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रूस ने अमेरिका को दी हिदायत- भारत के आंतरिक मामलों में बोलने से पहले विकसित करे समझ, जानें क्या मामला - Pannun case Russia backs India - PANNUN CASE RUSSIA BACKS INDIA

Russia Questions Lack Of Evidence : एक बार फिर रूस ने भारत के आतंरिक मामलों में बोलने के लिए अमेरिका को आड़े हाथों लिया है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि भारत के खिलाफ कुछ भी आरोप लगाने से पहले अमेरिका को सबूत दिखाने चाहिए.

Russia Questions Lack Of Evidence
रूस के विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रवक्ता मारिया जखारोवा की फाइल फोटो. (IANS)
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By ANI

Published : May 9, 2024, 9:13 AM IST

Updated : May 9, 2024, 9:34 AM IST

मॉस्को : खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में भारत को रूस का साथ मिल गया है. रूस ने पन्नू के खिलाफ हत्या की साजिश रचने के अमेरिका के आरोपों को खारिज कर दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वाशिंगटन ने अभी तक इसमें भारत के शामिल होने का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है.

आधिकारिक प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, वाशिंगटन ने अभी तक किसी जीएस पन्नू की हत्या की तैयारी में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि बिना सबूत के इस विषय पर कोई बात नहीं होनी चाहिए. मारिया ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय मानसिकता के साथ-साथ भारतीय देश के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ को नहीं समझता है. ऐसे आरोप लगा कर वह एक देश के रूप में भारत का अनादर कर रहा है.

जखारोवा की टिप्पणी इस मामले में प्रेस की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में आयी. इससे पहले अमेरिकी अखबार 'द वाशिंगटन पोस्ट' ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि रूस और सऊदी अरब की तरह ही भारत भी अपने दुश्मनों के खिलाफ गुप्त कार्रवाई कर रहा है.

इस संदर्भ में पूछे गये सवाल के जवाब में मारिया ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि 'द वाशिंगटन पोस्ट' को अपने शब्दों की सत्यता के लिए सबूत पेश करना चाहिए.

जखारोवा ने कहा कि अमेरिका की ओर से भारत पर नियमित रूप से निराधार आरोप लगाये जा रहे हैं. वे ना केवल भारत के आतंरिक मामलों पर बोल रहे हैं बल्कि उनकी बातों से लगता है कि उन्हें भारत की विकास यात्रा के बारे में काफी गलतफहमी है.

उन्होंने कहा कि यह अमेरिका की नव-उपनिवेशवादी मानसिकता है. जो औपनिवेशिक काल की मानसिकता, दास व्यापार और साम्राज्यवाद से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इस समय भारत में आम चुनाव हो रहे हैं. स्पष्ट है अमेरिका भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की इच्छा रखता है. बेशक, यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का हिस्सा है.

गुरपतवंत सिंह पन्नू एक भारत-नामित आतंकवादी है जिसके पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है. इससे पहले नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित संलिप्तता के लिए एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग को रद्द कर दिया था.

विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसमें अमेरिका में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के कथित पोस्ट में भारतीय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के अधिकारी की संलिप्तता बताई गई थी.

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मॉस्को : खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में भारत को रूस का साथ मिल गया है. रूस ने पन्नू के खिलाफ हत्या की साजिश रचने के अमेरिका के आरोपों को खारिज कर दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वाशिंगटन ने अभी तक इसमें भारत के शामिल होने का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है.

आधिकारिक प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, वाशिंगटन ने अभी तक किसी जीएस पन्नू की हत्या की तैयारी में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि बिना सबूत के इस विषय पर कोई बात नहीं होनी चाहिए. मारिया ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय मानसिकता के साथ-साथ भारतीय देश के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ को नहीं समझता है. ऐसे आरोप लगा कर वह एक देश के रूप में भारत का अनादर कर रहा है.

जखारोवा की टिप्पणी इस मामले में प्रेस की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में आयी. इससे पहले अमेरिकी अखबार 'द वाशिंगटन पोस्ट' ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि रूस और सऊदी अरब की तरह ही भारत भी अपने दुश्मनों के खिलाफ गुप्त कार्रवाई कर रहा है.

इस संदर्भ में पूछे गये सवाल के जवाब में मारिया ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि 'द वाशिंगटन पोस्ट' को अपने शब्दों की सत्यता के लिए सबूत पेश करना चाहिए.

जखारोवा ने कहा कि अमेरिका की ओर से भारत पर नियमित रूप से निराधार आरोप लगाये जा रहे हैं. वे ना केवल भारत के आतंरिक मामलों पर बोल रहे हैं बल्कि उनकी बातों से लगता है कि उन्हें भारत की विकास यात्रा के बारे में काफी गलतफहमी है.

उन्होंने कहा कि यह अमेरिका की नव-उपनिवेशवादी मानसिकता है. जो औपनिवेशिक काल की मानसिकता, दास व्यापार और साम्राज्यवाद से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इस समय भारत में आम चुनाव हो रहे हैं. स्पष्ट है अमेरिका भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की इच्छा रखता है. बेशक, यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का हिस्सा है.

गुरपतवंत सिंह पन्नू एक भारत-नामित आतंकवादी है जिसके पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है. इससे पहले नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित संलिप्तता के लिए एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग को रद्द कर दिया था.

विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसमें अमेरिका में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के कथित पोस्ट में भारतीय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के अधिकारी की संलिप्तता बताई गई थी.

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Last Updated : May 9, 2024, 9:34 AM IST
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