देश के संस्थानों में सुधार करना चाहते हैं. जिनके बारे में उनका कहना है कि अवामी लीग और उसके प्रतिद्वंद्वी, वंशवादी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी दोनों ने जनता को गर्त में धकेल दिया.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
मोहम्मद यूनुस शपथ लेते हुए (AFP)

अंतरिम सरकार पास क्या है अधिकार?
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अंतरिम सरकार अनिर्वाचित है और ऐसे में उसके पास बड़े बदलावों को लागू करने का कोई अधिकार नहीं है. ढाका स्थित सेंटर फॉर गवर्नेंस स्टडीज के कार्यकारी निदेशक जिल्लुर रहमान ने कहा, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार, जिसे छात्रों द्वारा चुना गया था, को "यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनकी मुख्य जिम्मेदारी चुनाव कराना है...उन्हें कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेना चाहिए." जिल्लुर रहमान ने कहा, यूनुस, एक अर्थशास्त्री और लंबे समय से हसीना के आलोचक रहे हैं. यूनुस गरीबों में से सबसे गरीब लोगों की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के अग्रणी उपयोग के लिए विश्व स्तर पर जाने जाते हैं . लेकिन उन्होंने कभी सरकार भी नहीं चलाई. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि छात्र इस तरह से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जैसा पहले कभी नहीं देखा गया. उन्होंने कहा "प्रत्येक मंत्रालय में एक छात्र होना चाहिए."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
छात्र नेता ने भी शपथ ली (AFP)

रहमान ने कहा कि कुछ दिनों के लिए यातायात को नियंत्रित करना एक बात है लेकिन संभावित रूप से छात्रों को मंत्रालयों में नियुक्त करना उन्हें विशेष रूप से संवेदनशील समय में "सत्ता का भूखा" बना सकता है. दूसरे छात्र से मंत्री बने नाहिद इस्लाम ने स्वीकार किया कि उनके पास शासन का कोई अनुभव नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि हसीना को बाहर करने में उन्होंने जो धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया, वह इस बात का सबूत है कि वे काम कर सकते हैं. नाहिद इस्लाम का जन्म 1998 में हुआ था. अब उन्हें सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को चलाने की जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा "हम सोचते हैं कि जो छात्र विद्रोह का नेतृत्व करने में सफल हुए हैं वे नागरिक राष्ट्र का निर्माण करने में काफी सक्षम हैं."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

छात्रों का विरोध प्रदर्शन के बाद अब कैसी है स्थिति?
हसीना के इस्तीफे के मद्देनजर, छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और उनके करीबी माने जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ अल्टीमेटम जारी कर उनसे पद छोड़ने की मांग की है. मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय बैंक के गवर्नर सहित सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों ने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया. द डेली स्टार अखबार के प्रधान संपादक महफूज अनम ने कहा, "एक आधुनिक सरकार को इस तरह से नहीं चलाया जा सकता है." उन्होंने कहा कि स्थिर परिवर्तन प्रक्रिया की दिशा में कुछ कदम उठाए गए हैं.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

पिछले कई सप्ताह विरोध प्रदर्शन में बिताने वाले कई छात्र इससे सहमत हैं. वे चाहते हैं कि अंतरिम सरकार तटस्थ हो लेकिन इस बात पर भी जोर देते हैं कि इसे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से भी जुड़ा होना चाहिए, जिनसे उनकी पीढ़ी का बहुत कम संबंध है.18 वर्षीय छात्र अल्वी महमूद ने कहा कि अगर अंतरिम सरकार अच्छा काम करती है, तो लोग बीएनपी या अवामी लीग या किसी पारंपरिक, पुरानी पार्टियों को नहीं चाहेंगे. ऐसे स्थिति में वे बदलाव चाहेंगे. वे जीवन जीने का एक नया तरीका चाहेंगे."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश के राष्ट्रपति (AFP)

बांग्लादेश में कब होंगे चुनाव
ज्वलंत सवाल यह है कि, बांग्लादेश में नए चुनाव कब तक कराए जा सकेंगे. बीएनपी के वरिष्ठ नेता मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने यूनुस से कहा कि वह अंतरिम सरकार को चुनाव के लिए अनुकूल और लोकतांत्रिक माहौल बनाने के लिए उचित समय देगी.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

अनम ने कहा, इससे "राजनीतिक माहौल में शांति की भावना" पैदा हो सकती है. इससे छात्र नेताओं को चुनाव से पहले राजनीतिक रूप से एकजुट होने का समय मिल सकता है. नए मंत्री इस्लाम ने कहा, "हम अभी तक किसी राजनीतिक मंच के बारे में नहीं सोच रहे हैं....लेकिन एक युवा पीढ़ी इस देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, उस पीढ़ी का निर्माण हो चुका है."

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

बांग्लादेश हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत
फिलहाल, देश और उसके छात्र पिछले कुछ हफ्तों की भयावहता से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनों पर की गई कार्रवाई में 300 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए. छात्र उन सड़कों पर सफाई कर रहे हैं जो हाल ही में उनके दोस्तों के खून से रंगी हुई जंग की भूमि बन गई थीं. वे हिंसा में नष्ट हुए घरों और विश्वविद्यालय परिसरों का मलबा साफ कर रहे हैं और हालांकि कुछ पुलिस हड़ताल के बाद सड़कों पर लौट आई है, कई छात्र यातायात को निर्देशित करने में मदद करने के लिए उनके साथ बने हुए हैं.

STUDENTS HELPING LEAD BANGLADESH
बांग्लादेश में प्रदर्शन (AFP)

शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को गिराया
शहर के मध्य में एक चौराहे पर 1971 में अपनी आजादी के बाद बांग्लादेश के पहले नेता शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की एक मूर्ति को हसीना के देश छोड़ते ही गुस्से और खुशी दोनों में डूबे प्रदर्शनकारियों ने उसे नीचे गिरा दिया. बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान किसी ने बांग्लादेश के झंडे के रंग लाल और हरे रंग में लिखा, "हम उन लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारी जीत के लिए लड़ाई लड़ी.... हम एक हैं. इतना ही नहीं दीवारों पर हसीना के खिलाफ कई अपशब्द भी लिखे गए, जिसे छात्रों ने भित्तिचित्रों से ढक दिया है. कुल मिलाकर शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से छात्र देश को पटरी पर लाने की पुरजोर कोशिशों में जुटे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदू प्रदर्शनकारियों और सैन्यकर्मियों के बीच झड़प, लापता परिजनों के लिए न्याय की मांग

Last Updated : Aug 15, 2024, 2:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.