ETV Bharat / international

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, एक दिन में 91 की मौत, देश में कर्फ्यू, सोशल मीडिया बंद - Violence in Bangladesh

author img

By PTI

Published : Aug 4, 2024, 8:31 PM IST

Bangladesh violence update: बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है. प्रदर्शनकारियों और आवामी लीग के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में अब तक 91 लोगों की मौत की खबर है.

Bangladesh violence update
बांग्लादेश में हिंसा (AP)

ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था के खिलाफ असहयोग आंदोलन के पहले दिन रविवार को देश भर में भारी हिंसा और आगजनी हुई. प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ आवामी लीग पार्टी के समर्थकों के बीच भीषण झड़पें हुईं. जिनमें 14 पुलिसकर्मियों समेत 90 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं.

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक झड़पों में अब तक देश भर में 91 लोग मारे गए हैं. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, हिंसा में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं. इनमें से 13 की मौत सिराजगंज के इनायतपुर थाने में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, भारी हिंसा को देखते हुए गृह मंत्रालय ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकाल के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही सरकार ने फेसबुक, मैसेंजर, व्हॉट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया है. इसके अलावा मोबाइल ऑपरेटरों को 4जी मोबाइल इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने रविवार सुबह सरकार के इस्तीफे की एक सूत्री मांग और भेदभाव के खिलाफ छात्रों के बैनर तले असहयोग आंदोलन शुरू किया. इस दौरान पीएम हसीना की पार्टी अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई.

पीएम हसीना का प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने का आदेश
इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि विरोध के नाम पर देश भर में तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं. मैं देश के लोगों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं.

मीडिया रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक की. जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, आरएबी, बीजीबी के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए.

देश में तीन दिवसीय अवकाश की घोषणा
देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय अवकाश की घोषणा की है.

अवामी लीग के छह नेताओं की पीट-पीटकर हत्या
प्रमुख बंगाली अखबार प्रथम आलो (Prothom Alo) ने बताया कि फेनी में पांच लोग, सिराजगंज में 13 पुलिसकर्मियों सहित 22, किशोरगंज में चार, ढाका में चार, बोगुरा में चार, मुंशीगंज में तीन, मगुरा में चार, भोला में तीन, रंगपुर में चार, पबना में तीन, सिलहट में चार, कमिला में तीन, जॉयपुरहाट में एक, हबीगंज में एक और बारिसल में एक व्यक्ति की मौत हुई है. अखबार ने बताया कि नरसिंगडी में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अवामी लीग के छह नेताओं और कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

पूर्व सेना प्रमुख की सरकार से राजनीतिक पहल करने की अपील
पूर्व सेना प्रमुख इकबाल करीम भुइयां ने कहा कि हम सरकार से मौजूदा संकट को हल करने के लिए राजनीतिक पहल करने का आग्रह करते हैं. हमारे सशस्त्र बलों को अपमानजनक अभियान में शामिल करके उनकी अच्छी प्रतिष्ठा को नष्ट न करें. उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बांग्लादेशी सशस्त्र बलों ने कभी भी जनता का सामना नहीं किया है या अपने साथी नागरिकों की छाती पर बंदूकें नहीं तानीं हैं.

यह भी पढ़ें- जानिए दोबारा क्यों बांग्लादेश में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया

ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था के खिलाफ असहयोग आंदोलन के पहले दिन रविवार को देश भर में भारी हिंसा और आगजनी हुई. प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ आवामी लीग पार्टी के समर्थकों के बीच भीषण झड़पें हुईं. जिनमें 14 पुलिसकर्मियों समेत 90 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं.

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक झड़पों में अब तक देश भर में 91 लोग मारे गए हैं. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, हिंसा में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं. इनमें से 13 की मौत सिराजगंज के इनायतपुर थाने में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, भारी हिंसा को देखते हुए गृह मंत्रालय ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकाल के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही सरकार ने फेसबुक, मैसेंजर, व्हॉट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया है. इसके अलावा मोबाइल ऑपरेटरों को 4जी मोबाइल इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने रविवार सुबह सरकार के इस्तीफे की एक सूत्री मांग और भेदभाव के खिलाफ छात्रों के बैनर तले असहयोग आंदोलन शुरू किया. इस दौरान पीएम हसीना की पार्टी अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई.

पीएम हसीना का प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने का आदेश
इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि विरोध के नाम पर देश भर में तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं. मैं देश के लोगों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं.

मीडिया रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक की. जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, आरएबी, बीजीबी के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए.

देश में तीन दिवसीय अवकाश की घोषणा
देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय अवकाश की घोषणा की है.

अवामी लीग के छह नेताओं की पीट-पीटकर हत्या
प्रमुख बंगाली अखबार प्रथम आलो (Prothom Alo) ने बताया कि फेनी में पांच लोग, सिराजगंज में 13 पुलिसकर्मियों सहित 22, किशोरगंज में चार, ढाका में चार, बोगुरा में चार, मुंशीगंज में तीन, मगुरा में चार, भोला में तीन, रंगपुर में चार, पबना में तीन, सिलहट में चार, कमिला में तीन, जॉयपुरहाट में एक, हबीगंज में एक और बारिसल में एक व्यक्ति की मौत हुई है. अखबार ने बताया कि नरसिंगडी में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अवामी लीग के छह नेताओं और कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

पूर्व सेना प्रमुख की सरकार से राजनीतिक पहल करने की अपील
पूर्व सेना प्रमुख इकबाल करीम भुइयां ने कहा कि हम सरकार से मौजूदा संकट को हल करने के लिए राजनीतिक पहल करने का आग्रह करते हैं. हमारे सशस्त्र बलों को अपमानजनक अभियान में शामिल करके उनकी अच्छी प्रतिष्ठा को नष्ट न करें. उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बांग्लादेशी सशस्त्र बलों ने कभी भी जनता का सामना नहीं किया है या अपने साथी नागरिकों की छाती पर बंदूकें नहीं तानीं हैं.

यह भी पढ़ें- जानिए दोबारा क्यों बांग्लादेश में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.